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World Diabetes Day 2023: डॉक्टरों ने दी गर्भधारण से पहले शुगर जांच की सलाह, एम्स की स्टडी में सामने आई यह बात..

डॉक्टरों का कहना है कि हाल ही में एम्स की गर्भवती महिलाओं पर की गई एक स्टडी सामने आई है, जिसमें हमने देखा कि जिन महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हुई थी उनकी डायबिटीज डिलीवरी होने के बाद ठीक हो गई. लेकिन, उनमें से 30 प्रतिशत महिलाओं को एक साल के अंदर ही टाइप-2 डायबिटीज ने अपनी चपेट में ले लिया. World Diabetes Day

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 14, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगियों वाला देश है. इसे विश्व की डायबिटीज राजधानी भी कहा जाता है. जून 2023 में आई लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में साढ़े ग्यारह करोड़ से ज्यादा शुगर रोगी रहते हैं. साथ ही देश में शुगर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दिल्ली एम्स में इंडोक्रिनोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एवं डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि चौथे और पांचवें नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार देश में ग्रामीण इलाकों में भी शुगर रोगियों की संख्या बढ़ रही है. यह बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि भारत की 75 प्रतिशत आबादी गांव में ही निवास करती है.

डॉक्टर खडगागवत ने आगे कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था में कृषि का सबसे बड़ा योगदान रहता है. अगर गांव के रोग ही लोग ही शुगर से पीड़ित होने लगेंगे तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इसलिए शुगर या डायबिटीज नामक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक होना आवश्यक है. यह रोग पहले 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को होता था. लेकिन, पिछले काफी समय से यह रोग लाइफस्टाइल रोग के रूप में सामने आया है और इसने 30 साल से ऊपर के लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है.

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डायबिटीज

एम्स की स्टडी में हुआ नया खुलासा : डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि हाल ही में एम्स की गर्भवती महिलाओं पर की गई एक स्टडी सामने आई है, जिसमें हमने देखा कि जिन महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हुई थी उनकी डायबिटीज डिलीवरी होने के बाद ठीक हो गई. लेकिन, उनमें से 30 प्रतिशत महिलाओं को एक साल के अंदर ही टाइप-2 डायबिटीज ने अपनी चपेट में ले लिया.

इसका मतलब है हर चार महिलाओं में से एक को स्थायी शुगर हो जाना यह चिंता की बात है. लेकिन, इसे रोका जा सकता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि अगर किसी महिला को गर्भधारण के दौरान डायबिटीज हो जाए तो डिलीवरी के बाद जब उनकी डायबिटीज ठीक हो जाती है तो उसके बाद भी उनको अपना ध्यान रखना बहुत जरूरी है. महिलाओं को अपनी फिजीकल एक्टिविटी को जारी रखना चाहिए. 40 मिनट की एक्सरसाइज करना जरूरी है. चाहे वह व्यायाम करें, घूमें या फिर दौड़ें.

गर्भधारण से पहले कराएं शुगर की जांच : डॉक्टर राजेश खडगावत ने बताया कि जब भी बच्चे की प्लानिंग करें तो उससे पहले शुगर की जांच जरूर कराएं. हो सकता है आप शुगर के मरीज हों और आपको पता नहीं हो. अगर जांच मे शुगर का पता चले तो पहले शुगर को कंट्रोल करें उसके बाद बच्चा प्लान करें.

दिल्ली में शुगर के 17.8 प्रतिशत मरीजः डॉक्टर राजेश खडगावत ने बताया कि दिल्ली में शुगर के 17.8 प्रतिशत मरीज, जून 2023 में प्रकाशित लैंसेट की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश की राजधानी दिल्ली में शुगर रोगियों की संख्या 17.8 प्रतिशत है.

नई दिल्ली: भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगियों वाला देश है. इसे विश्व की डायबिटीज राजधानी भी कहा जाता है. जून 2023 में आई लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में साढ़े ग्यारह करोड़ से ज्यादा शुगर रोगी रहते हैं. साथ ही देश में शुगर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दिल्ली एम्स में इंडोक्रिनोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एवं डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि चौथे और पांचवें नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार देश में ग्रामीण इलाकों में भी शुगर रोगियों की संख्या बढ़ रही है. यह बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि भारत की 75 प्रतिशत आबादी गांव में ही निवास करती है.

डॉक्टर खडगागवत ने आगे कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था में कृषि का सबसे बड़ा योगदान रहता है. अगर गांव के रोग ही लोग ही शुगर से पीड़ित होने लगेंगे तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इसलिए शुगर या डायबिटीज नामक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक होना आवश्यक है. यह रोग पहले 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को होता था. लेकिन, पिछले काफी समय से यह रोग लाइफस्टाइल रोग के रूप में सामने आया है और इसने 30 साल से ऊपर के लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है.

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डायबिटीज

एम्स की स्टडी में हुआ नया खुलासा : डॉ राजेश खडगावत ने बताया कि हाल ही में एम्स की गर्भवती महिलाओं पर की गई एक स्टडी सामने आई है, जिसमें हमने देखा कि जिन महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हुई थी उनकी डायबिटीज डिलीवरी होने के बाद ठीक हो गई. लेकिन, उनमें से 30 प्रतिशत महिलाओं को एक साल के अंदर ही टाइप-2 डायबिटीज ने अपनी चपेट में ले लिया.

इसका मतलब है हर चार महिलाओं में से एक को स्थायी शुगर हो जाना यह चिंता की बात है. लेकिन, इसे रोका जा सकता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि अगर किसी महिला को गर्भधारण के दौरान डायबिटीज हो जाए तो डिलीवरी के बाद जब उनकी डायबिटीज ठीक हो जाती है तो उसके बाद भी उनको अपना ध्यान रखना बहुत जरूरी है. महिलाओं को अपनी फिजीकल एक्टिविटी को जारी रखना चाहिए. 40 मिनट की एक्सरसाइज करना जरूरी है. चाहे वह व्यायाम करें, घूमें या फिर दौड़ें.

गर्भधारण से पहले कराएं शुगर की जांच : डॉक्टर राजेश खडगावत ने बताया कि जब भी बच्चे की प्लानिंग करें तो उससे पहले शुगर की जांच जरूर कराएं. हो सकता है आप शुगर के मरीज हों और आपको पता नहीं हो. अगर जांच मे शुगर का पता चले तो पहले शुगर को कंट्रोल करें उसके बाद बच्चा प्लान करें.

दिल्ली में शुगर के 17.8 प्रतिशत मरीजः डॉक्टर राजेश खडगावत ने बताया कि दिल्ली में शुगर के 17.8 प्रतिशत मरीज, जून 2023 में प्रकाशित लैंसेट की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश की राजधानी दिल्ली में शुगर रोगियों की संख्या 17.8 प्रतिशत है.

Last Updated : Nov 14, 2023, 5:17 PM IST
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