नई दिल्ली: नया शैक्षणिक सत्र 2023-24 एक अप्रैल से शुरू हो गया है. शनिवार को शुरू हुए इस नए सत्र में आए छात्रों का शिक्षकों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. छात्र भी शिक्षकों के प्यार और दुलार के बीच अपने अपने क्लास में पढ़ाई करने के लिए पहुंचे. हालांकि शनिवार को छात्रों की संख्या कम रही, लेकिन सोमवार से पूरी क्षमता के साथ छात्र स्कूल पहुंचेंगे. इससे पहले शिक्षा विभाग ने सत्र 2022-23 के लिए तीसरी से ग्यारहवीं के परिणाम घोषित कर दिए हैं. छात्र शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपना परिणाम देख सकते हैं. वहीं, शिक्षा विभाग ने अब तीसरी से ग्यारहवीं क्लास के छात्रों के अंकों में सुधार करने का मौका दिया है. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है.
शिक्षा विभाग के नोटिस में क्या: शिक्षा विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि सत्र 2022-23 के लिए कक्षा 3 से 9वीं और 11वीं के विषय के अंकोx का ऑनलाइन सुधार किया जाए. शिक्षा विभाग ने दिल्ली के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि अंकों का सुधार स्कूल स्तर, जोन स्तर और मुख्यालय स्तर पर ऑनलाइन किया जाएगा. कक्षावार लिंक विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध होगा. एक छात्र के अंकों/विषयों का ऑनलाइन सुधार स्कूल स्तर पर केवल एक बार किया जाएगा. इसके साथ ही, जो छात्र गत सत्र में लंबे समय से अनुपस्थित रहें हैं. उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी. प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम और पैटर्न वही होना चाहिए, जो वार्षिक परीक्षाओं में होता है.
शिक्षा विभाग ने कहा है कि अंकों में सुधार करने के बाद इसे ऑनलाइन अपलोड करना होगा. इसके लिए ऑनलाइन लिंक कक्षा VI से VIII के लिए 1 अप्रैल 2023 से 15 अप्रैल 2023 तक और कक्षा III से V के लिए 17 अप्रैल से 29 अप्रैल 2023 तक ऑनलाइन लिंक उपलब्ध रहेगा. कक्षा III से VIII की कोई भी फाइल परीक्षा शाखा (मुख्यालय) को नहीं भेजी जाएगी. कक्षा IX और XI के लिए 1 अप्रैल से 6 अप्रैल 2023 तक लिंक उपलब्ध रहेगा और उसके बाद 6 अप्रैल 2023 को शाम 05:00 बजे ब्लॉक कर दिया जाएगा.
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शिक्षा विभाग ने स्कूलों से कहा है कि अंकों को अपलोड करने के बाद वह कक्षा IX और XI के पूरे परिणाम को देखें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार की त्रुटि के कारण कोई भी छात्र कम्पार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने से छूट न जाए. शिक्षा विभाग ने कहा है कि पिछले मामलों में यह देखा गया है कि अंक अपलोड करने में शिक्षकों की लापरवाही और लापरवाह रवैये को समिति के सदस्यों द्वारा जानबूझकर अनदेखा किया जाता है, जिससे छात्र की शैक्षणिक और भावनात्मक भलाई प्रभावित होती है. यह प्रथा स्वीकार्य नहीं है और यदि परीक्षा शाखा (मुख्यालय) में ऐसा मामला प्राप्त होता है, तो समिति के सदस्यों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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