नई दिल्लीः दिल्ली में पिछले तीन सालों में हर घंटे तीन पेड़ काटे गए हैं. इसमें अनाधिकृत रूप से काटे गए पेड़ शामिल नहीं हैं. दिल्ली सरकार के वन विभाग ने पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग में पेड़ों की कटाई को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी. वन विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नाजमी वजीरी की बेंच को यह जानकारी दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में वन विभाग ने कहा कि 2019,2020 और 2021 के बीच 77,420 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई. एक वर्ष में करीब 8765.82 घंटे होते हैं. यानी तीन वर्ष में 8765.82 x3 घंटे यानी 26297 घंटे होगे. इस तरह हर घंटे करीब तीन पेड़ काटे गए. सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से पेश वकील ने कहा कि अगर अवैध रूप से काटे जा रहे पेड़ों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो पेड़ों की कटाई का ये आंकड़ा दोगुना से चार गुना तक बढ़ सकता है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली 77 हजार पेड़ों का नुकसान नहीं झेल सकता है. कोर्ट ने दिल्ली के हरित इलाके पर चिंता जताते हुए दिल्ली में पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन के बारे में भी पूछा. इससे पहले हाईकोर्ट में नीरज शर्मा ने विकास मार्ग में पेड़ों के काटे जाने को लेकर याचिका दायर की थी. बता दें कि कोर्ट ने 6 अप्रैल को दिल्ली में पेड़ों को काटने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ जाता है.
पिछले 3 सालों में दिल्ली में हर घंटे तीन पेड़ काटने की दी गई अनुमति, वन विभाग ने कोर्ट को दी जानकारी - दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली में पिछले तीन साल में हर घंटे तीन पेड़ काटे गए हैं. यह जानकारी वनविभाग ने कोर्ट में दी है.
नई दिल्लीः दिल्ली में पिछले तीन सालों में हर घंटे तीन पेड़ काटे गए हैं. इसमें अनाधिकृत रूप से काटे गए पेड़ शामिल नहीं हैं. दिल्ली सरकार के वन विभाग ने पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग में पेड़ों की कटाई को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी. वन विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नाजमी वजीरी की बेंच को यह जानकारी दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में वन विभाग ने कहा कि 2019,2020 और 2021 के बीच 77,420 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई. एक वर्ष में करीब 8765.82 घंटे होते हैं. यानी तीन वर्ष में 8765.82 x3 घंटे यानी 26297 घंटे होगे. इस तरह हर घंटे करीब तीन पेड़ काटे गए. सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से पेश वकील ने कहा कि अगर अवैध रूप से काटे जा रहे पेड़ों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो पेड़ों की कटाई का ये आंकड़ा दोगुना से चार गुना तक बढ़ सकता है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली 77 हजार पेड़ों का नुकसान नहीं झेल सकता है. कोर्ट ने दिल्ली के हरित इलाके पर चिंता जताते हुए दिल्ली में पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन के बारे में भी पूछा. इससे पहले हाईकोर्ट में नीरज शर्मा ने विकास मार्ग में पेड़ों के काटे जाने को लेकर याचिका दायर की थी. बता दें कि कोर्ट ने 6 अप्रैल को दिल्ली में पेड़ों को काटने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ जाता है.