ETV Bharat / state

बच्चों के गलत आचरण के लिए बच्चों से अधिक शिक्षक वर्ग जिम्मेदार: प्रो. योगेश सिंह

भारतीय शिक्षण मंडल के 54वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शनिवार को किया गया. इसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह पहुंचे. उन्होंने कहा कि बच्चों के गलत आचरण के लिए बच्चों से अधिक शिक्षक वर्ग जिम्मेवार है. विद्यार्थियों को अच्छा बनाने की जिम्मेवारी हम पर है और यह तब होगा जब हम खुद अच्छे बनेंगे.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 1, 2023, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय शिक्षण मंडल के 54वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में किया गया. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए AICTE के चेयरमैन प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि शिक्षा में भारतीय मूल्यों का समावेश करके ही सशक्त भारत का निर्माण किया जा सकता है. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यदि अच्छाई को प्रोमोट करना है तो उस पर प्रीमियम रखना होगा.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारतीय शिक्षक मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी ने बाल शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान समय में 5 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. मुख्य अतिथि प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्राचीन ज्ञान परम्परा को शिक्षा व्यवस्था में सम्मिलित करने का कार्य किया गया है. साथ ही मातृभाषा की महत्ता को अंगीकार भी किया गया है. वर्तमान में ज्ञान एवं कौशल को तकनीकी से जोड़ने के साथ ही भारतीय शिक्षा के लोकतांत्रिकरण के दिशा में कार्य किया जा रहा है. अनुवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण कृतियों को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास है.

प्रो. सीताराम ने आगे कहा कि विगत कुछ वर्षों में समाज में शिक्षक की भूमिका बदली है. तकनीक ने शिक्षण व्यवस्था को बहुत तेजी से बदलने का कार्य किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं चैट जीपीटी के इस युग में सभी तक सूचना है, परन्तु शिक्षक ही समाज का वह अंग है, जो तकनीकी एवं ज्ञान के साथ भारतीय मूल्यों का समावेश करके सशक्त समाज का निर्माण करता है. तकनीक का सही एवं प्रभावी उपयोग वर्तमान युग की जरूरत है. प्रो. सीताराम ने कहा कि नियमित शैक्षणिक कार्यक्रमों में कौशल का समावेश जरूरी है.

समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. योगेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यदि अच्छाई को प्रोत्साहित नहीं करेंगे तो अच्छाई कैसे पनपेगी! कुलपति ने कहा कि बुराई तो अपने आप आ जाती है जबकि अच्छाई बहुत नाजुक होती है. उसे प्रोत्साहित करने के लिए छोटे-छोटे प्रयोग करने होंगे. आज के समय में यह बहुत बड़ी चुनौती है, जिस पर शिक्षण मण्डल को काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह प्राध्यापकों को तय करना है कि इसे कैसे करें. कुलपति ने कहा कि बच्चों के गलत आचरण के लिए बच्चों से अधिक शिक्षक वर्ग जिम्मेवार है. उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप प्राध्यापक हैं और देश आपसे अपेक्षा रखता है. आज समाज से लेकर न्यायालय तक हम पर भरोसा करते हैं. विद्यार्थियों को अच्छा बनाने की जिम्मेवारी हम पर है और यह तब होगा जब हम खुद अच्छे बनेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षण मण्डल को अगले 10-15 वर्षों में इन विषयों पर काम करने की जरूरत है.

शिक्षा में भारतीयता लाना हैः समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारतीय शिक्षक मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारतीय शिक्षण मण्डल का उद्देश्य शिक्षा में भारतीयता लाना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 5 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. यही बच्चे 25 वर्ष बाद भारत का निर्माण करेंगे. प्रो. जोशी ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि आज हमारे पास इसके लिए समय नहीं है. उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि इसे अपना दायित्व मान कर चलें. प्रो. जोशी ने कहा कि आज समाज में श्रेष्ठ, समर्पित एवं तपस्वी अध्यापकों की जरूरत है. शिक्षक जैसा सोचेगा, समाज का व्यवहार भी वैसा ही होगा. भारतीय शिक्षण मण्डल भारतीय शिक्षा व्यवस्था को भारतीय मूल्यों से पोषित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है. रीति एवं नीति से आगे बढ़कर भविष्य के भारत को गढ़ने में यह संगठन सराहनीय कार्य कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Liquor Scam: दलीलें काम न आने पर मुश्किल में सिसोदिया, अब HC का दरवाजा खटखटाएगी AAP

उन्होंने आगे कहा कि जिस समाज में श्रेष्ठ अध्यापक होंगे, उस समाज को किसी चीज के लिए दूसरी तरफ नहीं देखना होगा. आज प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही बच्चों में भारतीय मूल्यों के बीजारोपण की आवश्यकता है, जिससे उन्हें राष्ट्र एवं समाज के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके. भारतीय संतों ने अपने ज्ञान एवं तप से भारतीय समाज की सशक्त नींव रखने का कार्य किया है, जिसे शिक्षक रुपी विद्वतशक्ति ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी समृद्ध करने का कार्य किया है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली हज कमेटी को 10 दिनों के भीतर खाली करना होगा ऑफिस, दिल्ली सरकार के DUSIB ने दिया निर्देश

