नई दिल्ली/नोएडा : दादरी एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों का धरना 2 नवंबर से रसूलपुर गांव में चल रहा है. रविवार को धरना स्थल पर ही एक महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में किसान शामिल हुए. इस महापंचायत में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. किसानों ने महापंचायत के दौरान फैसला लिया कि 8 दिसंबर को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे और जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी उनका धरना लगातार चलता रहेगा.
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा बताया कि एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है, लेकिन हर बार उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया जाता है. 1 नवंबर को तानाशाही रवैया अपनाते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया. लेकिन किसानों ने हिम्मत नहीं हारी और उसके बावजूद भी उनकी लड़ाई जारी रही. रसूलपुर गांव में 2 नवंबर से लगातार धरना चल रहा है. किसानों के धरने को 1 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है.
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उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लिए बिना ही इस प्रदर्शन को अब और हवा दी जाएगी. इसके लिए हर गांव और सेक्टरों में सहयोग के लिए जाना पड़ा तो वह जाएंगे, मगर किसानों को न्याय दिला कर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. एनटीपीसी ने किसानों के साथ जो करार किया था जो आश्वासन किसानों को दिया था उसे पूरा नहीं कर रही है. इसके लिए किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.
दरअसल, एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. उसी के दौरान एनटीपीसी पर प्रदर्शन के दौरान एक नवंबर को पुलिस ने 12 किसानों को जेल भेज दिया था. उसके बाद भी किसानों ने रसूलपुर गांव में प्रदर्शन जारी रखा. अब जेल से किसानों की रिहाई भी हो चुकी है. लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, धरना-प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.
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