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गेस्ट टीचरों ने प्रिंसिपल को लिखा पत्र, कहा-रिन्यूअल आने तक नहीं आएंगे स्कूल - DSSSB

बता दें कि अनुबंध खत्म होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की हाजिरी शिक्षा निदेशालय द्वारा मांगी जा रही है, जिसे अनुचित ठहराते हुए अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ मना कर दिया.

गेस्ट टीचरों ने प्रिंसिपल को लिखा पत्र, कहा-रिन्यूअल आने तक नहीं आएंगे स्कूल
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Published : Mar 5, 2019, 1:20 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों का अनुबंध 28 फरवरी को खत्म हो चुका है. जिसके बाद से वह लगातार अपने रोजगार को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि अनुबंध खत्म होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की हाजिरी शिक्षा निदेशालय द्वारा मांगी जा रही है, जिसे अनुचित ठहराते हुए अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ मना कर दिया.
सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक काम कर रहे शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 28 फरवरी को खत्म हो चुका है और अनुबंध आगे बढ़ाने को लेकर कोर्ट का फैसला आने तक शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसी भी तरह का रिन्यूअल का सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. इसके चलते अतिथि शिक्षकों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें स्कूल जाना है या नहीं.


वहीं शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए निर्देश के तहत किसी स्कूल के एचओएस अतिथि शिक्षक को स्कूल आने से रोक नहीं सकते, लेकिन किसी भी अतिथि शिक्षक की बायोमेट्रिक हाजिरी या रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगाई जाएगी. बल्कि एक प्लेन पेपर पर उनके हस्ताक्षर करवाए जाएंगे. शिक्षा निदेशालय द्वारा दिया गया यह निर्देश अतिथि शिक्षकों को मान्य नहीं है.

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क्योंकि स्कूल के एचओएस अपना पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट कर रहे हैं कि इन दिनों स्कूल आने की सैलरी बनेगी या नहीं उसकी जिम्मेदारी स्कूल की नहीं बल्कि शिक्षा निदेशालय की होगी. ऐसे में कई स्कूलों के अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ तौर पर मना कर दिया है. उनका कहना है कि जब उनका अनुबंध ही खत्म हो गया तो वह स्कूल किस लिए जाए.


इसी कड़ी में कल्याण वास के एक सरकारी स्कूल के सभी अतिथि शिक्षकों ने एक मास एप्लीकेशन लिखा है. जिसमें प्रधानाचार्य को सूचित किया गया है कि बायोमेट्रिक हाजिरी ना होने की वजह से और किसी भी तरह का नियुक्ति का आर्डर नहीं आने की वजह से वह सभी गेस्ट टीचर स्कूल नहीं आएंगे और अगला आर्डर आने के बाद ही यह तय करेंगे कि स्कूल आना है या नहीं.


बता दें कि कई सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के ना जाने की वजह से सीबीएसई द्वारा संचालित कराई जा रही परीक्षा भी प्रभावित हो रही है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतिथि शिक्षकों की अनुपस्थिति में आईटी विभाग के कर्मचारियों से लेकर एचओएस तक भी इनविजीलेशन ड्यूटी करने को मजबूर हो रहे हैं.

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बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार डीएसएसएसबी को कोर्ट ने 28 फरवरी का तक का समय दिया था. वहीं डीएसएसएसबी की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. कई विषयों का तो रिजल्ट भी जारी नहीं किया जा सका है. ऐसे में अतिथि शिक्षकों का अनुबंध आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं इस को लेकर कोर्ट में मंगलवार यानी 5 मार्च को सुनवाई होगी.


ज्ञात हो कि सभी अतिथि शिक्षक अब चार छह महीने की एक्सटेंशन नहीं बल्कि 58 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर पिछले 5 दिनों से सभी अतिथि शिक्षक शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

नई दिल्ली: शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों का अनुबंध 28 फरवरी को खत्म हो चुका है. जिसके बाद से वह लगातार अपने रोजगार को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि अनुबंध खत्म होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की हाजिरी शिक्षा निदेशालय द्वारा मांगी जा रही है, जिसे अनुचित ठहराते हुए अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ मना कर दिया.
सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक काम कर रहे शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 28 फरवरी को खत्म हो चुका है और अनुबंध आगे बढ़ाने को लेकर कोर्ट का फैसला आने तक शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसी भी तरह का रिन्यूअल का सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. इसके चलते अतिथि शिक्षकों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें स्कूल जाना है या नहीं.


वहीं शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए निर्देश के तहत किसी स्कूल के एचओएस अतिथि शिक्षक को स्कूल आने से रोक नहीं सकते, लेकिन किसी भी अतिथि शिक्षक की बायोमेट्रिक हाजिरी या रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगाई जाएगी. बल्कि एक प्लेन पेपर पर उनके हस्ताक्षर करवाए जाएंगे. शिक्षा निदेशालय द्वारा दिया गया यह निर्देश अतिथि शिक्षकों को मान्य नहीं है.

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क्योंकि स्कूल के एचओएस अपना पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट कर रहे हैं कि इन दिनों स्कूल आने की सैलरी बनेगी या नहीं उसकी जिम्मेदारी स्कूल की नहीं बल्कि शिक्षा निदेशालय की होगी. ऐसे में कई स्कूलों के अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ तौर पर मना कर दिया है. उनका कहना है कि जब उनका अनुबंध ही खत्म हो गया तो वह स्कूल किस लिए जाए.


