नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के 7वें दीक्षांत समारोह में पहली बार छात्र और शिक्षक भारतीय परिधान नजर आएंगे. दरअसल, जेएनयू प्रबंधन ने दो फरवरी को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह के लिए पहली बार ड्रेस कोड को लेकर सख्त गाइडलाइन तैयार की हैं. गाइडलाइंस के अनुसार छात्रों को सफेद कुर्ता-पाजामा और छात्राओं को सफेद बार्डर वाली साड़ी या फिर सफेद कुर्ता-सलवार या पाजामा पहनना अनिवार्य होगा. इसके ऊपर दुपट्टा विश्वविद्यालय की ओर से दीक्षांत समारोह वाले दिन उपलब्ध कराया जाएगा. इतना ही नहीं जेएनयू के सभी स्कूल, सेंटर, डिपार्टमेंट के डीन, प्रमुख, शिक्षकों और छात्रों को ड्रेस कोड के साथ फॉर्मल शूज भी पहनने होंगे.
जेएनयू के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रोफेसर उमाकांत अग्रवाल की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार किए हैं. यह पहली बार है जब जेएनयू प्रशासन ने दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए छात्रों और शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड की सख्त गाइडलाइन तैयार की हैं. अभी तक बिना किसी ड्रेस कोड के सामान्य तरीके से दीक्षांत समारोह में डिग्री दी जाती थी. दीक्षांत समारोह की जो सूचना जेएनयू की ओर से जारी की गई है उसमें लिखा है कि 16 जनवरी 2023 से लेकर 15 जनवरी 2024 तक पीएचडी प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा करने वाले स्कॉलर्स को भी डिग्री दी जाएगी.
हालांकि, दीक्षांत समारोह में मिलने वाली डिग्री ऑरिजनल नहीं होगी. पीएचडी स्कॉलर्स को दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए 1200 रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ 25 जनवरी तक आवेदन करना होगा, जबकि स्नातक छात्र 1200 रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ 22 जनवरी तक पंजीकरण कर सकते हैं. हालांकि, पीएचडी स्कॉलर्स को इससे पहले अपने स्कूल, सेंटर व छात्रावास से नो डयूज सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
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रिहर्सल में भी ड्रेस कोड अनिवार्य : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ऑडिटोरियम में एक फरवरी को दीक्षांत समारोह का रिहर्सल होगा. इसमें सभी स्कूल के डीन, चेयरपर्सन को शामिल होना जरूरी है. सभी शिक्षकों को भी तय ड्रेस कोड के तहत कपड़े और जूते पहनकर ही आना होगा. अगर कोई स्नातक छात्र रिहर्सल में शामिल नहीं होगा तो उसे दीक्षांत समारोह में भी शामिल नहीं किया जाएगा.
दीक्षांत समारोह का शुभारंभ सरस्वती वंदना के बाद वंदे मातरम से होगा, जबकि समापन में राष्ट्रीय गान होगा. दीक्षांत समारोह शुरू होने से आधा घंटा पहले सभी को तय सीट पर बैठना होगा. समारोह में अल्फाबेटिकल यानी ए, बी, सी, डी, ई, एफ के तहत सभी स्कूल और सेंटर के छात्र व शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था होगी.
हिंदी और अंग्रेजी में डिग्री : जेएनयू द्वारा दीक्षांत समारोह में छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रिंट हुई डिग्री प्रदान की जाएंगी. यह पहली बार होगा जब छात्रों को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी प्रिंट की हुई डिग्रियां दी जाएंगी. अभी तक डिग्रियां सिर्फ अंग्रेजी में ही प्रिंट की हुई मिलती थीं. डिग्री पर कुलपति, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार तीनों के हस्ताक्षर होंगे.
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