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सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से की मुलाकात

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की. मुलाकात का मकसद दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम पर बातचीत करना था.

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Published : Jul 20, 2019, 4:07 AM IST

बिंदेश्वर पाठक ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से की मुलाकात etv bharat

नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में समाज सेवी संस्थान सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की. मुलाकात का मकसद दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम पर बातचीत करना था.

बातचीत के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि दिल्ली में जो युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, ये युवाओं के भविष्य को विकास की तरफ ले जाने की दिशा में बहुत ही बेहतर कदम है.

'सरकार के काम से प्रभावित'
बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम से वह बहुत ही ज्यादा प्रभावित हैं और समाज सुधार के इस कार्यक्रम में हिस्सा बनने के लिए वह बेहद उत्सुक हैं.

'जॉब मांगने वाला नहीं देने वाला बनाना है'
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अपने स्टूडेंट्स को जॉब मांगने वाला नहीं बल्कि जॉब देने वाला बनाना है. इसलिए हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम शुरू कर रहे हैं. 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चों में ये माइंडसेट बने, हिम्मत आए कि वो नौकरी ही नहीं बल्कि कुछ अपना काम भी कर सकते हैं.
इस अनूठे प्रोग्राम को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. देश भर से लोग इस प्रोग्राम को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं.

बिंदेश्वर पाठक ने दिए सुझाव
बिंदेश्वर पाठक ने बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर कैसे जनता के बीच में लेकर जाया जाए, पर चर्चा करते हुए अपने कुछ सुझाव भी व्यक्त किए और उन सुझावों के क्रियान्वयन में दिल्ली सरकार को सहयोग करने की बात कही.

चर्चा के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बताया कि किस प्रकार से उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवी संस्थान के साथ समाज को सुधारने और बेहतर दिशा में ले जाने की दिशा में शुरुआत की.

1970 से लेकर आज तक के इस सफर में जो भी उतार-चढ़ाव और परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ा, उन्होंने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा किया.

बिंदेश्वर पाठक एक भारतीय समाजशास्त्री हैं. वो भारत के सामाजिक सेवा संगठन सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक हैं, जो शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है.

स्वच्छ रेल मिशन ब्रांड एंबेसडर
बिंदेश्वर पाठक भारतीय रेलवे के स्वच्छ रेल मिशन के लिए ब्रांड एंबेसडर हैं. उनके काम को सामाजिक सुधार में अग्रणी माना जाता है. उन्हें इस संगठन के साथ अपने काम के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं.
उन्हें साल 2017 के लिए सार्वजनिक प्रशासन, शिक्षाविदों और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया. उन्हें 1991 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

बिहार के सामान्य परिवार से हैं बिंदेश्वर पाठक
बिहार के सामान्य परिवार से आने वाले बिंदेश्वर पाठक की कहानी से लेकर मुंबई के डब्बा वालों की सफलता की कहानियां, इस आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक समस्याओं को हल करने, व्यावसायिक योजना बनाने और उनको क्रियान्वित करने के तरीकों से परिचित कराएगी. दिल्ली सरकार ने ऐसे छात्रों के लिए ऋण की व्यवस्था का प्रावधान भी रखा है, जो वाणिज्यक परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में समाज सेवी संस्थान सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की. मुलाकात का मकसद दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम पर बातचीत करना था.

बातचीत के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि दिल्ली में जो युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, ये युवाओं के भविष्य को विकास की तरफ ले जाने की दिशा में बहुत ही बेहतर कदम है.

'सरकार के काम से प्रभावित'
बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम से वह बहुत ही ज्यादा प्रभावित हैं और समाज सुधार के इस कार्यक्रम में हिस्सा बनने के लिए वह बेहद उत्सुक हैं.

'जॉब मांगने वाला नहीं देने वाला बनाना है'
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अपने स्टूडेंट्स को जॉब मांगने वाला नहीं बल्कि जॉब देने वाला बनाना है. इसलिए हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम शुरू कर रहे हैं. 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चों में ये माइंडसेट बने, हिम्मत आए कि वो नौकरी ही नहीं बल्कि कुछ अपना काम भी कर सकते हैं.
इस अनूठे प्रोग्राम को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. देश भर से लोग इस प्रोग्राम को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं.

बिंदेश्वर पाठक ने दिए सुझाव
बिंदेश्वर पाठक ने बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर कैसे जनता के बीच में लेकर जाया जाए, पर चर्चा करते हुए अपने कुछ सुझाव भी व्यक्त किए और उन सुझावों के क्रियान्वयन में दिल्ली सरकार को सहयोग करने की बात कही.

