नई दिल्ली: सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण व्रत होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. तिलक नगर स्थित प्राचीन सात मंजिला श्री सनातन मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील शास्त्री ने 'ETV भारत' को बताया कि हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. चतुर्थी के देवता श्री गणेश हैं. इसलिए इस दिन महिलाएं भगवान गणेश का पूजन करती हैं.
इस साल करवा चौथ का व्रत बुधवार 1 नवंबर 2023 को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत रखेंगी. करवा चौथ के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर पूजा करती हैं. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कठिन निर्जला व्रत रखती हैं.
इस दिन महिलाएं रात को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति को छलनी से देखकर व्रत खोलती हैं. मान्यता है कि करवा चौथ के व्रत से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. इस वर्ष दिल्ली में चन्द्रमा दिखने का समय 8 बज कर 17 मिनट का है. पंडित सुनील शास्त्री ने बताया कि इस व्रत को अविवाहित लड़कियां भी रख सकती हैं और अच्छे पति की कामना कर सकती हैं . इस दिन महिलाओं को पूर्ण श्रृंगार के बाद ही पूजन करना चाहिए. हिन्दू धर्म में महिलाओं को हर पूजन से पहले सम्पूर्ण श्रृंगार करने की बात कही गयी है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ का व्रत रखने की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी. यह व्रत सबसे पहले द्रौपदी द्वारा रखा गया था. जब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को पांडवों के प्राण की रक्षा के लिए इस व्रत को रखा था. मान्यता यह भी है कि द्रौपदी के व्रत रखने के कारण ही महाभारत के युद्ध में पांडवों के प्राण पर कोई आंच नहीं आई थी. इसी वजह से हर सुहागिन स्त्री को अपने पति की रक्षा और लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की रीत चली आ रही है. साथ ही इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और आपसी संबंध मधुर होते हैं.
करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त:
बुधवार, 1 नवंबर 2023 को दोपहर 1:49 बजे से 3:17 बजे तक.
शाम 05:44 बजे से रात 07:02 बजे तक.
करवाचौथ पर चांद निकालने का समय रात 08:17 बजे है.
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