नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद ईटीवी भारत ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से खास बातचीत की. जिसमें पूछे गए सवालों का सिसोदिया ने बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने लोगों से आम आदमी पार्टी सरकार के पिछले 5 साल में किए गए कामकाज पर वोट देने की अपील की.
मतदान की तारीख का ऐलान होने के बाद क्या आम आदमी पार्टी को डर लग रहा है?
नहीं, कॉन्फिडेंस है. हम तो चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीख का ऐलान करने का इंतजार कर रहे थे. दोबारा चुनाव मैदान में आए हैं, दिल्ली की जनता हमें वोट दे और हम अपने काम को आगे बढ़ाएं. हमने काम किया है, काम करेंगे.
बिजली बिल हाफ-पानी बिल माफ, पिछले चुनाव में वादा कर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में आई थी. इस बार पार्टी का क्या नारा होगा?
जो काम किया है, आगे भी करेंगे. यही इस बार हमारा चुनावी एजेंडा रहेगा. लोगों को बिजली चाहिए, पानी चाहिए, अच्छी शिक्षा चाहिए, अच्छी सड़कें चाहिए, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी चाहिए, स्वास्थ्य चाहिए, जो सरकार ने दिया है. सरकार आगे भी अपना काम जारी रखेगी और ये तभी संभव होगा जब हम दोबारा सत्ता में आएंगे.
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 'फरिश्ते' जैसी योजनाएं सरकार में आने के बाद लागू की गई हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में क्या सरकार कुछ ऐसा बड़ा ऐलान करने वाली है?
जब हमने सरकार चलाई और हमारे पास पैसा आया तब हमें लगा कि दिल्ली वालों को और भी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. इसी का नतीजा है कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई. फरिश्ते स्कीम लागू की गई. 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया गया. ईमानदारी से काम किया. हमारे पास पैसे आए तो हमने जनता को सुविधाएं देने की कोशिश की.
जो वादे अधूरे रह गए उनका क्या ?
इस कार्यकाल में जो वादे पूरे नहीं हुए, उन्हीं वादों को आगे सरकार पूरा करेगी. लोग चाहते हैं कि उन्हें अच्छी बिजली मिले, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, अस्पतालों में बेहतर सुविधा हो. जितने मोहल्ला क्लीनिक नहीं बन पाए वो सब आगे बनेंगे.
डीटीसी के बेड़े में कम बसें क्यों?
डीटीसी के बेड़े में बसें शामिल नहीं होने के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि बसें आई हैं. किस स्कीम में आई हैं ये मायने नहीं रखता. लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं, यही काफी है.
आम आदमी पार्टी सरकार जब सत्ता में आई थी तब 31 हजार करोड़ का बजट था. आज 60 हजार करोड़ का बजट है. फिर भी सरकार हमेशा केंद्र पर पैसा नहीं देने का आरोप लगाती रही है ऐसा क्यों?
दिल्ली के लोग ईमानदारी से अपना टैक्स देते हैं. केंद्र टैक्स में अन्य राज्यों को जो हिस्सेदारी होती है, उसी तरह दिल्ली को भी निर्धारित हिस्सेदारी का पैसा मिलना चाहिए. दिल्ली में ईमानदार सरकार है तो इसका मतलब ये नहीं है कि केंद्र सरकार दिल्ली को पैसा ना दे.
दो दशक से अधिक समय से दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी इस बार अराजक बनाम राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ने जा रही है?
अच्छी शिक्षा देना अराजक है क्या? अच्छे स्कूल बनाना अराजक है क्या? बीजेपी के लोग ही हम लोगों को कह रहे हैं कि आप चिंता ना करो हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए आपने स्कूल बेहतर किया है, हम वोट आम आदमी पार्टी को ही देंगे.
आम आदमी पार्टी जो हमेशा से प्रत्याशियों के नाम पहले जारी कर देती थी, इस बार क्यों दे रही हो रही है? घोषणा पत्र लेकर पार्टी कब आएगी?
घोषणापत्र तैयार करने का काम चल रहा है, जल्दी से जारी कर देंगे. अभी तो चुनाव की तारीख का ऐलान हुआ है, पार्टी मीटिंग कर रही है और जल्द ही प्रत्याशियों के नामों का भी ऐलान कर दिया जाएगा.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लगाए गए आरोपों पर क्या कहेंगे?
अमित शाह खुद अब डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं. अपना मोबाइल ऑन रखें, वाईफाई मिल जाएगा. लोगों से ही पूछ लें कि सीसीटीवी लगे हैं या नहीं? रास्ते चलते लोगों से पूछ लें कि बिजली का बिल शून्य आ रहा है या नहीं? बच्चे मिलेंगे उनसे पूछना कि स्कूल में अच्छी पढ़ाई हो रही है या नहीं? उन्हें जवाब खुद मिल जाएगा. अमित शाह किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे वे खुद तय करें. हमारा मुद्दा काम है, हमने काम किया है और आगे भी करेंगे, हम इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे.
राजनीतिक गलियारे में आम आदमी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता खिसकते नजर आ रहे हैं ?
ऐसा नहीं है. जमीनी कार्यकर्ता बहुत हैं. उन्हीं की बदौलत पार्टी चल रही है. इस बार 67 पार का हमारा नारा है. हमें उम्मीद है इस लक्ष्य को पार करने में सफल होंगे.