नई दिल्ली: IIT दिल्ली के विंध्याचल हॉस्टल में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली. मामले की जानकारी मिलने पर किशनगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक छात्र का नाम अनिल है, जो मूलतः उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का रहने वाला था. अनिल मैथ्स और कंप्यूटिंग में बीटेक कर रहा था, लेकिन कुछ विषयों की पढ़ाई पूरी न होने के कारण उसने छह महीने का एक्सटेंशन ले लिया था और आईआईटी के हॉस्टल में रह रहा था. मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
आशंका जताई जा रही है कि अनिल पढ़ाई को लेकर तनाव में था, इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया. वहीं इस घटना को लेकर दिल्ली आईआईटी के निदेशक रंगन बनर्जी ने दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि हमारी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है. इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ हैं.
IIT छात्र के सुसाइड पर छात्रों का दर्दः ईटीवी भारत से बात करते हुए आईआईटी के स्टूडेंट अंकुश लोहिया और गार्गी ने बताया कि छात्रों के ऊपर पढ़ाई को लेकर तनाव रहता है. छात्र दूर-दूर से यहां आकर पढ़ते हैं उनके ऊपर मेंटली प्रेशर काफी ज्यादा रहता है. उनका ये भी कहना है कि थोड़ी बहुत कमी माता-पिता की भी रहती है. अगर वह अपने बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए भेज रहे हैं तो उनसे लगातार टच में रहना चाहिए, क्या पता उनका बच्चा किस समस्या में है.
वहीं IIT में पढ़ने वाली गरिमा बताती हैं कि प्रेशर तो थोड़ा बहुत रहता है, लेकिन उसमें अगर हम समय पर अपनी पढ़ाई को पूरा करेंगे, सभी सब्जेक्ट को क्लियर कर लेते हैं तो प्रेशर नहीं रहेगा.
सचिन रंधावा ने बताया कि वह गुजरात से यहां पर पढ़ने के लिए आए हैं, उनका कहना है कि पढ़ाई को लेकर अपने ऊपर ज्यादा प्रेशर नहीं रहने देना चाहिए. समय पर हम अपना दिया हुआ काम पूरा करेंगे तो हमारे ऊपर ज्यादा दबाव नहीं रहेगा. अगर किसी छात्र को दिक्कत या परेशानी आ रही है तो वो अपने माता-पिता से शेयर करें. आत्महत्या का कदम नहीं उठानी चाहिए.
IIT स्टूडेंट्स क्यों कर रहे सुसाइड?: दरअसल, यह पहला मामला नहीं है जब देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में से एक आईआईटी से किसी छात्र की आत्महत्या की खबर सामने आई हो, इससे पहले भी पिछले महीनों में कई छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. इन सभी की आत्महत्या का कारण भी परीक्षा में पास न होना या प्लेसमेंट न होना बताया गया. हाल ही में आईआईटी दिल्ली ने भी छात्रों का तनाव कम करने के लिए मिड-सेम परीक्षा रद्द कर दी थी. इसके बाद भी छात्रों की आत्महत्या के मामले नहीं रुक रहे हैं.
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