नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में हुए गैंगवार में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया (सुनील मान) की नृशंस तरीके से हत्या के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था व वहां पर दबंग कैदियों की मनमानी को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी तथा तिहाड़ जेल की महानिदेशक रह चुकी किरण बेदी का कहना है कि आज कैदियों को लेकर जिस तरह की बातें बाहर आ रही है, इसके लिए जेल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के साथ-साथ कैदियों की संख्या के अनुसार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जरूरत है. इसके अलावा कैदियों से मुलाकात करने वाले जो लोग आते हैं इसकी प्रक्रिया में भी बदलाव किया जाए. कोर्ट में ऐसे कैदियों की पेशी वीडियो कॉल के माध्यम से ही होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि ऐसे गैंगेस्टर को जेल के अलग सेल में रखे जाने के साथ-साथ जेल में अगर कोई उससे मिलने आता है तो इसके लिए अलग समय तय होना चाहिए. जेल के बैरक की तलाशी होनी चाहिए. वरिष्ठ अधिकारी भी औचक निरीक्षण करें तो ऐसी हालात ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा.
तिहाड़ जेल में जेलकर्मियों की मौजूदगी में गैंगेस्टर टिल्लू तजपुरिया की हत्या के संबंध में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार रात को तिहाड़ जेल के महानिदेशक सुनील बेनीवाल को तलब किया और उनसे रिपोर्ट मांगी. जेल महानिदेशक ने घटना के बाद कि जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल को दिया जिसके आधार पर ही तिहाड़ जेल के दो सहायक अधीक्षक समेत 9 जेल कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. तमिलनाडु पुलिस के उन जेलकर्मियों के खिलाफ जो वहां ड्यूटी पर थे, तमिलनाडु पुलिस की ओर से कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है.
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बता दें कि तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में गैंगेस्टर टिल्लू ताजपुरिया की नृशंस तरीके से हत्या की गई थी. अब उसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस मामले में नौ जेलकर्मियों खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. इस पर तिहाड़ जेल में पूर्व अधिकारी सुनील गुप्ता का कहना है कि जेल में ज्यादातर दानिक्स कैडर के अधिकारी तैनात हैं. इनके पास जेल के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त अनुभव व क्षमता नहीं है. अधिकारियों के बीच समन्वय की भी कमी दिखाई देती है. जेल कर्मचारियों की कैदियों से मिलीभगत की भनक लगते ही तुरंत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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