नई दिल्ली: 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कनॉट प्लेस के सेंट्रल सर्कल में गलवान घाटी के अमर शहीदों को समर्पित विशाल चित्र का अनावरण क्षेत्र की सांसद मीनाक्षी लेखी ने किया. इस अवसर पर अमर शहीदों के श्रद्धांजलि समारोह का भी उद्घाटन सांसद मीनाक्षी लेखी ने किया. सभी को 74 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी.
इस अवसर पर सांसद लेखी ने राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने के लिए समस्त देशवासियों को त्याग और समर्पण के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. इस अवसर पर लेखी ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस का दिन हमारे वीर जवानों को याद करने का दिन है. आज के दिन अपने शहीदों को याद करने का है. हम अपने वीर जवान के प्रति कृतज्ञता और आभार प्रकट करते हैं.
मीनाक्षी लेखी ने बताया कि एक धागा जो हम सभी को एक सूत्र में बांधने का काम करता है, उसी धागे से हम सभी बंधे हैं. आगे की जो लड़ाई है. उसके लिए हम सभी हाथ मिलाकर उस लड़ाई में अपने हिस्से का सहयोग करेंगे. चाहे लड़ाई गंदगी के खिलाफ हो या चाहे सार्वजनिक जगहों पर थूकने वाले लोगों के खिलाफ. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद भी बखूबी काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि शहीदों की जब बात होती है, तो पुलिसकर्मी का नाम भी उनमें शामिल होता है. इस कोरोना काल में हम सभी ने पुलिसकर्मियों के बेहतरीन काम को देखा है. हम उन्हें भी नमन करते हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर हम सब की रक्षा और सुरक्षा कर रहे हैं.
बंधु इंडिया एनजीओ के अध्यक्ष शशांक त्रिवेदी और उनके सभी सहयोगियों को ऐसे राष्ट्रीय महत्व के आयोजन के लिए बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. स्वागत भाषण के दौरान बंधु इंडिया के अध्यक्ष शशांक त्रिवेदी ने भावुक होते हुए उनके प्रयास और पहल में सहयोग और प्रोत्साहन देने वालों के प्रति आभार प्रकट किए. इस अवसर पर शशांक ने गलवान वैली की पेंटिंग के बारे में बताया कि बलवान वैली की जो पेंटिंग है. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इसका एक अलग महत्व बनता है.
पेंटिंग को यादगार बनाने वाले कलाकारों के प्रति आभार प्रकट किया
त्रिवेदी ने कहा कि इस पेंटिंग को बनाने में सहयोग करने वाले कलाकार हम आभार व्यक्त करते हैं. साथ ही एनडीएमसी का भी आभार व्यक्त करते हैं. जिसने हमारी काफी मदद की है. गलवान में इस पेंटिंग को आज हम राष्ट्र के नाम समर्पित कर रहे हैं.
शशांक ने बताया कि चाइना के साथ बॉर्डर पर जो अभी कुछ समय पहले तनाव की स्थिति पैदा हुई थी. जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए थे, उन सभी को हमने पेंटिंग में उतारने की कोशिश की. आज उस पेंटिंग को हम स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को समर्पित करते हैं.