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दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों के फंड कट पर फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा

दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों के फंड कट पर फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षकों व कर्मचारियों के समुचित राशि समय पर नहीं जारी होती है. बुनियादी ढांचा ठीक नहीं होता तब तक दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी बनाने का कोई औचित्य नहीं है.

फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2023, 5:58 PM IST

नई दिल्ली: फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के फंड कट पर चिंता जताई है. एलजी से मांग की है कि कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन और अन्य बकायों के भुगतान के लिए पिछले महीने 100 करोड़ की जो राशि जारी की है वह अपर्याप्त है. उनका यह भी कहना है कि जो राशि दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग से जारी हुई है वह अभी तक कॉलेजों में नहीं पहुंची है.

क्या बोले फोरम के चैयरमेन: फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से उनके द्वारा शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन समय पर नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहा है. शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. सरकार जो इंस्टॉलमेंट भेजती है उससे पहले की सैलरी ही मिल पाती है. बाकी फिर कई महीनों इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन शिक्षकों की सालभर पहले पदोन्नति हुई थी उनके एरियर का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है.

डॉ. सुमन ने यह भी बताया कि मेडिकल बिलों का भुगतान, सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन, एलटीसी और चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस जैसे जरूरी भुगतान भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों का बुनियादी ढांचा भी दयनीय अवस्था में है. उनके अनुसार अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन की बिल्डिंग की हालत खराब है.

लैब, क्लास रूम, शौचालय, पीने का पानी, सेमिनार हॉल, गार्डन की स्थिति भी समुचित ग्रांट न मिलने के कारण दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है. डॉ. सुमन ने कहा कि जब तक समुचित राशि समय पर नहीं जारी होती है और बुनियादी ढांचा ठीक नहीं होता तब तक दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी बनाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में सरकार की गवर्निंग बॉडी न बनाएं.

एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया: डॉ. सुमन ने यह भी मांग की जिस तरह से अन्य कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति व प्रमोशन की प्रक्रिया जारी है ठीक उसी तरह से इन कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने के लिए रोस्टर पास कर पदों को विज्ञापित करें. उन्होंने बताया कि सरकार के भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस ने अपने यहाँ शिक्षकों के पदों को भरने के लिए पहल की है. उसी तरह से 11 अन्य कॉलेज भी विज्ञापन जारी कर स्थायी नियुक्ति करें, ताकि दिल्ली विश्वविद्यालय से एडहॉकइज्म समाप्त हो.

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नई दिल्ली: फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के फंड कट पर चिंता जताई है. एलजी से मांग की है कि कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन और अन्य बकायों के भुगतान के लिए पिछले महीने 100 करोड़ की जो राशि जारी की है वह अपर्याप्त है. उनका यह भी कहना है कि जो राशि दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग से जारी हुई है वह अभी तक कॉलेजों में नहीं पहुंची है.

क्या बोले फोरम के चैयरमेन: फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से उनके द्वारा शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन समय पर नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहा है. शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. सरकार जो इंस्टॉलमेंट भेजती है उससे पहले की सैलरी ही मिल पाती है. बाकी फिर कई महीनों इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन शिक्षकों की सालभर पहले पदोन्नति हुई थी उनके एरियर का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है.

डॉ. सुमन ने यह भी बताया कि मेडिकल बिलों का भुगतान, सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन, एलटीसी और चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस जैसे जरूरी भुगतान भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों का बुनियादी ढांचा भी दयनीय अवस्था में है. उनके अनुसार अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन की बिल्डिंग की हालत खराब है.

लैब, क्लास रूम, शौचालय, पीने का पानी, सेमिनार हॉल, गार्डन की स्थिति भी समुचित ग्रांट न मिलने के कारण दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है. डॉ. सुमन ने कहा कि जब तक समुचित राशि समय पर नहीं जारी होती है और बुनियादी ढांचा ठीक नहीं होता तब तक दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी बनाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में सरकार की गवर्निंग बॉडी न बनाएं.

एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया: डॉ. सुमन ने यह भी मांग की जिस तरह से अन्य कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति व प्रमोशन की प्रक्रिया जारी है ठीक उसी तरह से इन कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने के लिए रोस्टर पास कर पदों को विज्ञापित करें. उन्होंने बताया कि सरकार के भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस ने अपने यहाँ शिक्षकों के पदों को भरने के लिए पहल की है. उसी तरह से 11 अन्य कॉलेज भी विज्ञापन जारी कर स्थायी नियुक्ति करें, ताकि दिल्ली विश्वविद्यालय से एडहॉकइज्म समाप्त हो.

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