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लॉकडाउन का असरः नर्सरी में फूलों के खिले पौधे तो हैं, पर खरीददार नहीं - लॉकडाउन में फूलों का कारोबार

एक तरफ जहां कोरोना महामारी को लेकर लोगों की जान आफत में फंसी हुई है. रोजाना सैकड़ों की जान देश की राजधानी दिल्ली में जा रही है, तो दूसरी तरफ इस महामारी से बचाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में फंसकर गरीब मजदूरों और रोजी-रोटी कमाने वालों की जान कमाई खत्म होने के कारण फंसती नजर आ रही है.

flower business slowed due to lockdown
लॉकडाउन का असर
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Published : Apr 30, 2021, 10:48 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां कोरोना महामारी को लेकर लोगों की जान आफत में फंसी हुई है, तो दूसरी तरफ लगाए गए लॉकडाउन के कारण गरीब मजदूरों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है. ज्ञात रहे कि गर्मी के इस मौसम में फूलों की बिक्री खूब होती थी, क्योंकि शादियों का भी सीजन रहता था.

लॉकडाउन के कारण फूलों का कारोबार धीमा हो गया

वहीं इस बार नर्सरी का बिजनेस करने वालों की हालत खराब हो गई है, क्योंकि उनके फूलों की बिक्री नहीं के बराबर हो रही है. इसी बीच बक्करवाला इलाके में बरसों से नर्सरी का बिजनेस करने वाले चंचल नर्सरी के सुपरवाइजर ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि इस समय आम दिन रोजाना 25000 से ज्यादा की बिक्री हो जाती थी, लेकिन अभी ढाई सौ की भी बिक्री होना मुश्किल हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः-लॉकडाउन की वजह से ऑटो चालकों को नहीं मिल रही है सवारी, आधी हो गई कमाई

उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर वह नर्सरी का बिजनेस कर रहे हैं, वह जमीन किराये की है और इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है, लेकिन लगातार कोरोना महामारी की वजह से लगी बंदिशों और लॉकडाउन के कारण हालत खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि आखिर करूं तो क्या करूं.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां कोरोना महामारी को लेकर लोगों की जान आफत में फंसी हुई है, तो दूसरी तरफ लगाए गए लॉकडाउन के कारण गरीब मजदूरों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है. ज्ञात रहे कि गर्मी के इस मौसम में फूलों की बिक्री खूब होती थी, क्योंकि शादियों का भी सीजन रहता था.

लॉकडाउन के कारण फूलों का कारोबार धीमा हो गया

वहीं इस बार नर्सरी का बिजनेस करने वालों की हालत खराब हो गई है, क्योंकि उनके फूलों की बिक्री नहीं के बराबर हो रही है. इसी बीच बक्करवाला इलाके में बरसों से नर्सरी का बिजनेस करने वाले चंचल नर्सरी के सुपरवाइजर ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने बताया कि इस समय आम दिन रोजाना 25000 से ज्यादा की बिक्री हो जाती थी, लेकिन अभी ढाई सौ की भी बिक्री होना मुश्किल हो रहा है.

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उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर वह नर्सरी का बिजनेस कर रहे हैं, वह जमीन किराये की है और इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है, लेकिन लगातार कोरोना महामारी की वजह से लगी बंदिशों और लॉकडाउन के कारण हालत खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि आखिर करूं तो क्या करूं.

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