नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का चुनाव आगामी 27 सितंबर को होगा. सभी शिक्षक संगठन कॉलेजों में अपना प्रचार करने के लिए जा रहे हैं. चुनाव प्रचार में एनडीटीएफ की टीम व उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रोफेसर एके भागी कॉलेजों में जाकर अपनी उपलब्धियों के आधार पर शिक्षकों से वोट मांग रहे हैं. इसी कड़ी में एनडीटीएफ की टीम जब दिल्ली सरकार के कॉलेजों में गई तो वहां के शिक्षकों ने वेतन व एरियर न मिलने की शिकायत की.
क्या बोले डूटा में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार: डूटा में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रोफेसर भागी को दिल्ली सरकार के कॉलेजों के शिक्षकों ने बताया कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 12 कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में अधिकांश शिक्षकों व कर्मचारियों को पिछले तीन-चार महीने से वेतन नहीं मिला है. इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले सर्वाधिक एडहॉक शिक्षक व कांट्रेक्चुअल कर्मचारी है. वेतन न मिलने के कारण शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
एडहॉक शिक्षक ज्यादा परेशान: भागी ने बताया कि वेतन न मिलने से सबसे ज्यादा संकट उन एडहॉक शिक्षकों के सामने है जिन्होंने मकान खरीदा हुआ है, गाड़ी खरीदी है, उन्हें ईएमआई भरने में दिक्कतें आ रही है. वहीं, मेडिकल बिल किलियर नहीं हुए. रिटायर्ड टीचर्स को पेंशन नहीं मिली है. उनका ये भी कहना है कि जिन शिक्षकों की प्रमोशन हो चुकी है उन्हें एरियर अभी तक नहीं मिला. वेतन और एरियर न मिलने के कारण वह परेशान है. इसको लेकर शिक्षक दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मिल चुके हैं.
100 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी: प्रोफेसर भागी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों को 100 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है लेकिन कॉलेजों तक यह ग्रांट अभी तक नहीं पहुंची है. वहीं, कई अन्य शिक्षकों ने बताया कि प्रति माह मिलने वाला वेतन भी कभी भी समय पर नहीं दिया जाता. आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज की स्टॉफ एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें कभी भी सैलरी समय पर नहीं मिलती. इस बाबत उन्होंने एक पत्र दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन व दिल्ली सरकार को भी लिखा है.
प्रोफेसर ने बताया कि दिल्ली सरकार से शत-प्रतिशत ग्रांट लेने वाले कॉलेजों ने अभी तक एडहॉक शिक्षकों को स्थायी करने के लिए पदों को नहीं निकाला. केवल भाष्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस ने अपने यहाँ परमानेंट वैकेंसी निकाली है. जबकि 11 कॉलेजों ने अपना रोस्टर रजिस्टर बना लिया है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का चुनाव हर दो साल पर होता है. शिक्षकों के वेतन से लेकर अन्य डिपार्टमेंट के मुद्दे डूटा प्रतिनिधि के द्वारा उठाए जाते हैं.
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