नई दिल्ली: जीवन एक सस्पेंस फिल्म की तरह है. आप कितनी भी कोशिश कर लें, कभी अनुमान नहीं लगा सकते कि आगे क्या होगा. इसी पर आधारित पुस्तक 'द सोल्स फ्यूल' का विमोचन पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने किया. यह पुस्तक जीवन और उसकी सीखों के बारे में बहुत जानकारी देती है.
इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने लेखिका अनुशा हंसारिया की तारीफ की और कहा कि उन्होंने इस किताब के विमोचन से पहले मुझे फ़ोन किया, लेकिन मैंने आने के लिए मना कर दिया था. फिर इन्होंने आने की जिद की. चूंकि ये एक अच्छी स्टूडेंट भी रही हैं और मैं इन्हें काफी करीब से जानता भी हूं, इसलिए इनकी जिद के आगे मैं हार गया.
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उन्होंने कहा कि यह किताब काफी अच्छी है. सभी लोगों को इसे पढ़ना चाहिए और अपने जीवन में क्या बदलाव हो सकते हैं, कैसे जीवन आगे बढ़ सकता है, इस किताब के जरिए लेखिका ने समझाने की कोशिश की है और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को बहुत अच्छे ढंग से दर्शाया है.
उन्होंने कहा कि जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने के लिए लेखिका की कल्पना उनके अनुमानों पर आधारित है. हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है, वह हमें कुछ न कुछ सिखाता है. जो बदले में हमें जीवन को बेहतर और आनंदमय तरीके से जीने में मदद करता है. यह दर्शाता है कि कैसे जीवन में आने वाली हर कठिनाइयों में कुछ सकारात्मकता छिपी होती है. इस किताब में मानव विकास किस प्रकार से होता है, जैसे तमाम मुद्दों पर भी बहुत जानकारियां दी गई हैं.
दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शुक्रवार को इस किताब का विमोचन हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के अतिरिक्त गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर डॉ. रमेश चंद्र गौर भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, लॉ स्टूडेंट्स, कई आईएएस अधिकारी और वरिष्ठ नागरिक शामिल हुए. इस किताब को अनुशा हंसारिया ने लिखा है.
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