इसी कड़ी में कल्याण वास के एक सरकारी स्कूल के सभी अतिथि शिक्षकों ने एक मास एप्लीकेशन लिखा है. जिसमें प्रधानाचार्य को सूचित किया गया है कि बायोमेट्रिक हाजिरी ना होने की वजह से और किसी भी तरह का नियुक्ति का आर्डर नहीं आने की वजह से वह सभी गेस्ट टीचर स्कूल नहीं आएंगे और अगला आर्डर आने के बाद ही यह तय करेंगे कि स्कूल आना है या नहीं.


बता दें कि कई सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के ना जाने की वजह से सीबीएसई द्वारा संचालित कराई जा रही परीक्षा भी प्रभावित हो रही है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतिथि शिक्षकों की अनुपस्थिति में आईटी विभाग के कर्मचारियों से लेकर एचओएस तक भी इनविजीलेशन ड्यूटी करने को मजबूर हो रहे हैं.

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बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार डीएसएसएसबी को कोर्ट ने 28 फरवरी का तक का समय दिया था. वहीं डीएसएसएसबी की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. कई विषयों का तो रिजल्ट भी जारी नहीं किया जा सका है. ऐसे में अतिथि शिक्षकों का अनुबंध आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं इस को लेकर कोर्ट में मंगलवार यानी 5 मार्च को सुनवाई होगी.


ज्ञात हो कि सभी अतिथि शिक्षक अब चार छह महीने की एक्सटेंशन नहीं बल्कि 58 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर पिछले 5 दिनों से सभी अतिथि शिक्षक शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:फ़ोटो मेल से सेंड किया है लेटर की ।

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शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों का अनुबंध 28 फरवरी को खत्म हो चुका है जिसके बाद से वह लगातार अपने रोजगार को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि अनुबंध खत्म होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों की हाजिरी शिक्षा निदेशालय द्वारा मांगी जा रही है जिसे अनुचित ठहराते हुए अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ मना कर दिया.


Body:बता दें कि सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक काम कर रहे शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट 28 फरवरी को खत्म हो चुका है और अनुबंध आगे बढ़ाने को लेकर कोर्ट का फैसला आने तक शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसी भी तरह का रिन्यूअल का सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. इसके चलते अतिथि शिक्षकों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें स्कूल जाना है या नहीं. वहीं शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए निर्देश के तहत किसी बजी स्कूल के एचओएस अतिथि शिक्षक को स्कूल आने से रोक नहीं सकते लेकिन किसी भी अतिथि शिक्षक की बायोमेट्रिक हाजिरी या रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगाई जाएगी बल्कि एक प्लेन पेपर पर उनके हस्ताक्षर करवाए जाएंगे. शिक्षा निदेशालय द्वारा दिया गया यह निर्देश अतिथि शिक्षकों को मान्य नहीं है क्योंकि स्कूल के एचओएस अपना पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट कर रहे हैं कि इन दिनों स्कूल आने की सैलरी बनेगी या नहीं उसकी जिम्मेदारी स्कूल की नहीं बल्कि शिक्षा निदेशालय की होगी. ऐसे में कई स्कूलों के अतिथि शिक्षकों ने स्कूल जाने से साफ तौर पर मना कर दिया है. उनका कहना है कि जब उनका अनुबंध ही खत्म हो गया तो वह स्कूल किस लिए जाए. इसी कड़ी में कल्याण वास के एक सरकारी स्कूल के सभी अतिथि शिक्षकों ने एक मास एप्लीकेशन लिखा है जिसमें प्रधानाचार्य को सूचित किया गया है कि बायोमेट्रिक हाजिरी ना होने की वजह से और किसी भी तरह का नियुक्ति का आर्डर नहीं आने की वजह से वह सभी गेस्ट टीचर स्कूल नहीं आएंगे और अगला आर्डर आने के बाद ही यह तय करेंगे कि स्कूल आना है या नहीं.

बता दें कि कई सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के ना जाने की वजह से सीबीएसई द्वारा संचालित कराई जा रही परीक्षा भी प्रभावित हो रही है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतिथि शिक्षकों की अनुपस्थिति में आईटी विभाग के कर्मचारियों से लेकर एचओएस तक भी इनविजीलेशन ड्यूटी करने को मजबूर हो रहे हैं.


Conclusion:बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार डीएसएसएसबी को कोर्ट ने 28 फरवरी का तक का समय दिया था नियमित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए इसीलिए अतिथि शिक्षकों के कॉन्ट्रैक्ट की आखिरी तारीख 28 फरवरी तय की गई थी. वहीं डीएसएसएसबी की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है कई विषयों का तो रिजल्ट भी जारी नहीं किया जा सका है. ऐसे में अतिथि शिक्षकों का अनुबंध आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं इस को लेकर कोर्ट में मंगलवार यानी 5 मार्च को सुनवाई होगी. ज्ञात हो कि सभी अतिथि शिक्षक अब चार छह महीने की एक्सटेंशन नहीं बल्कि 58 साल की पॉलिसी की मांग कर रहे हैं जिसको लेकर पिछले 5 दिनों से सभी अतिथि शिक्षक शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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