नई दिल्ली: भारतीय शिक्षण मंडल के 54वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉन्फ्रेंस सेंटर में किया गया. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए AICTE के चेयरमैन प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि शिक्षा में भारतीय मूल्यों का समावेश करके ही सशक्त भारत का निर्माण किया जा सकता है. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यदि अच्छाई को प्रोमोट करना है तो उस पर प्रीमियम रखना होगा.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारतीय शिक्षक मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी ने बाल शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान समय में 5 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. मुख्य अतिथि प्रो. टी. जी. सीताराम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्राचीन ज्ञान परम्परा को शिक्षा व्यवस्था में सम्मिलित करने का कार्य किया गया है. साथ ही मातृभाषा की महत्ता को अंगीकार भी किया गया है. वर्तमान में ज्ञान एवं कौशल को तकनीकी से जोड़ने के साथ ही भारतीय शिक्षा के लोकतांत्रिकरण के दिशा में कार्य किया जा रहा है. अनुवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण कृतियों को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास है.

प्रो. सीताराम ने आगे कहा कि विगत कुछ वर्षों में समाज में शिक्षक की भूमिका बदली है. तकनीक ने शिक्षण व्यवस्था को बहुत तेजी से बदलने का कार्य किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं चैट जीपीटी के इस युग में सभी तक सूचना है, परन्तु शिक्षक ही समाज का वह अंग है, जो तकनीकी एवं ज्ञान के साथ भारतीय मूल्यों का समावेश करके सशक्त समाज का निर्माण करता है. तकनीक का सही एवं प्रभावी उपयोग वर्तमान युग की जरूरत है. प्रो. सीताराम ने कहा कि नियमित शैक्षणिक कार्यक्रमों में कौशल का समावेश जरूरी है.

समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. योगेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यदि अच्छाई को प्रोत्साहित नहीं करेंगे तो अच्छाई कैसे पनपेगी! कुलपति ने कहा कि बुराई तो अपने आप आ जाती है जबकि अच्छाई बहुत नाजुक होती है. उसे प्रोत्साहित करने के लिए छोटे-छोटे प्रयोग करने होंगे. आज के समय में यह बहुत बड़ी चुनौती है, जिस पर शिक्षण मण्डल को काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह प्राध्यापकों को तय करना है कि इसे कैसे करें. कुलपति ने कहा कि बच्चों के गलत आचरण के लिए बच्चों से अधिक शिक्षक वर्ग जिम्मेवार है. उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप प्राध्यापक हैं और देश आपसे अपेक्षा रखता है. आज समाज से लेकर न्यायालय तक हम पर भरोसा करते हैं. विद्यार्थियों को अच्छा बनाने की जिम्मेवारी हम पर है और यह तब होगा जब हम खुद अच्छे बनेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षण मण्डल को अगले 10-15 वर्षों में इन विषयों पर काम करने की जरूरत है.

शिक्षा में भारतीयता लाना हैः समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारतीय शिक्षक मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारतीय शिक्षण मण्डल का उद्देश्य शिक्षा में भारतीयता लाना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 5 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. यही बच्चे 25 वर्ष बाद भारत का निर्माण करेंगे. प्रो. जोशी ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि आज हमारे पास इसके लिए समय नहीं है. उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि इसे अपना दायित्व मान कर चलें. प्रो. जोशी ने कहा कि आज समाज में श्रेष्ठ, समर्पित एवं तपस्वी अध्यापकों की जरूरत है. शिक्षक जैसा सोचेगा, समाज का व्यवहार भी वैसा ही होगा. भारतीय शिक्षण मण्डल भारतीय शिक्षा व्यवस्था को भारतीय मूल्यों से पोषित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है. रीति एवं नीति से आगे बढ़कर भविष्य के भारत को गढ़ने में यह संगठन सराहनीय कार्य कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Liquor Scam: दलीलें काम न आने पर मुश्किल में सिसोदिया, अब HC का दरवाजा खटखटाएगी AAP

उन्होंने आगे कहा कि जिस समाज में श्रेष्ठ अध्यापक होंगे, उस समाज को किसी चीज के लिए दूसरी तरफ नहीं देखना होगा. आज प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही बच्चों में भारतीय मूल्यों के बीजारोपण की आवश्यकता है, जिससे उन्हें राष्ट्र एवं समाज के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके. भारतीय संतों ने अपने ज्ञान एवं तप से भारतीय समाज की सशक्त नींव रखने का कार्य किया है, जिसे शिक्षक रुपी विद्वतशक्ति ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी समृद्ध करने का कार्य किया है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली हज कमेटी को 10 दिनों के भीतर खाली करना होगा ऑफिस, दिल्ली सरकार के DUSIB ने दिया निर्देश

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.