ETV Bharat / state

भरोसा देने के बावजूद बीसीआई ने पिछले नौ महीने में नहीं उठाया कोई कदम, अब हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

शिक्षा के अधिकार कानून को लॉ कोर्सेज में शामिल करने की मांग पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया. कोर्ट के समक्ष बीसीआई ने नौ महीने पहले ही इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 8, 2023, 5:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ कोर्सेज के सिलेबस में राईट टू एजुकेशन (आरटीई) को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर सुनवाई की. 24 जनवरी, 2024 को मामले की अगली सुनवाई करने का आदेश दिया बेंच ने दिया.

सोशल जूरिस्ट नामक संगठन की ओर से वकील अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉ कोर्सेज में आरटीई को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग बीसीआई से की गई थी, लेकिन बीसीआई ने इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बता दें, मार्च में ऐसी ही मांग पर सुनवाई के बाद बीसीआई ने इस पर विचार करने का भरोसा दिया था. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने बीसीआई को प्रतिवेदन दिया था.

ये भी पढ़ें: एम्स की सीटें बिकाऊ नहीं है..., यह कहते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी याचिका, जानें पूरा मामला

आरटीई कानून की अहमियत होगी खत्म: सुनवाई के दौरान संगठन की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट में भरोसा देने के बावजूद बीसीआई ने पिछले नौ महीने में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि आरटीई को लॉ कोर्सेज में शामिल करने में की जा रही देरी से आरटीई कानून की अहमियत ही खत्म हो जाएगी. सुनवाई के दौरान अशोक अग्रवाल ने कहा कि आरटीई के पूरे तरीके से लागू करने की बड़ी समस्या यह है कि छात्रों और वकीलों को इस कानून के बारे में नहीं पढ़ाया जाता है. ऐसा होना वंचित तबके के लिए काफी नुकसानदायक है.

ये भी पढ़ें: महाठग सुकेश चंद्रशेखर और जैकलीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अवतार सिंह कोचर को मिली जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ कोर्सेज के सिलेबस में राईट टू एजुकेशन (आरटीई) को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर सुनवाई की. 24 जनवरी, 2024 को मामले की अगली सुनवाई करने का आदेश दिया बेंच ने दिया.

सोशल जूरिस्ट नामक संगठन की ओर से वकील अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉ कोर्सेज में आरटीई को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग बीसीआई से की गई थी, लेकिन बीसीआई ने इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बता दें, मार्च में ऐसी ही मांग पर सुनवाई के बाद बीसीआई ने इस पर विचार करने का भरोसा दिया था. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने बीसीआई को प्रतिवेदन दिया था.

ये भी पढ़ें: एम्स की सीटें बिकाऊ नहीं है..., यह कहते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी याचिका, जानें पूरा मामला

आरटीई कानून की अहमियत होगी खत्म: सुनवाई के दौरान संगठन की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट में भरोसा देने के बावजूद बीसीआई ने पिछले नौ महीने में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि आरटीई को लॉ कोर्सेज में शामिल करने में की जा रही देरी से आरटीई कानून की अहमियत ही खत्म हो जाएगी. सुनवाई के दौरान अशोक अग्रवाल ने कहा कि आरटीई के पूरे तरीके से लागू करने की बड़ी समस्या यह है कि छात्रों और वकीलों को इस कानून के बारे में नहीं पढ़ाया जाता है. ऐसा होना वंचित तबके के लिए काफी नुकसानदायक है.

ये भी पढ़ें: महाठग सुकेश चंद्रशेखर और जैकलीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अवतार सिंह कोचर को मिली जमानत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.