नई दिल्ली: नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में भारतीय रेलवे का भी एग्जीबिशन लगा है, जहां पर लोगों को रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के बारे में विभिन्न मॉडल के जरिए बताया और समझाया जा रहा है. देश की बड़ी आबादी ट्रेन से ही दूर का सफर करती है. ऐसे में ट्रेनों में टिकट बुक करने की व्यवस्था और विस्तृत जानकारी होना जरूरी होता है. इसलिए ट्रेड फेयर में लगे एग्जीबिशन में रेलवे के टिकटिंग व्यवस्था के बारे में भी लोगों को विस्तृत जानकारी दी जा रही है.
![ऑनलाइन ट्रेन टिकट खरीदना है सेफ](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/21-11-2023/20075504_gfx.jpg)
ऑनलाइन ट्रेन टिकट खरीदना है सेफ: सेंटर फॉर रेलवे इनफॉरमेशन सिस्टम (क्रिस) के असिस्टेंट मैनेजर रविकांत भारती ने बताया कि अभी लोग आरक्षित टिकट लेने के लिए लंबी लाइन में खड़े रहते हैं. इससे कई बार ट्रेन छूट जाती है या भाग कर ट्रेन पकड़ते हैं, जिससे हादसे का डर रहता है. यात्रियों को ऑनलाइन टिकटिंग के बारे में जागरूक किया जा रहा है. देश मे रोजाना करीब 6 लाख लोग अनारक्षित टिकट लेते हैं. इसमे महज 5 से 6 प्रतिशत लोग मोबाइल से ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं. पहले के मुकाबले पीआरएस सिस्टम अब और तेजी से काम करता है. 7.5 हजार टिकट प्रति मिनट बुक किया जा सकता है. पहले यह आंकड़ा कम था. इसके साथ ही वालेट सिस्टम भी शुरू किया गया है, जिससे लोग फेल्ड ट्रांजेक्शन से बच सकें, जल्द टिकट बुकिंग हो सके. पेमेंट के लिए गेटवे को एक्स्ट्रा चार्ज न देना पड़े.
रेलवे ऑनलाइन टिकटिंग की ओर बढ़ रहा है: भारतीय रेलवे ने पेसेजंर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) को समय के साथ अपग्रेट किया है. इससे टिकट बुकिंग की सुविधा तेज और सरल हुई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक देश में रोजाना 18 से 20 लाख आरक्षित व अनारक्षित (रिजर्व्ड एंड अनरिजर्व्ड) टिकेट बुक होते हैं. ज्यादातर लोग आरक्षित टिकट ऑनलाइन लेने लगे है लेकिन अभी अनारक्षित टिकट (जनरल कोच का टिकट) सिर्फ 5 से 6 प्रतिशत लोग ही खरीद रहे हैं. रेलवे ऑनलाइन टिकटिंग की ओर बढ़ रहा है. हालांकि अभी भी देश में 5693 पीआरएस काउंटर 3439 स्थान पर चल रहे हैं.
- यह भी पढ़ें- इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में ट्रेडिशनल कुनबी क्लॉथ से बना फ्लावर स्टैंड महिलाओं को कर रहा आकर्षित
देश में 4 डेटा सेंटर और 1 डेटा रिकवरी साइट है: इतना ही नहीं पीआरएस का डेटा सुरक्षित करने के लिए देश में दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में डेटा सेंटर बनाया गया है. यदि किसी कारणवश चारों डेटा सेंटर काम नहीं करते तो हैदराबाद के सिकंदराबाद में डेटा का डीआर (डिजास्टर रिकवरी) साइट भी बनाई गई है. जहां से डेटा को रिकवर किया जा सकता है.