नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता कलीता देवांगन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने दिल्ली पुलिस को 14 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
पिछले जुलाई महीने में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने देवांगना कलीता और नताशा नरवाल की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और जांच पूरी हो चुकी है. इसलिए दोनों को हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं बनता है. पुजारी ने दिल्ली पुलिस की इस दलील का विरोध किया था कि दोनों आरोपी व्हाट्सएप पर इंडिया अगेंस्ट हेट ग्रुप के सदस्य थे. इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ 2 जून को चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है.
जमानत मिलने के बाद दूसरे में गिरफ्तार किया गया
पिछले 2 जून को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने देवांगना कलीता को एक मामले में जमानत दे दिया था. लेकिन उसके बाद क्राईम ब्रांच ने उसे दूसरे एफआईआर के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. देवांगना कलीता पर आरोप है कि उसने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाया था. बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे.
बयान न देने का दिया था आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो देवांगना कलीता के खिलाफ आरोपों के संबंध में मीडिया में कुछ भी बयान न दे. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने कहा था कि इस मामले में जब तक आरोप तय नहीं हो जाएं और ट्रायल शुरु न हो जाए तब तक पुलिस कलीता के खिलाफ कोई भी बयान नहीं जारी नहीं करे.