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900 पाकिस्तानी समेत 5477 विदेशी नागरिक दिल्ली में ट्रेसलेस

G-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की तलाश शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में करीब 900 पाकिस्तानी समेत 5,477 विदेशी नागरिक अवैध रूप से रहे रहे हैं. LG वीके सक्सेना के आदेश पर पुलिस इनकी धड़पकड़ के लिए सर्वे कर रही है.

G-20 शिखर सम्मेलन
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Published : Dec 15, 2022, 3:26 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 5:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में करीब 900 पाकिस्तानी समेत 5,477 विदेशी नागरिक अवैध रूप से रहे रहे हैं, लेकिन पुलिस को इनके ठिकानों की जानकारी नहीं है. ये लोग ट्रेसलेस हैं और दिल्ली में अगले साल होने वाला G-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा को देखते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को अवैध रूप से रह रहे विदेशियों का पता लगाने का निर्देश दिया है. अब दिल्ली पुलिस प्रत्येक जिले में इसका सर्वे करेगी.

उपराज्यपाल के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर ने सभी डीसीपी को अपने-अपने जिलों में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को पता लगाने को कहा है. दिल्ली में कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं, इसका वास्तविक आंकड़ा भी पुलिस के पास नहीं है. अगले साल मार्च से लेकर सितंबर तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के लिहाज से अनट्रेस विदेशियों के बारे में पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

यह भी पढ़ेंः जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा के तीन साल पूरे, जानें क्या हुआ था उस दिन

स्पेशल ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर रजनीश गुप्ता के अनुसार, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की ओर से डाटा दिया जाता है. इसके बाद दिल्ली पुलिस इसका पता लगाती है कि लापता या गैर कानूनी रूप से विदेशी कहां रह रहे हैं. समय-समय पर इसको लेकर अभियान भी चलाया जाता है. अब जल्द से जल्द दिल्ली में अवैध रूप से रहे रहे विदेशियों का पता लगाकर उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा.

सुरक्षा जानकारों का कहना है कि राजधानी में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी, रोहिंग्या आदि सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण बताते हैं कि दिल्ली में आज भी पैसे देकर आधार, वोटर कार्ड आदि कागजात बना लेते हैं. इसलिए गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों को ट्रेस करने में परेशानी होगी, लेकिन प्रत्येक कॉलोनी में पुलिस अपने आई एंड वाच (मुखबिर) का इस्तेमाल करे, जिससे वहां रहने वाले लोगों के पिछले बैकग्राउंड का पता चल सके.

बता दें कि एक साल पहले दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया था. तब दक्षिण-पूर्व जिले में 65 ऐसे लोग मिले थे, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे. इनमें सबसे ज्यादा 51 अफगानिस्तान के रहने वाले, 10 बांग्लादेश और 4 युगांडा के थे. अफगानिस्तान के सबसे ज्यादा 23 लोग हजरत निजामुद्दीन और 22 लाजपत नगर में रह रहे थे. दिल्ली के दक्षिण-पूर्व, दक्षिण पश्चिमी जिले में अवैध रूप से भी काफी विदेशी रह रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः गोधरा ट्रेन कांड के दोषी को उच्चतम न्यायालय से मिली जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली में करीब 900 पाकिस्तानी समेत 5,477 विदेशी नागरिक अवैध रूप से रहे रहे हैं, लेकिन पुलिस को इनके ठिकानों की जानकारी नहीं है. ये लोग ट्रेसलेस हैं और दिल्ली में अगले साल होने वाला G-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा को देखते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को अवैध रूप से रह रहे विदेशियों का पता लगाने का निर्देश दिया है. अब दिल्ली पुलिस प्रत्येक जिले में इसका सर्वे करेगी.

उपराज्यपाल के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर ने सभी डीसीपी को अपने-अपने जिलों में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को पता लगाने को कहा है. दिल्ली में कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं, इसका वास्तविक आंकड़ा भी पुलिस के पास नहीं है. अगले साल मार्च से लेकर सितंबर तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के लिहाज से अनट्रेस विदेशियों के बारे में पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

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स्पेशल ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर रजनीश गुप्ता के अनुसार, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की ओर से डाटा दिया जाता है. इसके बाद दिल्ली पुलिस इसका पता लगाती है कि लापता या गैर कानूनी रूप से विदेशी कहां रह रहे हैं. समय-समय पर इसको लेकर अभियान भी चलाया जाता है. अब जल्द से जल्द दिल्ली में अवैध रूप से रहे रहे विदेशियों का पता लगाकर उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा.

सुरक्षा जानकारों का कहना है कि राजधानी में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी, रोहिंग्या आदि सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं. दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण बताते हैं कि दिल्ली में आज भी पैसे देकर आधार, वोटर कार्ड आदि कागजात बना लेते हैं. इसलिए गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों को ट्रेस करने में परेशानी होगी, लेकिन प्रत्येक कॉलोनी में पुलिस अपने आई एंड वाच (मुखबिर) का इस्तेमाल करे, जिससे वहां रहने वाले लोगों के पिछले बैकग्राउंड का पता चल सके.

बता दें कि एक साल पहले दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया था. तब दक्षिण-पूर्व जिले में 65 ऐसे लोग मिले थे, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे. इनमें सबसे ज्यादा 51 अफगानिस्तान के रहने वाले, 10 बांग्लादेश और 4 युगांडा के थे. अफगानिस्तान के सबसे ज्यादा 23 लोग हजरत निजामुद्दीन और 22 लाजपत नगर में रह रहे थे. दिल्ली के दक्षिण-पूर्व, दक्षिण पश्चिमी जिले में अवैध रूप से भी काफी विदेशी रह रहे हैं.

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Last Updated : Dec 15, 2022, 5:53 PM IST
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