नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली महारैली की तैयारियां तेज कर दी हैं. शुक्रवार को आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर महारैली की तैयारियों को लेकर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी.
उन्होंने बताया कि सभी मंडलों पर बैठक की जाएगी. कार्यकर्ता पूरी दिल्ली में डोर टू डोर कैंपेन चलाकर अध्यादेश के खिलाफ होने वाली इस महारैली में शामिल होने के लिए लोगों से अपील करेंगे. महारैली में दिल्ली की जनता मोदी सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करेगी. उन्होंने कहा कि संविधान ने हर नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया है और अगर कोई व्यक्ति या संस्था इस अधिकार को कुचलने की कोशिश करती है तो जनता को उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी.
राय ने कहा कि आगामी चार जून को दिल्ली के दो हजार मंडलों में महारैली की तैयारी को लेकर बैठक होगी. अगले दिन 5 जून से डोर-टू-डोर कैंपेन की शुरुआत की जाएगी, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को महारैली में आने के लिए निमंत्रण देंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी के सभी उपाध्यक्षों को एक-एक लोकसभा की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें दिलीप पांडे को पूर्वी दिल्ली, जरनैल सिंह को नई दिल्ली, गुलाब सिंह को दक्षिण दिल्ली, जितेंद्र तोमर को पश्चिम दिल्ली, राजेश गुप्ता को पश्चिम उत्तर दिल्ली, ऋतु राज झा को चांदनी चौक और कुलदीप कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही सभी विधायकों और पार्षदों को भी विशेष जिम्मेदारी भी दी गई.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हम पूरे देश में मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई तेज करेंगे. देश की सर्वाेच्च न्यायालय ने फैसले के बाद भाजपा शासित केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के मतदाताओं की शक्ति को संरक्षित करते हुए चुनी हुई सरकार द्वारा दिल्ली की व्यवस्था को संचालित करने का अधिकार देने का जो फैसला आया था, उसे भाजपा की केंद्र सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अध्यादेश लाकर हाईजैक किया गया है. इससे पूरे दिल्ली के लोग स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा कि 11 जून को पूरे दिल्लीवासी इस अध्यादेश के खिलाफ अपने आक्रोश को व्यक्त करेंगे. लोगों से हमारी अपील है कि आप चाहे किसी भी पार्टी को सपोर्ट करते हों, लेकिन इस अध्यादेश के खिलाफ आप अपनी आवाज बुलंद करने के लिए हमारे साथ जुड़िए.
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