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सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, पांच गिरफ्तार - Job with fake website Delhi

पुलिस ने सरकारी नौकरी के नाम पर करीब 27 हजार लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. जिसमें पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को फंसाते थे, उसके बाद उनसे पैसा ऐंठ लेते थे.

Five accused of cheating arrested in the name of government job
सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी के पांच आरोपी गिरफ्तार
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Published : Nov 5, 2020, 3:48 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 5:27 PM IST

नई दिल्ली: पुलिस की साइबर क्राइम ने सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. डीसीपी अनेश राय ने बताया कि हरियाणा के हिसार से संचालित यह गैंग सरकारी नौकरी के नाम पर लोगों से अब तक करीब 1 करोड़ से अधिक की रकम ठग चुके हैं. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी
27 हजार लोगों को बनाया निशाना

पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनेश राय ने बताया कि 1 महीने के अंदर यह गैंग करीब 27 हजार लोगों को सरकारी नौकरी के नाम पर चूना लगा चुका है. इसी दौरान एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम यूनिट से की थी. जिसके बाद साइबर क्राइम यूनिट ने इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया है.

हरियाणा के हिसार से संचालित यह गैंग फेक वेबसाइट के माध्यम से जॉब की वैकेंसी निकालता था. उसके बाद पेमेंट गेटवे के माध्यम लोग सरकारी नौकरी की आस में यहां रजिस्ट्रेशन कराते थे, जिसके बाद सारा पैसा आरोपियों के खाते में जमा हो जाता था और आरोपी हिसार के विभिन्न एटीएम से उन पैसों की निकासी करते थे.



5 लोगों की हुई गिरफ्तारी

डीसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड रामधारी है, जो दिल्ली के मुंडका इलाके में एकलव्य नाम का ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाता था. उसके पास लाखों लोगों के फोन नंबर और डाटा थे. आरोपियों द्वारा करीब 15 लाख लोगों को एसएमएस भेजे गए थे, जिसमें फर्जी वेबसाइट की लिंक थी. जिसके बाद करीब 27 हजार लोगों ने इन फर्जी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया.

डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान अमनदीप खटखारी, सुरेंद्र सिंह, संदीप, रामधारी (मास्टरमाइंड) और जोगिंदर सिंह के रूप में की गई है. इनके पास से साइबर क्राइम यूनिट ने 49 लाख रुपये, तीन लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. इनके बैंक खातों को सील कर दिया गया है और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है.

ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनेश राय ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान अमनदीप ने बताया कि स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान में नौकरी दिलाने के नाम पर आरोपियों ने करीब 15 लाख लोगों को एक मैसेज भेजा था. जिनमें से 27 हजार लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया.

इन फर्जी वेबसाइट को इस तरीके से बनाया गया था कि यह असली जैसे लगते थे. इतना ही नहीं स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान के नाम से एक बैंक अकाउंट भी खोला गया था. जिसमें लोग रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर पैसे जमा करा रहे थे.

इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी रामधारी बुराड़ी इलाके में एक ऑनलाइन टेस्टिंग सेंटर चलाता था. इसके चलते उसके पास लाखों लोगों के फोन नंबर और डाटा थे, जिसके बाद उन्होंने 15 लाख लोगों को एसएमएस भेजा था. अभी तक इस मामले में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है.

नई दिल्ली: पुलिस की साइबर क्राइम ने सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. डीसीपी अनेश राय ने बताया कि हरियाणा के हिसार से संचालित यह गैंग सरकारी नौकरी के नाम पर लोगों से अब तक करीब 1 करोड़ से अधिक की रकम ठग चुके हैं. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी
27 हजार लोगों को बनाया निशाना

पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनेश राय ने बताया कि 1 महीने के अंदर यह गैंग करीब 27 हजार लोगों को सरकारी नौकरी के नाम पर चूना लगा चुका है. इसी दौरान एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम यूनिट से की थी. जिसके बाद साइबर क्राइम यूनिट ने इस पूरे मामले का पर्दाफाश किया है.

हरियाणा के हिसार से संचालित यह गैंग फेक वेबसाइट के माध्यम से जॉब की वैकेंसी निकालता था. उसके बाद पेमेंट गेटवे के माध्यम लोग सरकारी नौकरी की आस में यहां रजिस्ट्रेशन कराते थे, जिसके बाद सारा पैसा आरोपियों के खाते में जमा हो जाता था और आरोपी हिसार के विभिन्न एटीएम से उन पैसों की निकासी करते थे.



5 लोगों की हुई गिरफ्तारी

डीसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड रामधारी है, जो दिल्ली के मुंडका इलाके में एकलव्य नाम का ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाता था. उसके पास लाखों लोगों के फोन नंबर और डाटा थे. आरोपियों द्वारा करीब 15 लाख लोगों को एसएमएस भेजे गए थे, जिसमें फर्जी वेबसाइट की लिंक थी. जिसके बाद करीब 27 हजार लोगों ने इन फर्जी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया.

डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान अमनदीप खटखारी, सुरेंद्र सिंह, संदीप, रामधारी (मास्टरमाइंड) और जोगिंदर सिंह के रूप में की गई है. इनके पास से साइबर क्राइम यूनिट ने 49 लाख रुपये, तीन लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. इनके बैंक खातों को सील कर दिया गया है और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है.

ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश

साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनेश राय ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान अमनदीप ने बताया कि स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान में नौकरी दिलाने के नाम पर आरोपियों ने करीब 15 लाख लोगों को एक मैसेज भेजा था. जिनमें से 27 हजार लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया.

इन फर्जी वेबसाइट को इस तरीके से बनाया गया था कि यह असली जैसे लगते थे. इतना ही नहीं स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान के नाम से एक बैंक अकाउंट भी खोला गया था. जिसमें लोग रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर पैसे जमा करा रहे थे.

इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी रामधारी बुराड़ी इलाके में एक ऑनलाइन टेस्टिंग सेंटर चलाता था. इसके चलते उसके पास लाखों लोगों के फोन नंबर और डाटा थे, जिसके बाद उन्होंने 15 लाख लोगों को एसएमएस भेजा था. अभी तक इस मामले में 5 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है.

Last Updated : Nov 5, 2020, 5:27 PM IST
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