नई दिल्लीः बीते 25 जून को नई दिल्ली रेलवे परिसर में करंट लगने से शिक्षिका साक्षी की मौत के मामले में रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने सात लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र तैयार किया है. ये सभी लोग रेलवे के इलेक्ट्रीसिटी डिवीजन के हैं. दो सीनियर सेक्सन इंजीनियर, दो टेक्निशियन और तीन वायरमैन को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इनमें से पांच लोगों का पानीपत रेलवे स्टेशन पर तबादला कर दिया गया है.
जीआरपी थाने के सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट के सीनियर सेक्शन इंजीनियर गोपाल कुमार व भरत कुमार, टेक्निशियन सीताराम व जगदीश के साथ वायरमैन मनीष कुमार, नारायण और दीपक को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इन सभी लोगों पर स्टेशन के परिसर में इलेक्ट्रीसिटी व बिजली के पोल के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी है. इन लोगों ने काम में लापरवाही बरती, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. इन सातों लोगों को पुलिस नोटिस भेजकर पूछताछ भी कर चुकी है.
करंट लगने से साक्षी की मौत की रिपोर्ट लापरवाही से मौत की धारा में है. सभी आरोपी जमानत पर बाहर है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस जांच में सामने आया है कि जहां यह हादसा हुआ था वहां लाइट के पोल के अंदर इन्सुलेशन अभाव, खराब विद्युत उपकरण व बिजली के तार व्यवस्थित नहीं थे. बिजली के पोल में वायरिंग सही से नहीं हुई थी. इसकी वजह से करंट वहां जमे बारिश के पानी में आ गया था.
जीआरपी थाने के एक पुलिस अफिसर के मुताबिक, जांच में सामने आए तत्थों को साक्ष्य के तौर पर विवेचना में शामिल किया गया है. अभी भी कुछ तकनीकी पहलुओं पर विश्लेषण किया जा रहा है. एक से दो सप्ताह के भीतर आरोप आरोप पत्र दायर कर दिया जाएगा.
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पूर्वी दिल्ली स्थित प्रीत विहार की रहने वाली शिक्षिका शाक्षी परिवार के साथ 25 जून की सुबह चंडीगढ़ जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंची थी. यहां पर आटो स्टैंड के पास लाइट के पोल के संपर्क में आने से साक्षी की मौत हो गई थी. हादसे के बाद परिवार ने मामले की जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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