नई दिल्ली: देश भर में पिछले कुछ महीनों के दौरान अचानक हार्ट अटैक से हुई मौतों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. नाचते-गाते, चलते-फिरते कई लोगों की मौत हुई है. इनमें युवा, महिलाएं सभी शामिल हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर आम लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. हार्ट अटैक से हुई मौतों को कोविड से जोड़कर भी देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस संबंध में स्टडी रिपोर्ट आने के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है. कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच गत 6 जून को सौराष्ट्र में मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव गांधी की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
चलते-फिरते हार्ट अटैक के मामलों को लेकर ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक डॉ राम एस उपाध्याय ने कहा कि "वैसे तो हार्ट अटैक के कई कारण हैं. लेकिन एक वजह यह भी है कि कोरोना महामारी ने हमारे शरीर के अंगों पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ा है. इसकी वजह से बहुत से मरीज हार्ट और लंग्स संबंधी बीमारियों की चपेट में आ गए हैं. अभी इसको लेकर स्टडी चल रही है. अगर हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, तो पंपिंग पावर किसी भी वायरल इंफेक्शन में कम हो जाती है. इसमें धीरे-धीरे सुधार आता है."
डॉ उपाध्याय का कहना है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) से मौतों की वजह का पता लगाने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) स्टडी कर रहा है. इसमें कई बातों का ध्यान रखा जा रहा है. जैसे जिनकी अचानक मौत हुई, क्या उनमें कोविड के सामान्य लक्षण थे या गंभीर कोविड हुआ था. मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के पहले या डिस्चार्ज होने के बाद टीका लगा था.
39 अस्पतालों के मरीजों के डेटा का विश्लेषण: आईसीएमआर देश के 39 अस्पतालों में 2020 से भर्ती कोविड मरीजों के डाटा का विश्लेषण कर रहा है. देखा जा रहा है कि अस्पतालों में भर्ती जो मरीज ठीक होकर आए थे, उनकी मौत कैसे हुई. इस महीने या जुलाई तक स्टडी का अंतिम विश्लेषण पूरा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि अचानक मौत के मामले में अभी तक जो स्टडी हुई है, उसमें कुछ चीजें सामने आई हैं, जो अचानक मौत के जोखिम को बढ़ाती है. एम्स में भी स्टडी हो रही है, जिसमें 18 से 45 उम्र के लोगों की मौत की जांच हो रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है. जैसे- शरीर के विभिन्न अंगों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ा था.
0.2 फीसदी मामले सेक्स से संबंधित: डॉ उपाध्याय ने यूपी के बहराइच में शादी के बाद पहली रात में दूल्हा-दुल्हन की कार्डियक अरेस्ट से मौत की घटना को लेकर बताया कि हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट के मामले में 0.2 प्रतिशत सेक्स से संबंधित था. इसका मतलब यह है कि प्रति 1000 मामलों में से केवल दो मामले ऐसे है, जिसमें सेक्स के दौरान या ठीक बाद में उन्हें हार्ट अटैक आया. आमतौर पर ज्यादातर लोगों के लिए यह सुरक्षित होता है. सेक्स के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट और उसमें मृत्यु होना, बेहद असामान्य है. अध्ययन के दौरान लगभग 7000 केस स्टडी में पाया गया कि 17 मामलों में सेक्स ने भूमिका निभाई. सेक्स के दौरान दिल का दौरा पड़ने वालों की औसत आयु 38 साल थी. आश्चर्यजनक रूप से उनमें से लगभग एक तिहाई महिलाएं थीं. अध्ययन में यह भी पाया गया कि लगभग आधे मामलों में पहले से उनमें हृदय रोग की समस्या थी. अन्य आधे में हार्ट अटैक आने का कोई स्पष्ट कारण नहीं था. हार्ट अटैक तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है.
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स्वास्थ्य संबंधी इन परेशानियों को कभी नहीं करें नजरअंदाज:
- जो लोग 40 वर्ष को पार कर चुके हैं, उन्हें नियमित रूप से हार्ट की जांच करानी चाहिए. इससे बीमारी के शुरू में ही उनका इलाज किया जा सकेगा.
- हार्ट की जांच नहीं करवाने से प्री-एग्जिस्टिंग बीमारियों का पता नहीं चल पाता. जब हार्ट अटैक हो जाता है तब लोग अस्पताल का रुख करते हैं.
- ब्लड प्रेशर और पल्स की मॉनिटरिंग नियमित रूप से करनी चाहिए. इससे बहुत से खतरों से आप बच जाते हैं.
- अगर दिल की धड़कन बढ़ती है तो उसे नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर से आवश्यक जांच करानी चाहिए.