नई दिल्ली: राजधानी में इन दिनों एमसीडी चुनाव को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. इन सब के बीच दिल्ली के बाजारों में भी चुनाव के मद्देनजर चहल पहल काफी बढ़ गई है, जिसके अंतर्गत राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के द्वारा चुनाव प्रचार सामग्री को बड़ी संख्या में खरीदा जा रहा है. इससे मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारियों को थोड़ी राहत मिली (Election campaign material market boom) है. कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में होना वाला यह पहला बड़ा चुनाव है.
चुनाव प्रचार सामग्री बिक्री के कारोबार से जुड़े गुलशन खुराना ने बताया कि एमसीडी चुनाव, दिल्ली के बड़े चुनावों में से एक में गिना जाता है. इस दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा बड़ी संख्या में चुनाव प्रचार सामग्री खरीदी जाती है. आमतौर पर एमसीडी चुनाव के समय प्रचार सामग्री की बिक्री का कारोबार, 100-200 करोड़ रुपये से ज्यादा का ही रहता है. अब तो प्रचार सामग्री आर्डर भी आने शुरू हो गए हैं. उन्होंने बताया कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी से तो साल भर आर्डर आते रहते हैं, लेकिन एमसीडी चुनाव के मद्देनजर उनके ऑर्डर पहले ही आ गए थे. आने वाले दिनों में इसकी बिक्री और तेज होने का अनुमान है.
उन्होंने आगे बताया कि इस बार के एमसीडी चुनाव में स्वागत माला की काफी डिमांड है. पहले जो स्वागत माला होती थी, उसकी कीमत 10 से 15 रुपये होती थी, लेकिन अब जो नई माला बन कर आई है उसकी कीमत महज तीन रुपये है. साथ ही इस बार गांधी टोपी की भी काफी ज्यादा डिमांड है. आम आदमी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी और एआईएमआईएम के द्वारा भी इस बार स्वागत माला का बड़ी संख्या में आर्डर दिया गया है. इसके अतिरक्त लाखों की संख्या में झंडों और टोपियों का भी ऑर्डर दिया गया है.
वहीं एक अन्य व्यापारी गौरव ने बताया कि एमसीडी चुनाव की शुरुआत होते ही बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है. इस बार लगभग 20 से 25 प्रकार की अलग-अलग चीजें बाजार में मौजूद हैं, जो राजनीतिक दलों के द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं. इनमें बैच, बिल्ला, चाबी के छल्ले, मोबाइल स्टीकर, हैंड बैंड, पटका, पेन, लेटर पैड, टी-शर्ट, स्टीकर, बिंदी, स्वागत माला, प्रचार वाले झालर, अलग-अलग डिजाइन की टोपियां, झंडे, मास्क, स्टीकर आदि कई चीजें शामिल हैं. इन चीजों की कीमत 1 रुपये से शुरू होकर 50 रुपये तक जाती है.
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एक अतिरिक्त चुनाव प्रचार सामग्री बेचने वाले व्यापारी अमान ने बताया कि इस बार झंडों, अलग-अलग प्रकार की टोपियों और स्वागत माला के साथ, विशेष रूप से तैयार किए गए झालर की डिमांड भी काफी ज्यादा है. अलग अलग राजनीतिक दलों के द्वारा इन चीजों को बड़ी संख्या में खरीदा जा रहा है. जहां गुजरात और अन्य राज्यों से कपड़ा मंगवाकर झंडा तैयार करवाए जा रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा से झंडे लगाने के लिए डंडे मंगाए जा रहे हैं.
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