नई दिल्ली: राजधानी में सैकड़ों ऐसे स्कूल हैं, जिनके पास फायर की एनओसी नहीं है. वहीं जिन स्कूलों के पास एनओसी है, वहां भी आग लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इसे ध्यान में रखते हुए दमकल विभाग ने स्कूलों को सुरक्षित बनाने के लिए शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की है. उन्हें आग से बचाव, स्कूल से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने एवं आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक राजधानी में 500 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं , जिनके पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है. ये खुलासा हाल ही में एक आरटीआई से हुआ है. ये ऐसी जगह है, जहां सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में आगजनी से उनकी सुरक्षा निश्चित करने के लिए दमकल विभाग तमाम कोशिश कर रहा है. इसके तहत ही स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम करने ले साथ ही प्रशिक्षण कैम्प भी लगाए जा रहे हैं.
शिक्षकों और छात्रों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
दमकल विभाग के निदेशक विपिन कैंटल ने बताया कि आग की घटना से निपटने के लिए अब न केवल दमकल कर्मी बल्कि लोगों को भी प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. इसे ध्यान में रखते हुए अब स्कूलों में भी दमकल विभाग छात्रों एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरीके से आगजनी से बचा जा सकता है.
इसके साथ ही आग से निपटने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही शिक्षकों को स्कूल से बच्चों को सुरक्षित निकालने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
सरकार एवं शिक्षा निदेशालय को कराया अवगत
दमकल विभाग के निदेशक विपिन कैंटल ने बताया कि जिन स्कूलों के पास फायर की एनओसी नहीं है, उनकी जानकारी शिक्षा निदेशालय को दे दी गई है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दिल्ली सरकार को भी इस जानकरीं से अवगत करा दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि वो समय-समय पर सरकार को ऐसी सभी जानकारियां साझा करते हैं ताकि बेहतर तालमेल के साथ काम किया जा सके. उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्कूल को मिलने वाली एनओसी 3 साल बाद रिन्यू करवानी होती है, लेकिन कई बाहर स्कूल इसे रिन्यू नहीं कराते.
प्रशिक्षण से मिलेगा फायदा
दमकल विभाग का मानना है कि इस प्रशिक्षण का काफी फायदा आने वाले समय में देखने को मिलेगा. अगर कभी स्कूल में आग लगती है तो दमकल के पहुंचने से पहले शिक्षक एवं छात्र मिलकर इस आग को बढ़ने से रोक सकेंगे.