नई दिल्ली/नोएडा: ऑनलाइन क्रिकेट मैच पर सट्टा लगवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नोएडा पुलिस ने शनिवार को 4 सटोरियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान दिल्ली के शाहदरा निवासी गौरव गुप्ता, गाजियाबाद के विजयनगर निवासी नितिन कुमार, राजस्थान के अजीत सिंह और दिनेश गर्ग के रूप में हुई है. गौरव गुप्ता गिरोह का सरगना है. बरामद विदेशी मुद्रा की भारतीय रुपये में कीमत चार लाख के करीब है.
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपी लैपटॉप पर सुप्रीम टीवी ऐप व बुलेट 24 टीवी, क्रिक लाइन ऐप आदि डाउनलोड कर सट्टा लगवाते थे. आरोपियों द्वारा मोबाइल व लैपटॉप पर ऐप चालू कर दिया जाता था. स्क्रीन पर मैच का भाव दिखाई देता था, जो घटता व बढ़ता रहता था. भाव को देखकर कॉम्पैक्ट ब्रीफकेश के माध्यम से स्पीकर पर ग्राहकों को भाव बोला व सुनाया जाता था. इसके बाद ग्राहकों द्वारा भाव मांगे जाने पर वह जूम कॉल और मीटिंग के माध्यम से ग्राहकों को दिया जाता है. यह जूम मीटिंग लगातार चलती थी.
जूम मीटिंग के माध्यम से ग्राहक जुडते थे, जिससे हार और जीत के बाद आपस की बैट आपस में कट जाती है. कुछ ग्राहक अच्छी बैट जीत जाते थे, तो उन्हें जीतने से पहले ही डिस्कनैक्ट कर दिया जाता था. एक लैपटॉप पर ग्राहकों का हिसाब चढाया जाता था तथा एक अन्य लैपटॉप पर सुप्रीम टीवी ऐप पर क्रिकेट मैच चलाया जाता था. एक अन्य लैपटॉप पर बैट देखी जाती थी और मोबाइल पर ग्राहकों की बैट रिकार्ड की जाती थी, जिससे ग्राहक अपनी बैट से मुकर न सकें. इंटरनेट के लिए ब्रॉडबैंड का प्रयोग किया जाता था. मैच समाप्त होने के बाद हार और जीत का हिसाब जेएमडी नामक लैपटॉप अकाउंट में फीड कर लेते थे, जो टीम मैच में पंसदीदा आ रही होती थी, उसे जिताने वाला ग्राहक बैट लगाता है और हराने वाला ग्राहक बैट खाता है. भाव बढने व घटने पर आरोपियों को फायदा होता था.
आईपीएल के लिए दुबई गया था सरगना: डीसीपी हरीश चन्द्र ने बताया कि गिरोह के सरगना के पास से चार पासपोर्ट बरामद हुए हैं. वह आईपीएल सहित अन्य मैचों में सट्टा लगाने और लगवाने के लिए विदेश भी जाता था. कुछ समय पहले गौरव और उसके साथी आईपीएल मैच के लिए दुबई गए थे और भेडा नामक जगह पर किराए का कमरा लेकर 45 दिन तक सट्टे का काम किया था, जिसमें इनको मोटा मुनाफा हुआ था. आरोपियों ने बताया कि दुबई जाने का कारण यह था कि इस कार्य को दुबई में आसानी से अंजाम दिया जाता है. सरगना मैच के लिए श्रीलंका भी परिवार संग जा चुका है. वहीं से वह गिरोह को ऑपरेट करता था. सबसे ज्यादा सट्टा आरोपी इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों पर लगवाते थे.
50 हजार में लिया फ्लैट: बीते दिनों आरोपियों ने सेक्टर-39 थाना क्षेत्र स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में 50 हजार रुपए का तीन बीएचके का फ्लैट किराये पर लिया था. यहीं एक कमरे में सट्टे का पूरा सेटअप बना हुआ था. आरोपी फ्लैट के अंदर ही अपने सट्टे का कारोबार करते थे. इससे पहले गौरव और उसके गिरोह के अन्य सदस्य दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर बैठकर सट्टे का कारोबार कर रहे थे. सट्टा गिरोह का संचालक गौरव टेस्ला-20 के नाम से जाना जाता है. बीते छह सालों से इस धंधे में लिप्त है.
सबका बंटा था काम: एसीपी 1 नोएडा रजनीश वर्मा ने बताया कि सरगना गौरव बैट चैक करता था और ग्राहकों से उनकी बैट मिलाने का कार्य करता था. दिनेश लैपटॉप पर ग्राहकों की बैट चढ़ाने और ग्राहकों का हिसाब बताने का कार्य करता था. अजीत ग्राहकों को भाव देने और उनकी बैट लिखने तथा माइक पर जूम मीटिंग में ग्राहकों से संपर्क करने का कार्य करता था. नितिन सट्टा कारोबार में सारा सामान उपलब्ध कराता था व ग्राहकों से पैसे लाने का कार्य करता था. आरोपियों द्वारा फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से सिम कार्ड खरीदे जाते थे ताकि उनतक आसानी से न पहुंचा जा सके. दावा है कि गिरोह पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है.
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