नई दिल्ली: मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान जारी करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे दोषपूर्ण तकनीक को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने संबंधित प्राधिकार को कानून के तहत विचार करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया.
खराब उपकरणों का उपयोग
याचिका वकील सोनाली करवासरा ने दायर की था. याचिका में चालान जारी करने की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया गया था. याचिका में कहा गया था कि इस कानून में संशोधन के बाद चालान जारी करने की तकनीक भरोसेमंद नहीं है और इस तकनीक के मानकीकरण की जरुरत है. याचिका में कहा गया था कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की मानिटरिंग करने के लिए एक समान तकनीक का इस्तेमाल किया जाए. याचिका में कहा गया था कि संशोधित कानून को लागू करने में काफी छिद्र हैं. पुराने पड़ चुकी तकनीकों के जरिये ट्रैफिक चालान जारी किया जाता है. कई बार देखा गया है कि खराब उपकरणों की वजह से जुर्माने की बड़ी रकम वाले चालान जारी किए गए हैं.
अंतर्राष्ट्रीय मानक वाले उपकरण इस्तेमाल किए जाएं
याचिका में कहा गया था कि सरकार ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की मानिटरिंग के लिए उपयोग के जाने वाली तकनीकों के बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बताया है. सरकार ने ये नहीं बताया है कि उपकरणों में गड़बड़ी की सीमा क्या है. याचिका में मानिटरिंग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक वाले उपकरण इस्तेमाल करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.