नई दिल्ली: दिल्ली के बहुत से बाजार किफायती और स्टाइलिश कपड़ों के लिए मशहूर हैं, जहां दिल्ली समेत एनसीआर से खरीददार आकर मनपसंद कपड़े खरीदते हैं. नए डिजाइन और आकर्षक कपड़ों की पहचान बन चुके जनपथ मार्केट में इन दिनों खूब भीड़ जुट रही है. कनॉट प्लेस से सटे इस मार्केट में युवा ग्राहकों की अच्छी खासी संख्या देखी जाती है. आप चाहे दिल्ली के किसी भी कोने में रहते हों, जनपथ मार्केट पहुंचना बहुत आसान है क्योंकि राजीव चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन पास में ही है. इस बाजार में वीकेंड्स और छुट्टी के दिन काफी फुटफॉल रहता है. यहां कपड़ों के साथ जूते, बेल्ट, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, बैग और हैंडी क्राफ्ट आदि खरीदे जा सकते हैं.
क्या है चलन में: ओल्ड मिनी मार्केट एसोसिएशन (जनपथ) के अध्यक्ष विनोद शर्मा ने बताया कि गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और इन दिनों ज्यादातर कॉटन के डिजाइनर कपड़े ट्रेंडिंग में हैं. इसमें कॉटन की शर्ट, टी-शर्ट, ड्रेस, जंपसूट और स्कर्ट आदि प्रचलन में हैं. साथ ही काफ्तान भी युवाओं की एक विशेष पसंद बनता जा रहा है. आप यहां अपनी पसंद के अनुसार डेनिम जींस एवं स्कर्ट जैसे कपड़े खरीद सकते हैं. खास बात यह है कि यहां सभी कपड़े किफायती दामों पर उपलब्ध हैं.
कम मार्जिन पर भी कपड़ों की बिक्री: जनपथ मार्केट की एक और विशेषता है कि यहां के दुकानदार कम मार्जिन पर भी कपड़ों की बिक्री कर देते हैं. विनोद शर्मा ने बताया कि यहां पर महंगाई का खास असर देखने को नहीं मिलता है. यहां किफायती दामों में मिलने वाली चीजें लोगों को आकर्षित करती हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में ज्यादातर माल एक्सपोर्ट सरप्लस से आता है. वहीं कुछ दुकानदार अपने डिजाइनर कपड़े खुद बनवाते हैं. यही वजह है कि कस्टमर को कम पैसे में अच्छे कपड़े मिल जाते हैं.
बता दें कि जनपथ में कुल 58 दुकानें हैं और करीब 98 तहबाजार हैं. विनोद ने बताया कि पुराना फैशन फिर से लौट रहा है. करीब 50 साल पहले जो फैशन था, वही वापस आ रहा है. इसमें बेलबॉटम की पैंट भी शामिल है, जिसकी मांग में काफी इजाफा हुआ है. उनका कहना है कि जिस तरह से पुराना फैशन वापस आ रहा है इसे लेकर यही कहा जा सकता है कि ओल्ड अभी भी गोल्ड है.
एथनिक लवर्स के मुफीद बाजार: अगर आप एथनिक लवर हैं, तो ये मार्केट आपके लिए परफेक्ट है. यहां से आप सूट और कुर्ते की ढेरों वैरायटी ले सकते हैं. यहां एथनिक कपड़ों कि बिक्री करने वाले राजेश ने बताया कि वे सूट, कुर्ता और थ्री पीस सूट बेचते हैं. यहां पर हर क्वालिटी के कपड़े मिलते है. इसपर गाजियाबाद से आईं सारिका ने बताया कि उनको जनपथ में किफायती दामों में सारी चीजें मिल जाती हैं. गाजियाबाद में ऐसा बाजार न होने के कारण वे यहां आकर खरीददारी करना पसंद करती हैं.
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ब्रिटिश का से जुड़ा इतिहास: गौरतलब है कि दिल्ली के दिल में बसा जनपथ बाजार का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा है. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो जनपथ को पहले क्वीन-वे के नाम से जाना जाता था. ब्रिटिश काल में यहां से महारानी विक्टोरिया गुजरती थीं. उस समय केवल एक लेन की सड़क हुआ करती थी, जिसपर उनका रथ चलता था. कुछ साल बाद इसका नाम बदलकर जनपथ कर दिया गया. वहीं बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत सरकार ने व्यवसाय करने के लिए जनपथ पर दुकानें दी थी, जिसके बाद से वह आज तक सरकार की दी गई दुकानों में ही काम करते हैं. हालांकि कुछ दुकानदारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी बाजार में दुकानें मिली हैं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह बाजार करीब 70 साल पुराना है, जहां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे बड़े नेता भी आ चुके हैं.
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