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केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ मीटिंग में मनीष सिसोदिया ने उठाए ये मुद्दे

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने देश के सभी शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. इस दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई मुद्दों पर चर्चा की. इस खबर में जानिए किन-किन अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

HRD मंत्री की शिक्षा मंत्रियों के साथ मीटिंग
HRD मंत्री की शिक्षा मंत्रियों के साथ मीटिंग
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Published : Apr 29, 2020, 9:38 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा, अकादमी कैलेंडर जैसे प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने देश के सभी शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की.

HRD मंत्री की शिक्षा मंत्रियों के साथ मीटिंग

इस दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई मुद्दों पर बल दिया. उन्होंने कहा कि 9वीं और 11वीं की तर्ज पर 10वीं और 12वीं के बच्चों को भी बिना बोर्ड परीक्षा के पास किया जाए. साथ ही सीबीएसई और एनसीईआरटी की सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती की जाए. इसके अलावा दूरदर्शन और एफएम पर दिल्ली सरकार को बच्चों को पढ़ाने के लिए समय दिया जाए.

बोर्ड परीक्षा खत्म करने पर CBSE
बता दें कि केंद्रीय मंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई अहम सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह 9वीं और 11वीं के छात्रों को इंटरनल एसेसमेंट और पहले की परीक्षा के आधार पर पास कर दिया गया है, उसी तरह 10वीं और 12वीं के बच्चों को भी पास कर दिया जाए क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग के चलते परीक्षा कराना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में कोई राज्य बोर्ड नहीं है, ऐसे में सीबीएससी को ही ठोस निर्णय लेना होगा और परीक्षा को लेकर अनिश्चितता को खत्म करना होगा.


मेरिट बेस पर मिले दाखिला
वहीं उन्होंने कहा कि आईआईटी, नीट और यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम कराना भी चुनौतीपूर्ण होगा. ऐसे में बच्चों का वर्ष खराब ना हो और उन्हें किसी तरह का तनाव ना हो इसके चलते 12वीं क्लास के छात्रों को मेरिट के हिसाब से इन कोर्स में दाखिला दे दिया जाए.




सिलेबस में 30 फीसदी कटौती
वहीं शिक्षा मंत्री ने प्रस्ताव रखा कि इस साल सीबीएसई और एनसीईआरटी के सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती की जाए और अगले साल के सीबीएसई बोर्ड एग्जाम, आईआईटी, नीट आदि परीक्षाएं भी उसी हिसाब से ही कराए जाएं.




FM और दूरदर्शन क्लासेस के लिए दें समय
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस के दौरान सभी शिक्षक डिजिटल माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 68 फीसदी बच्चों के पास ही स्मार्ट फोन है, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि माता-पिता घर पर हैं.

ऐसे में शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की है कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर दिल्ली सरकार को समय दिया जाए जिससे कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचर एलिमेंट्री, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी शिक्षा की इंटरएक्टिव कक्षाएं लें और बच्चे उसी लेसन प्लान के आधार पर पढ़ाई कर सकें जो उनके स्कूल में फॉलो किया जाता है.


नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा, अकादमी कैलेंडर जैसे प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने देश के सभी शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की.

HRD मंत्री की शिक्षा मंत्रियों के साथ मीटिंग

इस दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई मुद्दों पर बल दिया. उन्होंने कहा कि 9वीं और 11वीं की तर्ज पर 10वीं और 12वीं के बच्चों को भी बिना बोर्ड परीक्षा के पास किया जाए. साथ ही सीबीएसई और एनसीईआरटी की सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती की जाए. इसके अलावा दूरदर्शन और एफएम पर दिल्ली सरकार को बच्चों को पढ़ाने के लिए समय दिया जाए.

बोर्ड परीक्षा खत्म करने पर CBSE
बता दें कि केंद्रीय मंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई अहम सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह 9वीं और 11वीं के छात्रों को इंटरनल एसेसमेंट और पहले की परीक्षा के आधार पर पास कर दिया गया है, उसी तरह 10वीं और 12वीं के बच्चों को भी पास कर दिया जाए क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग के चलते परीक्षा कराना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में कोई राज्य बोर्ड नहीं है, ऐसे में सीबीएससी को ही ठोस निर्णय लेना होगा और परीक्षा को लेकर अनिश्चितता को खत्म करना होगा.


मेरिट बेस पर मिले दाखिला
वहीं उन्होंने कहा कि आईआईटी, नीट और यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम कराना भी चुनौतीपूर्ण होगा. ऐसे में बच्चों का वर्ष खराब ना हो और उन्हें किसी तरह का तनाव ना हो इसके चलते 12वीं क्लास के छात्रों को मेरिट के हिसाब से इन कोर्स में दाखिला दे दिया जाए.




सिलेबस में 30 फीसदी कटौती
वहीं शिक्षा मंत्री ने प्रस्ताव रखा कि इस साल सीबीएसई और एनसीईआरटी के सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती की जाए और अगले साल के सीबीएसई बोर्ड एग्जाम, आईआईटी, नीट आदि परीक्षाएं भी उसी हिसाब से ही कराए जाएं.




FM और दूरदर्शन क्लासेस के लिए दें समय
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस के दौरान सभी शिक्षक डिजिटल माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 68 फीसदी बच्चों के पास ही स्मार्ट फोन है, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि माता-पिता घर पर हैं.

ऐसे में शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की है कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर दिल्ली सरकार को समय दिया जाए जिससे कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचर एलिमेंट्री, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी शिक्षा की इंटरएक्टिव कक्षाएं लें और बच्चे उसी लेसन प्लान के आधार पर पढ़ाई कर सकें जो उनके स्कूल में फॉलो किया जाता है.


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