नई दिल्ली: लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते कथित तौर पर दो बड़े घोटाले हुए. कथित आईआरसीटीसी और लैंड फॉर जॉब घोटाला. दोनों ही मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी सहित कुछ आरोपियों के नाम शामिल हैं. यही वजह है कि कई लोगों को लगता है कि ये दोनों मामले एक ही हैं. जबकि, दोनों मामले अलग हैं, लेकिन इनमें आरोपियों के नाम के अलावा कुछ समानताएं है. दोनों घोटाले जिस समय के बताए जाते हैं उस समय कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. इसके अलावा आईआरसीटीसी और लैंड फॉर जॉब दोनों मुकदमे दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल के कोर्ट में चल रहे हैं. अब जानिए घोटाले के बारे...
सवाल: क्या है आईआरसीटीसी घोटाला?
जवाब: लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 से 2009 के बीच रांची और पुरी में संचालित दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नामक एक निजी कंपनी को दे दिया गया था. जबकि, इन होटलों की देखरेख का जिम्मा आईआरसीटीसी के पास था. विजय और विनय कोचर इस कंपनी के मालिक थे. CBI का आरोप है कि काम मिलने के बदले में इन लोगों ने लालू यादव को पटना में 3 एकड़ जमीन दे दी, जो बेनामी संपत्ति थी. इसके बाद ईडी ने मामला दर्ज कर लिया.
सवाल: आईआरसीटीसी घोटाले में ईडी ने कब चार्जशीट दाखिल की?
जवाब: आईआरसीटीसी घोटाले में ईडी ने 2018 में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, राजद नेता प्रेमचंद (पीसी) गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, सुजाता होटल्स के मालिक विजय व विनय कोचर और रेलवे के कुछ अधिकारी समेत कुल 16 आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी.
सवाल: आईआरसीटीसी घोटाला मामले में केस की अभी क्या स्थिति है?
जवाब: आईआरसीटीसी घोटाला मामले में मुकदमे में 16 आरोपितों पर आरोप तय करने को लेकर बारी-बारी से राउज एवेन्यू कोर्ट में बहस की प्रक्रिया चल रही है. लालू यादव पर आरोप तय करने पर बहस पूरी हो चुकी है.
सवाल: कथित लैंड फॉर जॉब घोटाला क्या है?
जवाब: CBI का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तो रेलवे में बिना विज्ञापन निकाले बड़ी संख्या में लोगों को जमीन लेकर नौकरी दी गई थी. लालू यादव ने यह जमीन अपने बेटे, बेटियों, पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर ली थी. साथ ही रेलवे के हाजीपुर, जबलपुर, मुंबई, कोलकाता और जयपुर मंडल में लोगों को नौकरी दी गई थी.
सवाल: लैंड फॉर जॉब घोटाले में CBI ने पहली चार्जशीट कब दाखिल की और उसमें किस-किस के नाम हैं?
जवाब: लैंड फॉर जॉब घोटाले में सीबीआई ने 18 अक्टूबर, 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल की. इसमें लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव (दोनों लालू की बेटियां) सहित कुल 16 लोगों के नाम दर्ज हैं.
सवाल: दोनों घोटालों में कौन कौन जमानत पर हैं?
जवाब: आईआरसीटीसी और लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव सहित अधिकतर आरोपी जमानत पर हैं. तेजस्वी यादव भी आईआरसीटीसी घोटाले में जमानत पर हैं. लैंड फॉर जॉब घोटाले में तेजस्वी को जमानत लेनी पड़ सकती है.
सवाल: लैंड फॉर जॉब घोटाले में तेजस्वी यादव का नाम चार्जशीट में शामिल होने के क्या मायने हैं?
जवाब: कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता अरुण राघव का कहना है कि 12 सितंबर को सीबीआई की नई चार्जशीट पर सुनवाई होगी, जिसमें तेजस्वी का नाम है. अगर कोर्ट चार्जशीट को स्वीकार करता है तो तेजस्वी यादव को भी जमानत करानी होगी.
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