नई दिल्ली: राजधानी सहित यूपी और हरियाणा में ताबड़तोड़ हत्याओं को अंजाम दे चुके कुख्यात बदमाश दीपक तोमर को उसके तीन अन्य साथियों के साथ स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बदमाशों के पास से तीन पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए हैं.
उम्र कैद की मिल चुकी है सजा
डीसीपी मनीष चंद्रा के अनुसार स्पेशल सेल एक कुख्यात बदमाश दीपक तोमर की तलाश कर रही थी. जो बीते वर्ष अलीपुर में हुई हत्या के एक मामले में वांछित था. उसे रोहतक में हुई एक हत्या के मामले में अदालत उम्र कैद की सजा सुना चुकी है. इसके अलावा वह हत्या और लूट की कई वारदातों में शामिल रहा है.
उसकी तलाश में पुलिस टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की. हाल ही में स्पेशल सेल को सूचना मिली कि दीपक तोमर अपने तीन अन्य साथियों के साथ एक हत्या के लिए साजिश रच रहा है. जानकारी मिलते ही पुलिस टीम ने छापा मारा और दीपक तोमर, हरीश उर्फ सांडा, उमेद शर्मा और नीरज को गिरफ्तार कर लिया.
संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है
दीपक तोमर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हत्या की वारदातों को अंजाम दे चुका है. उसने अपने साथियों के साथ रोहतक के सिविल लाइन्स के सांगी गांव के सरपंच रिचपाल की हत्या का प्रयास किया था, लेकिन गलती से इसमें रमेश नामक शख्स मारा गया था.
इस मामले में वर्ष 2010 में उसे अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. जुलाई 2014 में वह 21 दिन की पैरोल लेकर जेल से निकला और फरार हो गया. 2015 में उसने अपने साथी सौरभ के साथ मिलकर धर्मेंद्र और सचिन नामक दो युवकों की बागपत में हत्या कर दी थी. मई 2015 में उसने निहाल विहार से एक स्कॉर्पियो गाड़ी लूटी थी. जबकि सितंबर 2015 में झज्जर निवासी सोहन वीर की उसने हत्या कर दी थी.
जुलाई 2018 से था फरार
सोहनवीर की हत्या के मामले में जुलाई 2016 को उसे बाबा हरिदास नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में जुलाई 2018 में उसे जमानत मिली थी. जेल से निकलने के बाद वह अपने विरोधी दीपक पंडित की हत्या की साजिश रच रहा था. उसे पता चला कि दीपक पंडित ने उसकी हत्या के लिए सुपारी दी है. उसने प्रदीप पिंटू को अपने साथ मिलाया. दीपक पंडित की हत्या के लिए इनके बीच में डील हुई थी. डील यह हुई थी कि दीपक तोमर पहले पिंटू के दुश्मन सुमन की हत्या करेगा और इसके बदले में वह दीपक पंडित की हत्या करेंगे.
सुपारी देने वाले को मार डाला
21 दिसंबर 2018 को दीपक तोमर के साथ मिलकर उन्होंने दीपक पंडित को बुलाया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. उसके शव पर पहले एसिड डाला और फिर शव को सिंघु नाले में फेंक दिया था. 30 दिसंबर 2018 को उसकी डेड बॉडी नाले से बरामद हुई थी. इस मामले में दीपक तोमर को भगोड़ा घोषित किया गया था. दीपक ने पुलिस को बताया वह अपने गांव के जितेंद्र नामक युवक को मारने की साजिश रच रहा था.
अन्य आरोपियों पर भी हैं हत्या के मुकदमे
दूसरा आरोपी हरीश हत्या और लूट की चार वारदातों में शामिल रहा है. वर्ष 2012 में उसने अपने गांव में ही हत्या की थी और इस मामले में वह 2 साल तक जेल में रहा था. जून 2018 में उसने एक कारोबारी से आधा किलो सोना और 8 किलो चांदी लूटी थी. दीपक पंडित की हत्या में भी वह शामिल रहा है.
तीसरा आरोपी उमेश शर्मा हत्या की दो वारदातों में शामिल रहा है. वर्ष 2017 में कप्तान सिंह नामक शख्स ने उसकी दोस्त की बहन से छेड़छाड़ की थी. इसका बदला लेने के लिए उसने कप्तान की हत्या कर दी थी. वर्ष 2015 में वह दीपक तोमर के संपर्क में आया और सोहन वीर की हत्या में शामिल हुआ.
चौथा आरोपी नीरज हत्या की एक वारदात में शामिल रहा है. वह कप्तान सिंह की हत्या में भी शामिल रहा है.