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भोले के भक्तों का दिखा टशन, सिर से कमर तक बने हैं स्टाइलिश - भक्तों का दिखा टशन

भगवान शिव के 9 श्रृंगारों की तरह उनके कांवड़िए भक्त भी शिव की तरह दिखना चाहते हैं. इस शिवरात्रि पर उनके भक्त भी श्रृंगार के मामले में अपने इष्ट देव से कम नहीं लग रहे हैं.

शिव भक्त etv bharat
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Published : Jul 30, 2019, 3:30 PM IST

नई दिल्ली: हिन्दू मान्यताओं में भगवान शिव के अलग-अलग रूपों का वर्णन किया जाता है. कहते हैं भगवान शिव के 9 श्रृंगार हैं जिसमें खप्पर, त्रिशूल, नाग देवता, रुद्राक्ष, गंगा यहां तक कि चंद्रमा भी शामिल हैं. जब बात शिव भक्त-कांवड़ियों की होती है तो वो भी श्रृंगार के मामले में अपने इष्ट देव से कम नहीं हैं.

शिव के भक्त रहते हैं स्टाइल में!

शिव की तरह कांवड़ियों के भी हैं अलग-अलग श्रृंगार
आज यानि मंगलवार को सावन की शिवरात्रि है. दिन बढ़ने के साथ ही कांवड़ियों की 'बम बम भोले' की गूंज भी कम होती जा रही है. शाम तक श्रद्धा से भरे ये जयकारे अगले कुछ महीनों के लिए घरों और मंदिरों तक सीमित हो जाएंगे. लेकिन एक जो चीज अगले कई महीनों तक भी नहीं सीमित होगी या भूली नहीं जाएगी, वो है कांवड़ियों के अलग-अलग रूप.

भक्तों के अलग-अलग रुप
शिवभक्त कमल कहते हैं कि उन्होंने भोलेनाथ को खुश करने के लिए अपने गले में भूतों की माला डाल रखी है क्योंकि वो खुद भोले बनकर जल लेकर आए हैं. वह कहते हैं कि कोई शिव भक्त भोले की तरह बाल रखना चाहता है, कोई उनकी तरह चोटी बनाकर रखना चाहता है कोई उनकी तरह माला पहनता है, ऐसे में भक्तों के भी अलग-अलग रूप हैं.

तांडव भी सीख रहे भक्त
कमल कहते हैं कि ये सब भगवान को खुश करने के लिए है. ऐसे ही एक भक्त ईश्वर बड़ी-बड़ी जटाएं लेकर पिछले 6 सालों से कावड़ ला रहे हैं. भक्त ने कहा कि वह शिव की तरह बनना चाहता है. इसमें न सिर्फ 9 श्रृंगार शामिल हैं बल्कि उनका दयावान स्वभाव, कम बोलने जैसी आदतों के साथ तांडव भी सीख रहे हैं.

भोले के भक्त भी है स्टाइलिश
रमन बताते हैं कि भोले बाबा स्टाइलिश हैं इसलिए उनके भक्त भी स्टाइलिश हैं. फर्क है तो सिर्फ इतना कि वो नंदी पर चलते हैं जबकि उनके भक्त मोटरसाइकिल से जाते हैं. उनका ईंधन घास है तो उनके भक्तों का पेट्रोल. वो भांग पीते हैं तो उनके भक्त चाय पीते हैं.

नई दिल्ली: हिन्दू मान्यताओं में भगवान शिव के अलग-अलग रूपों का वर्णन किया जाता है. कहते हैं भगवान शिव के 9 श्रृंगार हैं जिसमें खप्पर, त्रिशूल, नाग देवता, रुद्राक्ष, गंगा यहां तक कि चंद्रमा भी शामिल हैं. जब बात शिव भक्त-कांवड़ियों की होती है तो वो भी श्रृंगार के मामले में अपने इष्ट देव से कम नहीं हैं.

शिव के भक्त रहते हैं स्टाइल में!

शिव की तरह कांवड़ियों के भी हैं अलग-अलग श्रृंगार
आज यानि मंगलवार को सावन की शिवरात्रि है. दिन बढ़ने के साथ ही कांवड़ियों की 'बम बम भोले' की गूंज भी कम होती जा रही है. शाम तक श्रद्धा से भरे ये जयकारे अगले कुछ महीनों के लिए घरों और मंदिरों तक सीमित हो जाएंगे. लेकिन एक जो चीज अगले कई महीनों तक भी नहीं सीमित होगी या भूली नहीं जाएगी, वो है कांवड़ियों के अलग-अलग रूप.