चर्चा के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बताया कि किस प्रकार से उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवी संस्थान के साथ समाज को सुधारने और बेहतर दिशा में ले जाने की दिशा में शुरुआत की.

1970 से लेकर आज तक के इस सफर में जो भी उतार-चढ़ाव और परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ा, उन्होंने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा किया.

बिंदेश्वर पाठक एक भारतीय समाजशास्त्री हैं. वो भारत के सामाजिक सेवा संगठन सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक हैं, जो शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है.

स्वच्छ रेल मिशन ब्रांड एंबेसडर
बिंदेश्वर पाठक भारतीय रेलवे के स्वच्छ रेल मिशन के लिए ब्रांड एंबेसडर हैं. उनके काम को सामाजिक सुधार में अग्रणी माना जाता है. उन्हें इस संगठन के साथ अपने काम के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं.
उन्हें साल 2017 के लिए सार्वजनिक प्रशासन, शिक्षाविदों और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया. उन्हें 1991 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

बिहार के सामान्य परिवार से हैं बिंदेश्वर पाठक
बिहार के सामान्य परिवार से आने वाले बिंदेश्वर पाठक की कहानी से लेकर मुंबई के डब्बा वालों की सफलता की कहानियां, इस आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक समस्याओं को हल करने, व्यावसायिक योजना बनाने और उनको क्रियान्वित करने के तरीकों से परिचित कराएगी. दिल्ली सरकार ने ऐसे छात्रों के लिए ऋण की व्यवस्था का प्रावधान भी रखा है, जो वाणिज्यक परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं.

Intro:नई दिल्ली. शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में समाज सेवी संस्थान सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों में चलाये जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम पर बातचीत करने के लिए मुलाकात की.Body:बातचीत के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि दिल्ली में जो युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, यह युवाओं के भविष्य को विकास की ओर ले जाने की दिशा में बहुत ही बेहतर कदम है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम से वह बहुत ही ज्यादा प्रभावित हैं और समाज सुधार के इस कार्यक्रम में हिस्सा बनने के लिए वह बेहद उत्सुक हैं.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अपने स्टूडेंट्स को जाॅब मांगने वाला नहीं बल्कि जाॅब देने वाला बनाना है. इसलिए हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में
आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम शुरू कर रहे हैं. 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चों में ये माइंडसेट बने, हिम्मत आये कि वो नौकरी ही नहीं बल्कि कुछ अपना काम भी कर सकते हैं, जो और लोगों को रोजगार दे और न केवल बेरोज़गारी कम हो बल्कि देश की इकॉनमी में भी योगदान हो. इस अनूठे प्रोग्राम को बहुत अच्छा रेस्पाॅन्स मिल रहा है. देश भर से लोग इस प्रोग्राम को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं.

बिंदेश्वर पाठक ने बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर कैसे जनता के बीच में लेकर जाया जाए, पर चर्चा करते हुए अपने कुछ सुझाव भी व्यक्त किए और उन सुझावों के क्रियान्वयन में दिल्ली सरकार को सहयोग करने की बात कही

चर्चा के दौरान बिंदेश्वर पाठक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बताया कि किस प्रकार से उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवी संस्थान के साथ समाज को सुधारने और बेहतर दिशा में ले जाने की दिशा में शुरुआत की. 1970 से लेकर आज तक के इस सफर में जो भी उतार-चढ़ाव और परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ा, उन्होंने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा किया.Conclusion:बिंदेश्वर पाठक एक भारतीय समाजशास्त्री हैं. वह भारत के सामाजिक सेवा संगठन सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक हैं, जो शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. वह भारतीय रेलवे के स्वच्छ रेल मिशन के लिए ब्रांड एंबेसडर हैं. उनके काम को सामाजिक सुधार में अग्रणी माना जाता है, खासकर स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में. उन्हें इस संगठन के साथ अपने काम के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले. उन्हें वर्ष 2017 के लिए सार्वजनिक प्रशासन, शिक्षाविदों और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ प्रस्तुत किया गया था. उन्हें 1991 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

बिहार के सामान्य परिवार से आने वाले बिंदेश्वर पाठक की कहानी से लेकर मुंबई के डब्बा वालों की सफलता की कहानियां, इस आन्ट्रप्रनर्शिप माइंडसेट कैरिकुलम के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक समस्याओं को हल करने, व्यावसायिक योजना बनाने और उनको क्रियान्वित करने के तरीकों से परिचित कराएगी. दिल्ली सरकार ने ऐसे छात्रों के लिए ऋण की व्यवस्था का प्रावधान भी रखा है, जो वाणिज्यक परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं.

समाप्त, आशुतोष झा


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