नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस नवीन चावला की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी.
कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड का आरक्षण 60 फीसदी
28 दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की समीक्षा कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने 26 दिसंबर 2020 को हुई बैठक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. दिल्ली सरकार ने कहा था कि सरकार आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से 60 फीसदी करने के फैसले की समीक्षा करेगी. तब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को समीक्षा बैठक की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. पिछले 24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी ने 33 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू बेड में आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है.
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कोरोना के नाम पर करना चाहते हैं हर चीज का राष्ट्रीयकरण
पहले की सुनवाई के दौरान अस्पतालों की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से कहा था कि आप कभी भी जहांगीरी फरमान जारी कर देते हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट इस मामले में दो बार सुनवाई स्थगित की है. दिल्ली सरकार हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर सुनवाई टालना चाहती है. मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि आप खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं मजबूत कर रहे हैं. आप कोरोना के नाम पर हर चीज का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं. क्या ये दलील सही है कि मरीज निजी अस्पताल को प्राथमिकता देते हैं इसलिए वे राष्ट्रीयकरण जारी रखेंगे. मरीज सरकारी अस्पताल को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं. गैर-कोरोना मरीजों के लिए कोई बेड नहीं मिल रहा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगी थी रोक
सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है. सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को फैसला करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी.