नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आवारा कुत्ते मासूमों से लेकर बड़ों तक को निशाना बना रहे हैं. कई जगह मासूमों को नोच कर मार डालने की भयावह घटनाएं भी सामने आई हैं. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री बीजेपी नेता विजय गोयल ने दिल्ली के आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर एक पहल की है, जिसमें आवारा कुत्तों के समाधान को लेकर अलग-अलग जगहों पर लोगों के साथ मिलकर चर्चा की जाएगी.
वहीं, कुत्तों के समाधान को लेकर कल दिल्ली के आरडब्ल्यू एसोसिएशन के साथ कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें दूसरे पक्ष के लोगों ने आकर काफी हंगामा किया. बाद में कई घंटे तक हंगामा चलता रहा और मौके पर पुलिस को भी आना पड़ गया, जिससे बाद मामला शांत हुआ.
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. गोयल ने कहा कि पूरे देश भर में आवारा कुत्तों के काटने की समस्या एक बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसको लेकर कल हमने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक गोष्ठी का आयोजन भी किया था. उन्होंने कहा कि लोग अभियान द्वारा आवारा कुत्तों के काटने की समस्या और समाधान मुद्दे पर मीटिंग कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में आयोजित की गई थी. इसमें कुछ महिलाओं ने जबरदस्ती घुसकर जो हंगामा किया उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं. यह मीटिंग को खराब करने और हंगामा करने का सुनियोजित तरीके से पढ़यंत्र था.
उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले 3 महीने फरवरी मार्च और अप्रैल में 12652 मामले कुत्तों के काटने के आए हैं और इनमें से 50% मामले 14 साल से नीचे की आयु के बच्चों के हैं. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय और कमिश्नर ज्ञानेश भारती से भी मिलेंगे, ताकि कुत्तों के काटने की समस्या के समाधान के लिए जो कल हमने 10 सूत्रीय मांग जारी किया है उस पर वह कैसे अमल करें.
इसे भी पढ़ें: गाजियाबाद में सोसायटी के मंदिर में तोड़फोड़ की अफवाह, जानिए क्या है मामला?
यह हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री की 10 सूत्रीय मांग:-
- ज्यादा से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी होनी चाहिए.
- नसबंदी का कार्य नगर निगम अपने हाथों में ले, इसमें लिप्त एनजीओ से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं.
- कुत्तों के लिए एक नेशनल एडॉप्शन पॉलिसी बनाई जाए.
- प्रत्येक सोसाइटी में कुत्तों को खिलाने के लिए एक अलग जगह निर्धारित हो.
- सभी कुत्तों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगानी चाहिए.
- अकर्मक कुत्तों के लिए अलग से कुत्तों का बाड़ा बनाया जाना चाहिए.
- सभी कुत्तों की घटना की जानी चाहिए इसके लिए geo-tagging का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- कुत्ता और इंसानों दोनों को तकलीफ ना हो ऐसे कानून बनने चाहिए.
- सरकारी अस्पतालों में रैबीज इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.
- 2030 तक भारत को रेबीज मुक्त देश बनाने के लिए उसकी तरफ बढ़ा जाए. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय एवं एनिमल वेलफेयर बोर्ड को मिलकर काम करना चाहिए.
इसे भी पढ़ें: Kejriwal Calls Meeting: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में बुलाई अहम बैठक