नई दिल्लीः कोरोना के नाम पर जहां लोग मदद करने के लिए जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ झारखंड में बैठे कुछ जालसाज लगातार लोगों से ठगी में जुटे हुए हैं. इस कड़ी में अब प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के नाम से फेसबुक आईडी बनाने का मामला सामने आया है. इसके जरिए लोगों से आर्थिक मदद के रूप में रकम भी ली जा रही थी. वहीं फर्जीवाड़े का पता चलते ही साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है.
कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि वह देश को आर्थिक सहयोग दें. इसके लिए बाकायदा यूपीआई आईडी पीएम केयर्स के नाम से बनाई गई थी. इसके साथ एसबीआई बैंक का अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड भी दिया गया था.
इसके साथ ही जालसाज भी सक्रिय हो गए. उन्होंने सबसे पहले पीएम केयर नाम से यूपीआई आईडी बना ली थी. इस घटना को लेकर साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद से लगातार सोशल मीडिया पर साइबर सेल नजर रख रही थी.
जांच कर रही साइबर सेल की सोशल मीडिया टीम को पता चला कि फेसबुक पर पीएम रिलीफ फंड के नाम से एक अकाउंट खुला है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर कोरोना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लिखी है. इस पर आंध्रा बैंक का एक अकाउंट नंबर आईएफएससी कोड के साथ डाला गया है.
अकाउंट में लोगों से मदद राशि भेजने को कहा गया है. इसे लेकर साइबर सेल ने पीएमओ से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसा कोई अकाउंट सरकार ने नहीं बनाया है. इसके तुरंत बाद इस अकॉउंट को बंद कर दिया गया. एफआईआर दर्ज कर इस आईडी को बनाने वाले की तलाश साइबर सेल कर रही है.
झारखंड से जुड़े फर्जीवाड़े के तार
साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि दोनों ही मामलों के तार झारखंड से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं. दोनों आईडी वहां से बनाई गई हैं. पीएम रिलीफ फंड के साथ जिस आंध्र बैंक के खाते की डिटेल डाली गई है, वह भी झारखंड में है.
उन्होंने फिलहाल इस बैंक खाते को सील करवा दिया है. उन्होंने बताया कि साइबर सेल के त्वरित एक्शन की वजह से अभी तक यह जालसाज ज्यादा लोगों से ठगी नहीं कर सके थे. इस अकाउंट में बड़ी राशि नहीं मिली है. पुलिस फिलहाल जालसाज तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
लोगों से सावधान रहने की अपील
पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रही है कि वह सरकार को आर्थिक सहयोग देते समय सावधानी बरतें. जालसाज ने कई तरह के फर्जी अकाउंट खोल रखे हैं और उनके माध्यम से लोगों से रकम मांगी जा रही है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही सहयोग राशि को बैंक खाते में डाले.