नई दिल्ली: कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दिल्ली के मॉडल टाउन में स्थित नैनी झील पर दीपोत्सव मनाया गया. इस मौके पर झील के किनारे करीब 1100 दीप जलाए गए. बनारस की तर्ज पर गंगा नदी किनारे होने वाली आरती की तरह यहां आरती की गई. जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थिति हुए. वहीं झील पर भगवान श्री रामचंद्र, सीता माता, लक्ष्मण और हनुमान नाव में सवार होकर श्रीलंका से अयोध्या लौटते हुए थीम भी दर्शाई गई.
दिल्ली के मॉडल टाउन में स्थित नैनी झील पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दीपोत्सव मनाया गया. जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस दीपोत्सव में लंकापति रावण, भगवान शिव शंभू, माता पार्वती जी का नृत्य और कई तरह की झांकियां दिखाई गईं. अंत में इस दीपोत्सव की समाप्ति से पहले नैनी झील में सवार होकर भगवान श्री रामचंद्र-सीता मैया, भगवान लक्ष्मण और भगवान हनुमान जी की टोली नाव में सवार होकर एक झील के एक तट से दूसरे तट तक पहुंची, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि मानों लंका से विजयी होकर भगवान श्री रामचन्द्र अयोध्या पहुंचे हैं. इस आयोजन में भजन-कीर्तन व करीब 1100 दीपों को झील किनारे प्रज्वलित किया गया, जिससे यहां का माहौल भक्तिमय हो गया.
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बता दें गंगा आरती से पहले भगवान श्री रामचंद्र जिस तरह रावण का वध कर, 14 वर्षों की वनवास काटकर अयोध्या लौटते थे, उसी थीम को आज मॉडल टाउन की इस नैनी झील में दर्शाया गया है. यह आयोजन देखकर एक बार फिर से नवरात्रों में हुई रामलीलाओं का मंचन की चित्र उभरने लगी.