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कड़कड़डूमा कोर्ट ने 4 वर्षीय बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोपी मेड को दोषी करार दिया

sexually assaulting case in delhi: दिल्ली की एक अदालत ने बच्ची के साथ यौन प्रताड़ना की आरोपी घरेलू सहायक को दोषी करार दिया है. बच्ची की मां की शिकायत पर 2016 में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 30, 2023, 2:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 4 वर्षीय बच्ची के साथ यौन प्रताड़ना की आरोपी घरेलू सहायक (मेड) को दोषी करार दिया है. एडिशनल सेशन जज रजत कुमार ने घरेलू सहायक को दोषी करार दिया है. मामला सितंबर 2016 का है. बच्ची की मां की शिकायत पर 2016 में एफआईआर दर्ज की गई थी.

शिकायत के मुताबिक बच्ची की मां ने शशि नामक मेड को उसकी देखभाल के लिए रखा था. मेड बच्ची के स्कूल से लौटने से लेकर उसकी मां के दफ्तर से घर आने तक बच्ची की देखभाल के अलावा घर के दूसरे काम करती थी. शिकायत के मुताबिक मेड ने शिकायतकर्ता के यहां करीब डेढ़ साल तक काम किया था.
शिकायत के मुताबिक मेड सितंबर 2016 में अचानक 15 दिनों की छुट्टी पर चली गई. इस बीच बच्ची ने अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन को पत्नी के पक्ष में जीपीए पर हस्ताक्षर करने की मिली अनुमति, मनी लांड्रिंग का है मामला

मेडिकल जांच में तो किसी समस्या का पता नहीं चला, लेकिन बच्ची दर्द की शिकायत करती रही. कारण पूछने पर बच्ची ने बताया कि स्कूल से घर लौटने के बाद नहीं सोने पर शशि उसका यौन‌ उत्पीड़न करती थी. इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ लगे आरोपों को सही साबित करने में सफल रही है. कोर्ट ने कहा कि बच्ची के शिक्षित परिवार के लिए यह संभव नहीं था कि वो सार्वजनिक रूप से ये कहे कि उसकी 4 वर्षीय बच्ची का इसलिए यौन उत्पीड़न किया गया, क्योंकि वह मेड का महज 4 हजार रुपये नहीं दिए थे.

ये भी पढ़ें : शहादरा बार एसोसिएशन के वकीलों ने किया हड़ताल, वकीलों के ऊपर दर्ज किए जा रहे मामले को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट का कामकाज ठप

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 4 वर्षीय बच्ची के साथ यौन प्रताड़ना की आरोपी घरेलू सहायक (मेड) को दोषी करार दिया है. एडिशनल सेशन जज रजत कुमार ने घरेलू सहायक को दोषी करार दिया है. मामला सितंबर 2016 का है. बच्ची की मां की शिकायत पर 2016 में एफआईआर दर्ज की गई थी.

शिकायत के मुताबिक बच्ची की मां ने शशि नामक मेड को उसकी देखभाल के लिए रखा था. मेड बच्ची के स्कूल से लौटने से लेकर उसकी मां के दफ्तर से घर आने तक बच्ची की देखभाल के अलावा घर के दूसरे काम करती थी. शिकायत के मुताबिक मेड ने शिकायतकर्ता के यहां करीब डेढ़ साल तक काम किया था.
शिकायत के मुताबिक मेड सितंबर 2016 में अचानक 15 दिनों की छुट्टी पर चली गई. इस बीच बच्ची ने अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की.

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मेडिकल जांच में तो किसी समस्या का पता नहीं चला, लेकिन बच्ची दर्द की शिकायत करती रही. कारण पूछने पर बच्ची ने बताया कि स्कूल से घर लौटने के बाद नहीं सोने पर शशि उसका यौन‌ उत्पीड़न करती थी. इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ लगे आरोपों को सही साबित करने में सफल रही है. कोर्ट ने कहा कि बच्ची के शिक्षित परिवार के लिए यह संभव नहीं था कि वो सार्वजनिक रूप से ये कहे कि उसकी 4 वर्षीय बच्ची का इसलिए यौन उत्पीड़न किया गया, क्योंकि वह मेड का महज 4 हजार रुपये नहीं दिए थे.

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