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Vedic Heritage Portal: गृहमंत्री अमित शाह ने किया वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ - वैदिक हेरिटेज पोर्टल

गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने वैदिक हेरिटेज पोर्टल और 64 कलाओं पर आधारित आभासी संग्रहालय कला वैभव का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा मोदी सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के प्राचीन ग्रन्थों व पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रही है.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
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Published : Mar 23, 2023, 7:45 PM IST

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र परिसर में केन्द्र द्वारा निर्मित वैदिक हेरिटेज पोर्टल और 64 कलाओं पर आधारित आभासी संग्रहालय का लोकार्पण गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने किया. इससे पहले उन्होंने शहीद दिवस पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के प्राचीन ग्रन्थों व पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रही है. लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत देश के विभिन्न गुरुकुलों से आए बटुकों (वेदपाठियों) और रोहतक के गुरुकुल से आईं विदुषियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से हुई.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

वैदिक हेरिटेज पोर्टल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तैयार: वैदिक हेरिटेज पोर्टल को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तैयार किया गया है. हैरिटेज पोर्टल केन्द्र का ऐसा प्रकल्प है, जिसमें भारतीय ज्ञान और संस्कृति के मूल वेद एवं सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का मौलिक रूप में संग्रह किया गया है. वैदिक मन्त्र लिखित न होकर ऋषियों द्वारा श्रुत एवं दृष्ट हैं, जिनका हस्तांतरण गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से विभिन्न‘प्रकृति एवं विकृति पाठों के साथ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक किया जाता है. भारत में ज्ञान की सर्वाधिक प्रामाणिक पद्धति दृष्ट और श्रुत ही है, जिसका संरक्षण उसके मूल स्वरूप में किया जाना आवश्यक है. इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र द्वारा वैदिक हैरिटेज पोर्टल की संकल्पना की गई है.

अमित शाह ने किया वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
अमित शाह ने किया वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

वेद एवं वैदिक परम्परा का सम्पूर्ण डिजिटल दिग्दर्शन: वैश्विक परिदृश्य में वैदिक हेरिटेज पोर्टल ही सम्भवतः एकमात्र ऐसा प्रकल्प है, जहां वेद एवं सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का डिजिटल दिग्दर्शन किया जा सकता है. इस पोर्टल में सम्पूर्ण भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से वेदपाठी आचार्यों के चार वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) की प्रचलित शाखाओं के कुल 18 हजार से अधिक मन्त्रों के अब तक 550 घण्टों की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग संगृहीत है. इस पोर्टल में ऑडियो-विजुअल के साथ-साथ विशेष तकनीकी प्रभाव से युक्त लिपिबद्ध मन्त्रों का अनुवाद के साथ समायोजन किया गया है. आधुनिक विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में वैदिक ज्ञान की प्रासंगिकता को बताने वाले अनेक वैज्ञानिक विषयों के शोधपरक लेख और व्याख्यान इस पोर्टल पर संगृहीत हैं.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

23 मार्च ऐतिहासिक दिन: केन्द्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, आज 23 मार्च है, यह एक ऐतिहासिक दिन है. शहीद दिवस के मौके पर मां भारती के तीन वीर सपूतों शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इनका बलिदान देश के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा कि वेदिक हैरिटेज पोर्टल सराहनीय कदम है. एक ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा कि वेद न सिर्फ भारत के, बल्कि विश्व के सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं. हमारे प्राचीन ग्रन्थों में वह शक्ति है, जिसमें जीवन के सभी प्रश्नों के उत्तर मिल सकते है. आज दुनिया संकट से जूझ रही है, उन संकटों का समाधान भारत के प्राचीन ग्रन्थों में है.

ये भी पढ़ें: Air India Urine Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने DGCA को दो सप्ताह में अपीलीय समिति बनाने का दिया निर्देश

भारत के लिए अद्भुत अवसर: आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने इस अवसर पर कहा कि यह आईजीएनसीए और भारत के लिए एक अद्भुत अवसर है. उन्होंने कहा कि वैदिक विरासत का संबंध प्राचीन अतीत, वर्तमान समय से है और भविष्य में भी इसकी निरंतरता बनी रहेगी. पोर्टल के शुभारम्भ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वेद आदिकाल से मौखिक परम्परा का हिस्सा रहे हैं और वैदिक हेरिटेज पोर्टल उसी का दस्तावेजीकरण है. कार्यक्रम के अंत में डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि यह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के लिए बहुत आनंद का अवसर है.

ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi Convict: राहुल गांधी के समर्थन में केजरीवाल बोले- मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र परिसर में केन्द्र द्वारा निर्मित वैदिक हेरिटेज पोर्टल और 64 कलाओं पर आधारित आभासी संग्रहालय का लोकार्पण गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने किया. इससे पहले उन्होंने शहीद दिवस पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के प्राचीन ग्रन्थों व पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रही है. लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत देश के विभिन्न गुरुकुलों से आए बटुकों (वेदपाठियों) और रोहतक के गुरुकुल से आईं विदुषियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से हुई.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

वैदिक हेरिटेज पोर्टल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तैयार: वैदिक हेरिटेज पोर्टल को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तैयार किया गया है. हैरिटेज पोर्टल केन्द्र का ऐसा प्रकल्प है, जिसमें भारतीय ज्ञान और संस्कृति के मूल वेद एवं सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का मौलिक रूप में संग्रह किया गया है. वैदिक मन्त्र लिखित न होकर ऋषियों द्वारा श्रुत एवं दृष्ट हैं, जिनका हस्तांतरण गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से विभिन्न‘प्रकृति एवं विकृति पाठों के साथ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक किया जाता है. भारत में ज्ञान की सर्वाधिक प्रामाणिक पद्धति दृष्ट और श्रुत ही है, जिसका संरक्षण उसके मूल स्वरूप में किया जाना आवश्यक है. इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र द्वारा वैदिक हैरिटेज पोर्टल की संकल्पना की गई है.

अमित शाह ने किया वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
अमित शाह ने किया वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ

वेद एवं वैदिक परम्परा का सम्पूर्ण डिजिटल दिग्दर्शन: वैश्विक परिदृश्य में वैदिक हेरिटेज पोर्टल ही सम्भवतः एकमात्र ऐसा प्रकल्प है, जहां वेद एवं सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का डिजिटल दिग्दर्शन किया जा सकता है. इस पोर्टल में सम्पूर्ण भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से वेदपाठी आचार्यों के चार वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) की प्रचलित शाखाओं के कुल 18 हजार से अधिक मन्त्रों के अब तक 550 घण्टों की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग संगृहीत है. इस पोर्टल में ऑडियो-विजुअल के साथ-साथ विशेष तकनीकी प्रभाव से युक्त लिपिबद्ध मन्त्रों का अनुवाद के साथ समायोजन किया गया है. आधुनिक विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में वैदिक ज्ञान की प्रासंगिकता को बताने वाले अनेक वैज्ञानिक विषयों के शोधपरक लेख और व्याख्यान इस पोर्टल पर संगृहीत हैं.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल का शुभारंभ
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23 मार्च ऐतिहासिक दिन: केन्द्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, आज 23 मार्च है, यह एक ऐतिहासिक दिन है. शहीद दिवस के मौके पर मां भारती के तीन वीर सपूतों शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इनका बलिदान देश के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा कि वेदिक हैरिटेज पोर्टल सराहनीय कदम है. एक ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा कि वेद न सिर्फ भारत के, बल्कि विश्व के सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं. हमारे प्राचीन ग्रन्थों में वह शक्ति है, जिसमें जीवन के सभी प्रश्नों के उत्तर मिल सकते है. आज दुनिया संकट से जूझ रही है, उन संकटों का समाधान भारत के प्राचीन ग्रन्थों में है.

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भारत के लिए अद्भुत अवसर: आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने इस अवसर पर कहा कि यह आईजीएनसीए और भारत के लिए एक अद्भुत अवसर है. उन्होंने कहा कि वैदिक विरासत का संबंध प्राचीन अतीत, वर्तमान समय से है और भविष्य में भी इसकी निरंतरता बनी रहेगी. पोर्टल के शुभारम्भ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वेद आदिकाल से मौखिक परम्परा का हिस्सा रहे हैं और वैदिक हेरिटेज पोर्टल उसी का दस्तावेजीकरण है. कार्यक्रम के अंत में डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि यह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के लिए बहुत आनंद का अवसर है.

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