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गोल्डन ट्रायंगल से बढ़ी हेरोइन की सप्लाई, तस्कर ने किया खुलासा

देशभर में गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स तस्करी के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. यह खुलासा बीते दिनों पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने स्पेशल सेल के समक्ष किया है. इस खुलासे को ध्यान में रखते हुए पुलिस ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करने में जुट गई है.

Heroin supply increased in India
गोल्डन ट्रायंगल से बढ़ी हेरोइन की सप्लाई
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Published : May 20, 2022, 7:59 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स तस्करी के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. कोविड के चलते लंबे समय तक ड्रग्स की सप्लाई बाधित रही थी. लेकिन लॉक डाउन खुलने के बाद से गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स की सप्लाई तेजी से हो रही है. यह खुलासा बीते दिनों पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने स्पेशल सेल के समक्ष किया है. इस खुलासे को ध्यान में रखते हुए पुलिस इस ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करने में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार भारत में हेरोइन मुख्य रूप से दो जगहों से खपाई जाती है. सबसे ज्यादा हेरोइन अफगानिस्तान से भारत में भेजी जाती है. इसके बाद हेरोइन का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स गोल्डन ट्रायंगल है. इसकी बड़ी खेप म्यांमार के रास्ते उत्तर-पूर्वी राज्यों के माध्यम से खपाई जाती है. स्पेशल सेल डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि वहां पर गोल्डन ट्रायंगल बना हुआ है जिसमें लहासा, थाईलैंड और म्यांमार आते हैं. यहां उपजने वाली ड्रग्स के चलते ही इसे गोल्डन ट्रायंगल कहा जाता है. यहां पर बड़ी मात्रा में बेहतर क्वालिटी की हेरोइन तैयार की जाती है और उसे उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है.

हाल ही में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने ऐसे ही एक तस्कर राजेश गुप्ता को गिरफ्तार किया है. उसने यह खुलासा किया कि वह म्यांमार से आने वाली हेरोइन को मणिपुर जाकर लाता था और उसे दिल्ली एनसीआर के अलावा कई राज्यों में सप्लाई करता था. उसके पास से 5 किलो हेरोइन बरामद की गई थी. पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से ड्रग्स की सप्लाई काफी समय तक बाधित रही थी. गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स की खेप मणिपुर में बेहद ही कम पहुंच रही थी. इसकी वजह से उनका धंधा नहीं चल रहा था.

आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2021 में लॉकडाउन खुलने के बाद से इसमें काफी तेजी आई है. लोगों के बीच ड्रग्स की मांग काफी बढ़ने लगी है. इसकी सप्लाई के लिए सभी तस्कर सक्रिय हो गए हैं. पुलिस को उसने बताया है कि वह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर ड्रग्स को लाने एवं सप्लाई करता था ताकि पुलिस को उसके ऊपर शक न हो. उसने पुलिस को यह भी बताया है कि गोल्डन ट्रायंगल के माध्यम से प्रत्येक महीने अरबों रुपये की हेरोइन को भारत में खपाया जा रहा है. पुलिस यहां से ड्रग्स लेने वाले पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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नई दिल्ली: देशभर में गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स तस्करी के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. कोविड के चलते लंबे समय तक ड्रग्स की सप्लाई बाधित रही थी. लेकिन लॉक डाउन खुलने के बाद से गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स की सप्लाई तेजी से हो रही है. यह खुलासा बीते दिनों पकड़े गए ड्रग्स तस्करों ने स्पेशल सेल के समक्ष किया है. इस खुलासे को ध्यान में रखते हुए पुलिस इस ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करने में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार भारत में हेरोइन मुख्य रूप से दो जगहों से खपाई जाती है. सबसे ज्यादा हेरोइन अफगानिस्तान से भारत में भेजी जाती है. इसके बाद हेरोइन का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स गोल्डन ट्रायंगल है. इसकी बड़ी खेप म्यांमार के रास्ते उत्तर-पूर्वी राज्यों के माध्यम से खपाई जाती है. स्पेशल सेल डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि वहां पर गोल्डन ट्रायंगल बना हुआ है जिसमें लहासा, थाईलैंड और म्यांमार आते हैं. यहां उपजने वाली ड्रग्स के चलते ही इसे गोल्डन ट्रायंगल कहा जाता है. यहां पर बड़ी मात्रा में बेहतर क्वालिटी की हेरोइन तैयार की जाती है और उसे उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है.

हाल ही में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने ऐसे ही एक तस्कर राजेश गुप्ता को गिरफ्तार किया है. उसने यह खुलासा किया कि वह म्यांमार से आने वाली हेरोइन को मणिपुर जाकर लाता था और उसे दिल्ली एनसीआर के अलावा कई राज्यों में सप्लाई करता था. उसके पास से 5 किलो हेरोइन बरामद की गई थी. पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से ड्रग्स की सप्लाई काफी समय तक बाधित रही थी. गोल्डन ट्रायंगल से ड्रग्स की खेप मणिपुर में बेहद ही कम पहुंच रही थी. इसकी वजह से उनका धंधा नहीं चल रहा था.

आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2021 में लॉकडाउन खुलने के बाद से इसमें काफी तेजी आई है. लोगों के बीच ड्रग्स की मांग काफी बढ़ने लगी है. इसकी सप्लाई के लिए सभी तस्कर सक्रिय हो गए हैं. पुलिस को उसने बताया है कि वह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर ड्रग्स को लाने एवं सप्लाई करता था ताकि पुलिस को उसके ऊपर शक न हो. उसने पुलिस को यह भी बताया है कि गोल्डन ट्रायंगल के माध्यम से प्रत्येक महीने अरबों रुपये की हेरोइन को भारत में खपाया जा रहा है. पुलिस यहां से ड्रग्स लेने वाले पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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