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Liquor Scam In Delhi: मनीष सिसोदिया के बाद अब संजय सिंह पर शिकंजा, जानें क्या है पूरा मामला - शराब घोटाले मामले की चार्जशीट

दिल्ली में नई शराब नीति लागू करने के बाद से आम आदमी पार्टी के लिए यह एक मुसीबत बन गई है. मनीष सिसोदिया अभी जेल में हैं और संजय सिंह के घर पर ईडी की रेड पड़ी है.

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अब संजय सिंह पर शिकंजा
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 4, 2023, 2:32 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के सरकारी निवास पर बुधवार सुबह से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की रेड जारी है. चूंकि दिल्ली में शराब घोटाले मामले की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम शामिल है. इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कर रही है. इसलिए माना जा रहा है कि कुछ पुख्ता इनपुट के आधार पर ईडी संजय सिंह के घर पर रेड कर रही है.

17 नवंबर 2021 को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी. इसके बाद से यह आम आदमी पार्टी के लिए नई मुसीबत बन गई है. इस घोटाले के मामले में ही दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में है. चार्जशीट में नामजद संजय सिंह के खिलाफ भी जांच में अब तेजी आ गई है. संजय सिंह के घर पर ईडी की रेड को दिल्ली सरकार के दो मंत्री सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह रेड दिल्ली के विवादित शराब घोटाले को लेकर की गई है.

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि शराब घोटाले के आरोपी शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस बैठक में संजय सिंह भी मौजूद थे. ईडी के सामने दिनेश अरोड़ा द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक वह सबसे पहले एक कार्यक्रम में संजय सिंह से मिला था. इसके बाद वह मनीष सिसोदिया से संपर्क में आया. चार्जशीट के मुताबिक संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली में आगामी चुनाव के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए कई रेस्तरां मालिकों से बात की. इतना ही नहीं उसने 32 लाख रुपए का चेक भी मनीष सिसोदिया को सौंपा. ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मुद्दा सुलझाया जो आबकारी विभाग के पास लंबित था.

बांसुरी स्वराज की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता और दिल्ली बीजेपी में सचिव बांसुरी स्वराज ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है. शराब घोटाले में उन्होंने अपनी चुनिंदा शराब का कारोबारी की जेबें भरी है. उन्होंने तय कर लिया था कि दिल्ली को शराब का शहर बनाना है. संजय सिंह और अन्य भारी नेता इसमें लिप्त हैं. इसलिए आज छापेमारी हो रही है.

छापेमारी भाजपा की हार की बौखलाहट :

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक तथा दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पिछले 15 महीना से ईडी, सीबीआई की जांच और छापेमारी चल रही है. मेरे ख्याल से पूरे देश भर में 1000 से अधिक जगहों पर छापेमारी हो चुकी है. कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन आज तक एक चवन्नी नहीं मिली. यह इस बात का संकेत दे रहा है कि भाजपा और प्रधानमंत्री अगला चुनाव हार रहे हैं. सारी रिपोर्ट इसका संकेत दे रही है. हार की बौखलाहट है जिसमें आज संजय सिंह के यहां छापेमारी हो रही है.

शराब घोटाले की ऐसे शुरू हुई थी जांच : वर्ष 2021-22 की नई शराब नीति लागू होने के बाद कई गड़बड़ियों की शिकायतें उपराज्यपाल को मिली थी. उपराज्यपाल ने उसे गृह मंत्रालय को भेज दिया था. मंत्रालय ने सीबीआई से शराब घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था. जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र भेजा गया, जिसमें गड़बड़ियों का जिक्र था. इसके बाद उपराज्यपाल ने जांच की मंजूरी दी और नई शराब नीति की जांच शुरू हुई. पहले दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने इस मामले की शिकायत की थी.

