नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद और दूसरे आरोपियों को आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के दौरान उमर खालिद ने कहा कि कोर्ट ने चार्जशीट पर जब संज्ञान भी नहीं लिया था, उससे पहले ही ये मीडिया में लीक कर दी गई थी. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने इस मामले पर 19 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया.
जानबूझकर मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप
सुनवाई के दौरान जब उमर खालिद को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया, तो कोर्ट ने उमर खालिद को अपनी बात रखने को कहा. उमर खालिद ने कहा कि उसके खिलाफ जानबूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है जैसे वह दोषी है. उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है. उमर खालिद ने कहा कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं. उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची.
बयानों की कानूनी तौर पर नहीं मान्यता
यह तब है जब कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में साफ लिखा गया है कि हस्ताक्षर करने से मना किया गया. इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कुछ भी लिख सकती है. इन बयानों का कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये मामला हमारे पास है और हम कुछ बोलना नहीं चाहते. कोर्ट ने उमर खालिद से कहा कि अगर वो चाहता है, तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करें.
दंगों में साजिश रचने का आरोप
बता दें कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. 26 दिसंबर 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने, और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओ के तहत चार्जशीट दाखिल किया था.