नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के 12 अगस्त को होने वाले चुनावों में दिल्ली एमेच्योर कुश्ती संघ की ओर से भी दावेदारी पेश की गई है. दरअसल, डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष पद के लिए दिल्ली एमेच्योर कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व ओलंपियन जय प्रकाश भी चुनावी मैदान में हैं. सोमवार देर शाम जारी कुश्ती संघ पदाधिकारियों के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी होने के बाद तस्वीर साफ हो गई. उपाध्यक्ष पद के चार पदों के लिए अब पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले जय प्रकाश ने अध्यक्ष और महासचिव के लिए भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन बाद में इन दोनों पदों से अपना नामांकन वापस ले लिया था.
जय प्रकाश महिला पहलवानों के उत्पीड़न के आरोप में घिरे भाजपा सांसद बृज भूषण के समर्थक हैं. उनकी पारिवारिक विरासत भी पहलवानी की ही रही है. उनके पिता जसराम खुद पहलवान थे. वह अपोलो हॉस्पिटल के पास गुरू जसराम के नाम से अपना अखाड़ा भी चलाते थे. पिता के बाद उनके अखाड़े को जय प्रकाश ने भी बखूबी संभाला.
जय प्रकाश ने बताया कि अब उनकी चौथी पीढ़ी भी पहलवानी में उतर चुकी है. उनके अखाड़े में आज भी प्रतिदिन 100 से ज्यादा पहलवानों को दांव पेच सिखाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्होंने अपने घर में कुश्ती को फलते फूलते देखा है. इसलिए कुश्ती से विशेष लगाव है. शुरू से ही कुश्ती के लिए समर्पित रहे हैं. दिल्ली कुश्ती संघ के अध्यक्ष से लेकर भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव तक हर पद पर रहते हुए कुश्ती को आगे बढ़ाने के लिए ही काम किया है. उपाध्यक्ष पद पर मौका मिलेगा तो नई ऊर्जा के साथ फिर कुश्ती के लिए काम करेंगे. उन्होंने अध्यक्ष पद सहित अधिकांश सभी पदों पर अपने गुट के प्रत्याशियों की जीत का दावा किया है.
दक्षिण पूर्वी जिले के जसोला गांव के निवासी जयप्रकाश ने बताया कि वह 1984 के ओलंपिक में खेल चुके हैं. 1982 कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और साउथ एशियन गेम्स में पदक विजेता रहे हैं. इसके साथ ही वह हिंद केसरी व भारत केसरी भी रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पुराने जमाने में जब वह पहलवानी करते थे तो पहलवानों के लिए कोई सुविधा नहीं होती थी. लेकिन, ओलंपिक खेलने के जुनून ने संसाधनों की कमी को आड़े नहीं आने दिया. उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदार जय प्रकाश, असित कुमार साहा, करतार सिंह, मोहन यादव और एनफोनी मैदान में है.
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