नई दिल्ली: राजधानी में 6 महीने की देरी से हो रहे एमसीडी चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों का जोश हाई है. वहीं एमसीडी चुनाव के मद्देनजर नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सभी राजनीतिक दलों के अंदर हलचल भी तेज हो गई है. इन सबके बीच एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है, जिसकी बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों ने पुष्टि की है. दरअसल दिल्ली बीजेपी के प्रदेश कार्यालय से बीजेपी का ही इलेक्शन सिंबल गायब होने का मामला सामने आया है. हालांकि इस पूरे मामले पर फिलहाल कोई भी बीजेपी का नेता खुलकर नहीं बोल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के जिन उम्मीदवारों ने बीते दिन नामांकन दाखिल किया है, उसमें से 1 वार्ड पर बीजेपी के दो उम्मीदवारों ने एक ही सिंबल से नामांकन दाखिल (2 candidates filed nomination from same seat) कर दिया है.
मामला वार्ड नंबर 74 चांदनी चौक का है. इस वार्ड से वर्तमान समय में पार्षद बीजेपी के रविंद्र कुमार उर्फ रवि कप्तान है, जिन्हें इस बार बीजेपी ने दोबारा एमसीडी चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है. बीते दिन रविंद्र कुमार के द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जाकर अपना नामांकन में दाखिल कर दिया गया है. लेकिन अब जानकारी निकलकर सामने आ रही है की चांदनी चौक की सीट पर बीजेपी के सिंबल पर एक और व्यक्ति द्वारा नामांकन भरा गया है. सरल शब्दों में कहें तो चांदनी चौक की सीट पर रविंद्र कुमार ने बीजेपी की तरफ से तो नामांकन भरा ही, लेकिन एक और व्यक्ति ने बीजेपी के सिंबल पर चांदनी चौक के क्षेत्र से नामांकन भर दिया है.
चांदनी चौक से बीजेपी के सिंबल पर दूसरा नामांकन भरने वाले हरिओम गुप्ता हैं, जो चांदनी चौक से ही बीजेपी के क्षेत्रीय नेता भी है. उनकी पत्नी 2012-2017 के दौरान इस सीट पर पार्षद रह चुकी हैं. लेकिन 2017 में सीट के सामान्य होने पर रविंद्र कुमार को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था और उन्हें जीत मिली थी. पूरे मामले के सामने आने के बाद रविंद्र कुमार ने पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखने के साथ हरिओम गुप्ता की शिकायत भी की है. रविंद्र कुमार और हरिओम गुप्ता दोनों बीजेपी के चांदनी चौक में क्षेत्रीय नेता है और दोनों की जनता के बीच में अच्छी पकड़ भी है. हरिओम गुप्ता को जहां बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता के काफी करीबी माने जाते हैं तो वहीं रविंद्र कुमार बीजेपी के पूर्व विधायक स्वर्गीय वासुदेव कप्तान के पुत्र हैं.
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इस पूरे मामले के सामने आने के बाद बीजेपी में हलचल है. साथ ही चांदनी चौक में संगठन के दो भागों में बंटने की भी खबर सामने आ रही है. इसको लेकर फिलहाल बीजेपी अंदरूनी तौर पर डैमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब आधिकारिक तौर पर बीजेपी की तरफ से रविंद्र कुमार ने पर्चा भरा था तो हरीओम गुप्ता ने कैसे नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी की तरफ से पर्चा भरा और उन्हें पार्टी का सिंबल कहां से मिला. फोन पर हुई बातचीत में बीजेपी के नेता रविंद्र कुमार ने बताया कि मैंने अपनी पूरी बात पार्टी के नेतृत्व के सामने रख दी है और पार्टी ने मुझे ही अधिकृत उम्मीदवार बनाया है. सूची में भी मेरा नाम है ऐसे में अंतिम फैसला पार्टी को ही लेना है. दूसरे उम्मीदवार के द्वारा पार्टी का सिंबल चोरी कर नामांकन भरा गया है.
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