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JNU में सीएचएस पुस्तकालय बंद करने का विरोध, अभाविप ने कहा- प्रशासन वापस ले निर्णय

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने सीएचएस पुस्तकालय को बंद करने का निर्णय लिया है. पुस्तकालय को बंद करने के निर्देश के बाद अभाविप इस फैसले का विरोध कर रही है. परिषद ने कहा कि प्रशासन को इस फैसले को बदलना चाहिए. यह पुस्तकालय बंद होने से साहित्य पढ़ने वालों को खासी दिक्कत होगी.

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Published : Aug 4, 2023, 6:44 PM IST

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने इतिहास अध्ययन संस्थान से संबंधित (सीएचएस) एक्सिम पुस्तकालय को बंद करने का फैसला लिया है. विवि प्रशासन के इस फैसले का अभाविप पुरजोर विरोध कर रही है. फैसले का विरोध करते हुए अभाविप ने छात्रों से इस फैसले के विरूद्ध खड़े होने का भी आह्वान किया है. अभाविप ने जेएनयू प्रशासन को यह सुझाव दिया है कि उन्हें सीएचएस (एक्सिम) लाइब्रेरी का नाम महाकवि सुब्रमण्यम भारती के नाम पर रख देना चाहिए.

सीएचएस लाइब्रेरी जेएनयू की महत्वपूर्ण पुस्तकालयः सीएचएस एक्सिम पुस्तकालय भारतीय इतिहास, अध्ययनों और दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में एक समृद्ध संग्रह है. जो छात्र और शोधकर्ता इन विषयों में रूचि रखते हैं, उनके लिए यह एक मूल्यवान संसाधन है. जेएनयू प्रशासन इस पुस्तकालय को बंद करने का कारण फंड की कमी बता रही है. इस लाइब्रेरी को बंद करके इस भवन मे तमिल भाषा अध्ययन केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है.

अभाविप ने कहा कि तमिल भाषा के लिए अध्ययन केंद्र खोलने का फैसला सही है, लेकिन इतिहास अध्ययन केंद्र का पुस्तकालय बंद करने का फैसला अनुचित है. जेएनयू प्रशासन से इस लाइब्रेरी के लिए अधिक धन आवंटित करने और इसे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक बेहतर संसाधन बनाए जाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: जेएनयू ने जारी किया नोटिस, कहा- कैंपस में शांति भंग हुई तो कार्रवाई के लिए रहें तैयार

विवि प्रशासन से फैसला वापस लेने की मांगः जेएनयू अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि हम जेएनयू प्रशासन के सीएचएस लाइब्रेरी को बंद करने के फैसले से बहुत निराश हैं. यह छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ी बाधा होगी. हम प्रशासन से यह अनुचित फैसला तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं. अभाविप जेएनयू मंत्री विकास पटेल का कहना है कि "हम मानते हैं कि जेएनयू प्रशासन इस लाइब्रेरी को चलाने के लिए धन आवंटित कर सकता है. हम सभी छात्रों, शोधकर्ताओं और जेएनयू समुदाय के सदस्यों से सीएचएस लाइब्रेरी को बंद करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान करते हैं. अभाविप ने प्रशासन के इस अनुचित फैसले के खिलाफ ‘एक्सपोज़ खिलजी’ का नारा देते हुए विश्वविद्यालय के छात्रों से इस फैसले के खिलाफ एक साथ खड़े होने का आह्वान किया है.

ये भी पढ़ें: JNU UG. PG Admission 2023: जेएनयू में दाखिले का दौर शुरू, जानिए कब जारी होगी मेरिट लिस्ट

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने इतिहास अध्ययन संस्थान से संबंधित (सीएचएस) एक्सिम पुस्तकालय को बंद करने का फैसला लिया है. विवि प्रशासन के इस फैसले का अभाविप पुरजोर विरोध कर रही है. फैसले का विरोध करते हुए अभाविप ने छात्रों से इस फैसले के विरूद्ध खड़े होने का भी आह्वान किया है. अभाविप ने जेएनयू प्रशासन को यह सुझाव दिया है कि उन्हें सीएचएस (एक्सिम) लाइब्रेरी का नाम महाकवि सुब्रमण्यम भारती के नाम पर रख देना चाहिए.

सीएचएस लाइब्रेरी जेएनयू की महत्वपूर्ण पुस्तकालयः सीएचएस एक्सिम पुस्तकालय भारतीय इतिहास, अध्ययनों और दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में एक समृद्ध संग्रह है. जो छात्र और शोधकर्ता इन विषयों में रूचि रखते हैं, उनके लिए यह एक मूल्यवान संसाधन है. जेएनयू प्रशासन इस पुस्तकालय को बंद करने का कारण फंड की कमी बता रही है. इस लाइब्रेरी को बंद करके इस भवन मे तमिल भाषा अध्ययन केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है.

अभाविप ने कहा कि तमिल भाषा के लिए अध्ययन केंद्र खोलने का फैसला सही है, लेकिन इतिहास अध्ययन केंद्र का पुस्तकालय बंद करने का फैसला अनुचित है. जेएनयू प्रशासन से इस लाइब्रेरी के लिए अधिक धन आवंटित करने और इसे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक बेहतर संसाधन बनाए जाने की मांग की है.

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विवि प्रशासन से फैसला वापस लेने की मांगः जेएनयू अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि हम जेएनयू प्रशासन के सीएचएस लाइब्रेरी को बंद करने के फैसले से बहुत निराश हैं. यह छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ी बाधा होगी. हम प्रशासन से यह अनुचित फैसला तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं. अभाविप जेएनयू मंत्री विकास पटेल का कहना है कि "हम मानते हैं कि जेएनयू प्रशासन इस लाइब्रेरी को चलाने के लिए धन आवंटित कर सकता है. हम सभी छात्रों, शोधकर्ताओं और जेएनयू समुदाय के सदस्यों से सीएचएस लाइब्रेरी को बंद करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान करते हैं. अभाविप ने प्रशासन के इस अनुचित फैसले के खिलाफ ‘एक्सपोज़ खिलजी’ का नारा देते हुए विश्वविद्यालय के छात्रों से इस फैसले के खिलाफ एक साथ खड़े होने का आह्वान किया है.

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