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सामाजिक संवादहीनता की वजह से हिंसक हो रहे युवा: प्रोफेसर संजीव तिवारी

बाबा हरिदास नगर हत्याकांड के बाद समाज में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय तिवारी और अमृता बजाज ने इसके पीछे के कारणों को बताया है. वहीं स्वाती मलीवाल ने भी एक बड़ा प्रश्न उठाया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है इसके पीछे की वजह...

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Published : Feb 15, 2023, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार न केवल अपराध बढ़ रहा है बल्कि आपराधिक घटनाओं में हिंसक प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है. लोगों में बढ़ रहे हिंसक बर्ताव को लेकर दिल्ली के मनोचिकित्सक और समाजशास्त्री भी चिंतित है. दिल्ली विश्वविद्यालय के अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर संजय तिवारी बताते हैं कि समाज में हिंसक व्यवहार बढ़ने का प्रमुख कारण सामाजिक संवादहीनता का बढ़ना है. हमे इसे अपने स्तर पर दूर करने का प्रयास करना होगा. इसके बाद ही हम किसी अन्य से अपेक्षा कर पाएंगे.

प्रोफेसर संजय तिवारी बताते हैं कि किस प्रकार की हिंसक घटनाओं का मुख्य कारण सोशल मीडिया पर युवाओं की अधिक डिपेंडेंसी है. उन्होंने कहा कि अमूमन एक दिन में एक युवा करीब 6 से 8 घंटे तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है, जिससे उसके व्यवहार आदि पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं. इसके अलावा अनियंत्रित ओटीटी प्लेटफॉर्म भी युवाओं को हिंसा के लिए उकसाते हैं. उन्होंने जोड़ा कि परिवार तथा समाज संवादहीनता एक बड़ी वजह है. जैसे परिवार के सभी सदस्य द्वारा अलग-अलग मोबाइल फोन लेकर खाने के वक्त भी बात ना करना, आस पड़ोस में खुशी अथवा गम के दौरान भी उनसे बातें न करना आदि लोगों में मानसिक विकृति पैदा करता है.

अब भी महिलाओं के लिए असुरक्षित माहौलः दिल्ली विश्वविद्यालय में ज्योग्राफी की प्रोफेसर अमृता बजाज बताती हैं कि वह खुद भी दिल्ली विश्वविद्यालय से ही शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं. जब वह विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं, तब भी उन्हें समाज के अंदर आकर इनसिक्योरिटीज का सामना करना पड़ता था. कभी यूनिवर्सिटी की बस अगर नहीं आती थी, तो उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करना पड़ता था जो कि एक परेशानी का कारण था. ज्योग्राफी की थर्ड ईयर की स्टूडेंट पूजा बताती हैं कि वर्तमान समय में भी अलग-अलग तरह की स्टॉकिंग और छेड़खानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि उन्होंने जोड़ा की वर्तमान समय में महिलाएं अधिक जागरूक हैं और महिलाओं के लिए बनाए कानूनों ने थोड़ा परिवर्तन अवश्य लाया है.

ये भी पढे़ंः Nikki Yadav murder case: निक्की के पिता बोले- साहिल को फांसी दी जाए

कब तक मरती रहेंगी लड़कियांः बाबा हरिदास नगर थाना क्षेत्र में हुए हत्याकांड के मामले में अब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी अपना दुख जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "कुछ महीने पहले दिल दहलाने वाले श्रद्धा हत्याकांड ने इंसानियत को झकझोर दिया था. अब निक्की यादव नाम की लड़की को उसके बॉयफ्रेंड ने मार डाला, फ्रिज में लाश रखी और अगले दिन किसी और से शादी की. बेहद खौफनाक. आखिर कब तक लड़कियां ऐसे ही मरती रहेंगी.

ये भी पढ़ेंः Nikki Yadav Murder Case: गला दबाकर हुई थी हत्या, बॉडी पर चोट के निशान नहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार न केवल अपराध बढ़ रहा है बल्कि आपराधिक घटनाओं में हिंसक प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है. लोगों में बढ़ रहे हिंसक बर्ताव को लेकर दिल्ली के मनोचिकित्सक और समाजशास्त्री भी चिंतित है. दिल्ली विश्वविद्यालय के अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर संजय तिवारी बताते हैं कि समाज में हिंसक व्यवहार बढ़ने का प्रमुख कारण सामाजिक संवादहीनता का बढ़ना है. हमे इसे अपने स्तर पर दूर करने का प्रयास करना होगा. इसके बाद ही हम किसी अन्य से अपेक्षा कर पाएंगे.

प्रोफेसर संजय तिवारी बताते हैं कि किस प्रकार की हिंसक घटनाओं का मुख्य कारण सोशल मीडिया पर युवाओं की अधिक डिपेंडेंसी है. उन्होंने कहा कि अमूमन एक दिन में एक युवा करीब 6 से 8 घंटे तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है, जिससे उसके व्यवहार आदि पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं. इसके अलावा अनियंत्रित ओटीटी प्लेटफॉर्म भी युवाओं को हिंसा के लिए उकसाते हैं. उन्होंने जोड़ा कि परिवार तथा समाज संवादहीनता एक बड़ी वजह है. जैसे परिवार के सभी सदस्य द्वारा अलग-अलग मोबाइल फोन लेकर खाने के वक्त भी बात ना करना, आस पड़ोस में खुशी अथवा गम के दौरान भी उनसे बातें न करना आदि लोगों में मानसिक विकृति पैदा करता है.

अब भी महिलाओं के लिए असुरक्षित माहौलः दिल्ली विश्वविद्यालय में ज्योग्राफी की प्रोफेसर अमृता बजाज बताती हैं कि वह खुद भी दिल्ली विश्वविद्यालय से ही शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं. जब वह विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं, तब भी उन्हें समाज के अंदर आकर इनसिक्योरिटीज का सामना करना पड़ता था. कभी यूनिवर्सिटी की बस अगर नहीं आती थी, तो उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करना पड़ता था जो कि एक परेशानी का कारण था. ज्योग्राफी की थर्ड ईयर की स्टूडेंट पूजा बताती हैं कि वर्तमान समय में भी अलग-अलग तरह की स्टॉकिंग और छेड़खानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि उन्होंने जोड़ा की वर्तमान समय में महिलाएं अधिक जागरूक हैं और महिलाओं के लिए बनाए कानूनों ने थोड़ा परिवर्तन अवश्य लाया है.

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कब तक मरती रहेंगी लड़कियांः बाबा हरिदास नगर थाना क्षेत्र में हुए हत्याकांड के मामले में अब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी अपना दुख जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "कुछ महीने पहले दिल दहलाने वाले श्रद्धा हत्याकांड ने इंसानियत को झकझोर दिया था. अब निक्की यादव नाम की लड़की को उसके बॉयफ्रेंड ने मार डाला, फ्रिज में लाश रखी और अगले दिन किसी और से शादी की. बेहद खौफनाक. आखिर कब तक लड़कियां ऐसे ही मरती रहेंगी.

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