भक्तों के अलग-अलग रुप
शिवभक्त कमल कहते हैं कि उन्होंने भोलेनाथ को खुश करने के लिए अपने गले में भूतों की माला डाल रखी है क्योंकि वो खुद भोले बनकर जल लेकर आए हैं. वह कहते हैं कि कोई शिव भक्त भोले की तरह बाल रखना चाहता है, कोई उनकी तरह चोटी बनाकर रखना चाहता है कोई उनकी तरह माला पहनता है, ऐसे में भक्तों के भी अलग-अलग रूप हैं.

तांडव भी सीख रहे भक्त
कमल कहते हैं कि ये सब भगवान को खुश करने के लिए है. ऐसे ही एक भक्त ईश्वर बड़ी-बड़ी जटाएं लेकर पिछले 6 सालों से कावड़ ला रहे हैं. भक्त ने कहा कि वह शिव की तरह बनना चाहता है. इसमें न सिर्फ 9 श्रृंगार शामिल हैं बल्कि उनका दयावान स्वभाव, कम बोलने जैसी आदतों के साथ तांडव भी सीख रहे हैं.

भोले के भक्त भी है स्टाइलिश
रमन बताते हैं कि भोले बाबा स्टाइलिश हैं इसलिए उनके भक्त भी स्टाइलिश हैं. फर्क है तो सिर्फ इतना कि वो नंदी पर चलते हैं जबकि उनके भक्त मोटरसाइकिल से जाते हैं. उनका ईंधन घास है तो उनके भक्तों का पेट्रोल. वो भांग पीते हैं तो उनके भक्त चाय पीते हैं.

Intro:नई दिल्ली: हिन्दू मान्यताओं में भगवान शिव के अलग-अलग रूपों का वर्णन किया जाता है. कहते हैं भगवान शिव के 9 श्रृंगार हैं जिसमें खप्पर, त्रिशूल, नाग देवता, रुद्राक्ष, गंगा यहां तक कि चंद्रमा भी शामिल है. जब बात शिव भक्त-कावड़ियों की होती है तो वो भी श्रृंगार के मामले में अपने इष्ट देव से कम नहीं हैं.


Body:आज सावन की शिवरात्रि है. दिन बढ़ने के साथ ही कावड़ियों की ' बम बम भोले' की गूंज भी कम होती जा रही हैं. शाम तक श्रद्धा से भरे ये जयकारे अगले कुछ महीनों के लिए घरों और मंदिरों तक सीमित हो जाएंगे. लेकिन एक जो चीज अगले कई महीनों तक भी नहीं सीमित होगी या भूली जाएगी, वो है कावड़ियों के अलग-अलग रूप... शिवभक्त कमल कहते हैं कि उन्होंने भोलेनाथ को खुश करने के लिए अपने गले में भूतों की माला डाल रखी है क्योंकि वो खुद भोले बनकर जल लेकर आए हैं. वह कहते हैं कि कोई शिव भक्त भोले की तरह बाल रखना चाहता है, कोई उनकी तरह चोटी बनाकर रखना चाहता है कोई उनकी तरह माला पहनता है, ऐसे में भक्तों के भी अलग-अलग रूप हैं. कमल कहते हैं कि ये सब भगवान को खुश करने के लिए है. ऐसे ही एक भक्त ईश्वर बड़ी-बड़ी जटाएं लेकर पिछले 6 सालों से कावड़ ला रहे हैं. कैमरे पर नहीं दिखाए जाने की शर्त पर वो कहते हैं कि वो पूरी तरह शिव की तरह बनना चाहते हैं. इसमें न सिर्फ 9 श्रृंगार शामिल हैं बल्कि उनका दयावान स्वभाव, कम बोलने जैसी आदतों के साथ तांडव भी सीख रहे हैं. रमन बताते हैं कि भोले बाबा स्टाइलिश हैं इसलिए उनके भक्त भी स्टाइलिश हैं. फर्क है तो सिर्फ इतना कि वो नंदी पर चलते हैं जबकि उनके भक्त मोटरसाइकिल से जाते हैं. उनका ईंधन घास है तो उनके भक्तों का पेट्रोल. वो भांग पीते हैं तो उनके भक्त चाय पीते हैं. यही कहते-कहते वो जय भोले कहते हुए अपनी बातों को विराम दे देते हैं.


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