केजरीवाल सरकार द्वारा लागू नई शराब नीति: केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इसके तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकान खोलनी थी. इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकान खुलनी थी. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 फीसद दुकान सरकारी और 40 फीसद प्राइवेट थी. नई शराब नीति लागू होने के बाद 100 फीसद शराब की दुकान प्राइवेट हो गई. सरकार ने तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा. सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी. नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड रुपए चुकाने पड़े. लेकिन इसी तरह अन्य श्रेणी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई. नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने के आरोप लगे, वहीं बड़े शराब कारोबारी को फायदा होने की बात कही जा रही है.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के सरकारी निवास पर बुधवार सुबह से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की रेड जारी है. चूंकि दिल्ली में शराब घोटाले मामले की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम शामिल है. इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कर रही है. इसलिए माना जा रहा है कि कुछ पुख्ता इनपुट के आधार पर ईडी संजय सिंह के घर पर रेड कर रही है.

17 नवंबर 2021 को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी. इसके बाद से यह आम आदमी पार्टी के लिए नई मुसीबत बन गई है. इस घोटाले के मामले में ही दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में है. चार्जशीट में नामजद संजय सिंह के खिलाफ भी जांच में अब तेजी आ गई है. संजय सिंह के घर पर ईडी की रेड को दिल्ली सरकार के दो मंत्री सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह रेड दिल्ली के विवादित शराब घोटाले को लेकर की गई है.

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि शराब घोटाले के आरोपी शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस बैठक में संजय सिंह भी मौजूद थे. ईडी के सामने दिनेश अरोड़ा द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक वह सबसे पहले एक कार्यक्रम में संजय सिंह से मिला था. इसके बाद वह मनीष सिसोदिया से संपर्क में आया. चार्जशीट के मुताबिक संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली में आगामी चुनाव के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए कई रेस्तरां मालिकों से बात की. इतना ही नहीं उसने 32 लाख रुपए का चेक भी मनीष सिसोदिया को सौंपा. ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मुद्दा सुलझाया जो आबकारी विभाग के पास लंबित था.

बांसुरी स्वराज की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता और दिल्ली बीजेपी में सचिव बांसुरी स्वराज ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है. शराब घोटाले में उन्होंने अपनी चुनिंदा शराब का कारोबारी की जेबें भरी है. उन्होंने तय कर लिया था कि दिल्ली को शराब का शहर बनाना है. संजय सिंह और अन्य भारी नेता इसमें लिप्त हैं. इसलिए आज छापेमारी हो रही है.

छापेमारी भाजपा की हार की बौखलाहट :

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक तथा दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पिछले 15 महीना से ईडी, सीबीआई की जांच और छापेमारी चल रही है. मेरे ख्याल से पूरे देश भर में 1000 से अधिक जगहों पर छापेमारी हो चुकी है. कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन आज तक एक चवन्नी नहीं मिली. यह इस बात का संकेत दे रहा है कि भाजपा और प्रधानमंत्री अगला चुनाव हार रहे हैं. सारी रिपोर्ट इसका संकेत दे रही है. हार की बौखलाहट है जिसमें आज संजय सिंह के यहां छापेमारी हो रही है.

शराब घोटाले की ऐसे शुरू हुई थी जांच : वर्ष 2021-22 की नई शराब नीति लागू होने के बाद कई गड़बड़ियों की शिकायतें उपराज्यपाल को मिली थी. उपराज्यपाल ने उसे गृह मंत्रालय को भेज दिया था. मंत्रालय ने सीबीआई से शराब घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था. जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र भेजा गया, जिसमें गड़बड़ियों का जिक्र था. इसके बाद उपराज्यपाल ने जांच की मंजूरी दी और नई शराब नीति की जांच शुरू हुई. पहले दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने इस मामले की शिकायत की थी.

केजरीवाल सरकार द्वारा लागू नई शराब नीति: केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इसके तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकान खोलनी थी. इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकान खुलनी थी. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया. इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 फीसद दुकान सरकारी और 40 फीसद प्राइवेट थी. नई शराब नीति लागू होने के बाद 100 फीसद शराब की दुकान प्राइवेट हो गई. सरकार ने तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा. सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी. नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को 5 करोड रुपए चुकाने पड़े. लेकिन इसी तरह अन्य श्रेणी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई. नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने के आरोप लगे, वहीं बड़े शराब कारोबारी को फायदा होने की बात कही जा रही है.

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