नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए स्टूडेंट्स सोसायटी फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकती है.
स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन देने का था आदेश
याचिका दिल्ली युनिवर्सिटी स्टूडेंट्स युनियन ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि स्टूडेंट्स सोसायटी फंड का इस्तेमाल शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए नहीं किया जा सकता है. पिछले 16 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वे शिक्षकों और स्टाफ को स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से वेतन दें. दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों का सौ फीसदी वित्तपोषण करती है.
कौन-कौन से हैं कॉलेज
दिल्ली सरकार की ओर से सौ फीसदी वित्तपोषित कॉलेजों में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स सायंस, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, शहीद राजगुरु कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन और भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लायड सायंस शामिल हैं. बता दें कि दिल्ली युनिवर्सिटी और और दिल्ली सरकार के इन 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के कॉलेजों को ग्रांट रिलीज करने को लेकर विवाद चल रहा है. इसे लेकर सितंबर महीने में भी एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी जो लंबित है.