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निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर नहीं सुधरे हालात, जानिए क्या कहती है महिलाएं - महिलाएं मेट्रो में सेफ्टी को लेकर संतुष्टि जताई

11 years of Nirbhaya case: दिल्ली में हुए निर्भय गैंगरेप और मर्डर की घटना के 11 साल बीतने के बावजूद सुरक्षा को लेकर राजधानी की महिलाओं में डर है. उनका कहना है कि सरकार ने इस दिशा में कदम तो जरूर उठाए हैं लेकिन महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई खास बदलाव नजर नहीं आता. देर शाम उन्हें बाहर निकलने में डर लगता है.

निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात
निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 16, 2023, 3:20 PM IST

निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात

नई दिल्ली: दिल्ली में हुए निर्भय गैंगरेप और मर्डर की घटना के 11 साल होने के बाद भी यहां महिला सुरक्षा में कोई खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है. हालांकि इस घटना के बाद दिल्ली में सुरक्षा को लेकर तमाम बड़े-बड़े दावे किए गए थे. इस घटना के 11 साल बीत जाने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं और कुछ महिलाओं से बातचीत की और दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर उनकी राय जानी.

कुछ छात्राओं ने और महिलाओं ने बताया कि दिल्ली में आज भी हालत महिलाओं को लेकर कुछ नहीं बदला है. जगह-जगह मनचले खड़े रहते हैं सबसे बड़ी बात है कि दिल्ली में महिला सुरक्षा कर्मियों की भी कमी है. पुलिस स्टेशन में फीमेल कांस्टेबल नहीं दिखती हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर आज भी हम लोग डर की वजह से देर शाम घर से बाहर नहीं निकलते. मां-बाप भी उन्हें देर शाम घर से निकलने से मना करते हैं.

निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात

महिलाओं का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि दिल्ली में सुरक्षा को लेकर कुछ बड़े उपाय सरकार की तरफ से किए गए हैं .कुछ दिनों तक तो सिर्फ मीडिया में खबरें रहती हैं उसके बाद हालत जस के तस रहते हैे . हालांकि मेट्रो में सफर करने वाली महिलाएं मेट्रो में सेफ्टी को लेकर संतुष्टि जताई.लेकिन बाहर सड़कों और बस में स्थिति को जस का तस बनाया.

ये भी पढ़ें :निर्भया कांड के 11 साल: आज भी महिलाओं के लिए 'सुरक्षित' नहीं राजधानी, महिला अपराध में दिल्ली टॉप पर

ईटीवी भारत से बात करते हुए महिलाओं ने बताया कि दिल्ली में थोड़ी बहुत चीज जरूर बदली है लेकिन जितना बदलाव होना चाहिए उतना बदलाव नहीं हुआ है. महिलाएं आज भी घर से निकलने से डरती है और हमारे मां-बाप भी हमको घर से बाहर निकलने में भेजने से डरते हैं.वहीं कुछ महिलाओं और लड़कियों ने सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने को असुरक्षित बताया.

वहीं कुछ महिलाओं का ये भी मानना है कि महिला खुद अपनी सुरक्षा कर सकती हैं .महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. दिल्ली पुलिस हर जगह महिलाओं के साथ नहीं घूमेगी लेकिन थोड़ी बहुत सुरक्षा में जो हालात सुधारे जा सकते हैं उनकी कोशिश जरूर हो सकती है .कुल मिलाकर ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर अभी भी कुछ काम नहीं हुए हैं .हमें बहुत कुछ कदम उठाने की जरूरत है. दिल्ली में अभी भी देर रातघर से बाहर निकलना महिलाओं के लिए चिंता का विषय है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर स्वाति मालीवाल ने उठाए सवाल, दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस

निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात

नई दिल्ली: दिल्ली में हुए निर्भय गैंगरेप और मर्डर की घटना के 11 साल होने के बाद भी यहां महिला सुरक्षा में कोई खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है. हालांकि इस घटना के बाद दिल्ली में सुरक्षा को लेकर तमाम बड़े-बड़े दावे किए गए थे. इस घटना के 11 साल बीत जाने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं और कुछ महिलाओं से बातचीत की और दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर उनकी राय जानी.

कुछ छात्राओं ने और महिलाओं ने बताया कि दिल्ली में आज भी हालत महिलाओं को लेकर कुछ नहीं बदला है. जगह-जगह मनचले खड़े रहते हैं सबसे बड़ी बात है कि दिल्ली में महिला सुरक्षा कर्मियों की भी कमी है. पुलिस स्टेशन में फीमेल कांस्टेबल नहीं दिखती हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर आज भी हम लोग डर की वजह से देर शाम घर से बाहर नहीं निकलते. मां-बाप भी उन्हें देर शाम घर से निकलने से मना करते हैं.

निर्भया केस के 11 साल बाद भी दिल्ली में नहीं बदले हालात

महिलाओं का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि दिल्ली में सुरक्षा को लेकर कुछ बड़े उपाय सरकार की तरफ से किए गए हैं .कुछ दिनों तक तो सिर्फ मीडिया में खबरें रहती हैं उसके बाद हालत जस के तस रहते हैे . हालांकि मेट्रो में सफर करने वाली महिलाएं मेट्रो में सेफ्टी को लेकर संतुष्टि जताई.लेकिन बाहर सड़कों और बस में स्थिति को जस का तस बनाया.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए महिलाओं ने बताया कि दिल्ली में थोड़ी बहुत चीज जरूर बदली है लेकिन जितना बदलाव होना चाहिए उतना बदलाव नहीं हुआ है. महिलाएं आज भी घर से निकलने से डरती है और हमारे मां-बाप भी हमको घर से बाहर निकलने में भेजने से डरते हैं.वहीं कुछ महिलाओं और लड़कियों ने सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने को असुरक्षित बताया.

वहीं कुछ महिलाओं का ये भी मानना है कि महिला खुद अपनी सुरक्षा कर सकती हैं .महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. दिल्ली पुलिस हर जगह महिलाओं के साथ नहीं घूमेगी लेकिन थोड़ी बहुत सुरक्षा में जो हालात सुधारे जा सकते हैं उनकी कोशिश जरूर हो सकती है .कुल मिलाकर ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर अभी भी कुछ काम नहीं हुए हैं .हमें बहुत कुछ कदम उठाने की जरूरत है. दिल्ली में अभी भी देर रातघर से बाहर निकलना महिलाओं के लिए चिंता का विषय है.

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