नई दिल्ली: देशभर में 14 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. सिख धर्म के साथ हिंदू धर्म में इस पर्व का काफी महत्त्वता है. राजधानी दिल्ली, पंजाब, और हरियाणा में यह त्योहार काफी लोकप्रिय भी माना जाता है. पूरे देशभर में बैसाखी के पर्व की धूम देखी जा रही है. गुरुद्वारा में सुबह तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है. वहीं इस त्यौहार पर लोग गंगा नदी में पावन स्नान कर रहे हैं.
दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में भी सुबह से ही गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और बैसाखी के इस महापर्व को मना रहे हैं. इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आज गुरुद्वारा बंगला साहिब पहुंचे, जहां पर उन्होंने सरोवर में डुबकी लगाई, गुरुद्वारे में मत्था टेका और अरदास लगाई. इस अवसर पर गुरुद्वारे में काफी भीड़ देखी गई. सुबह से ही श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुंच रहे हैं और गुरुद्वारे के अंदर बने सरोवर में डुबकी लगा रहे हैं.
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बता दें, बैसाखी के त्योहार को खासतौर पर इस वजह से भी मनाया जाता है कि इस दिन से रबी की पकी फसल की कटाई शुरू हो जाती है. हिंदू धर्म और सिख धर्म में खासतौर पर इस त्यौहार को बड़े ही घूमधाम के साथ मनाया जाता है. बैसाखी का पर्व कई मायनों में बेहद ही खास होता है. इस दिन से ही सिख धर्म के लोगों का नववर्ष प्रारंभ होता है.
ऐसा माना जाता है कि बैसाखी के दिन ही गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने साल 1699 में बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी. बैसाखी का पर्व खुशहाली और समृद्धि का पर्व होता है और यह किसानों के लिए भी बेहद खास माना जाता है.
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